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क्या मणिपुर हिंसा में चीन दखल दे रहा है ?

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा जारी है। कुकी और मैतेई समाज के बीच दूरियां इतनी बढ़ गई है कि दोनों समाज के लोग न तो एक दूसरे के साथ रहने को राजी है और न ही एक सरकार से संचालित होने चाहते हैं। दोनों गुटों की तरफ से अलग प्रशासनिक परिषद् बनाने की मांग की जा रही है। इसी बीच पूर्व सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने एक बयान जारी कर सनसनी फैला दी हैं। उन्होंने कहा है कि मणिपुर में जो भी होता दिख रहा है उसमे किसी विदेशी एजेंसियों के शामिल होने से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने साफ़ तौर से कहा कि इसमें चीन का हाथ भी हो सकता है!
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा है कि बॉर्डर राज्यों में अस्थिरता देश की समग्र सुरक्षा के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने मणिपुर में उग्रवादी संगठनों को चीन की तरफ से दी जा रही सभी प्रकार के सहायता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह के आधुनिक हथियार का उपयोग उग्रवादी कर रहे हैं वह बिना किसी विदेशी ताकत के सहायता के संभव नहीं हैं। पूर्व सेना प्रमुख इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय सुरक्षा परिपेक्ष्य पर आयोजित एक विषय पर बोल रहे थे।

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पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि मुझे यकीन है कि जो लोग सत्ता में हैं और जो भी कार्रवाई की जानी चाहिए ,उसे करने के लिए जिम्मेदार हैं। वे अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं। मैं कह सकता हूँ कि इसमें किसी विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। सच तो यही है कि विदेशी एजेंसी इसमें शामिल हैं। विद्रोही समूह को चीन से सहायता मिल रही है। उन्होंने कहा कि चीन कई सालों से विद्रोही गुटों की सहायता करता रहा है। और अब भी कर रहा है। ताकि भारत के विकास को बाधित किया जा सके। चीन की यह नीति रही है कि अपने मजबूत पड़ोसियों को किसी ऐसे मामले में उलझा दिया जाए कि वह अपने मुख्य एजेंडे से भटक जाए।
बता दें कि मणिपुर में पिछले तीन महीने से मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा जारी है। इस हिंसा में अभी तक सैकड़ों लोगों की जाने चली गई है। हजारो घर जलाये जा चुके हैं। हजारों लोग घायल है और 80 हजार से ज्यादा लोग शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए विवश हैं। इसी बीच कई महिलाओं के साथ बलात्कार और यौन शोषण की घटनाएं भी सामने आ रही है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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