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देपसांग और डेमचोक में भारतीय गश्त पर क्यों ऐतराज जाता रहा है चीन ?

India-China: कहने को आप कुछ भी कहिये लेकिन सच यही है कि भारत और चीन (China) के बीच सीमा विवाद का कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। दोनों देशों के बीच बातचीत तो होती है लेकिन सीमा विवाद ख़त्म नहीं हो रहे। अभी दो दिनों तक दोनों देशों के सैन्य दाहिकारियों के बीच बेहतर माहौल में बातचीत तो हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। सच तो यही है कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और मैदानी इलाके डेमचोक के बीच आज भी टकराव की स्थिति बनी हुई है। कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं। देपसांग, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के साथ ही काराकोरम के दर्रे के इलाके में भारतीय गश्त का चीन लगातार विरोध कर रहा है और वहां भारत के अधिकार को नकार रहा है।

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पिछले दो दिन तक चुशुल मोल्डो सीमा बैठक में दोनों देशों के कमांडर स्तर के सेनाओं की बीच बैठक जरूर बेहतर माहौल में हुई है लेकिन बेहतर परिणाम सामने नहीं आये हैं। आगे भी इसी तरह की वार्ता और भी हो सकती हैं लेकिन सबसे बड़ी बात है कि भारत का जहां तक अधिकार क्षेत्र है वहां चीन आज भी अड़ंगा डाल रहा है।

सबसे बड़ी चिंता देपसांग और डेमचोक को लेकर है। डेमचोक एक प्लेन इलाका है और इसकी ऊंचाई करीब 16000 फ़ीट से भी ज्यादा है। यह जगह सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय सैनिक इन इलाकों से चीन को पीछे जाने को कह रही है लेकिन चीन (China) हटने का नाम नहीं ले रहा है। खबर के मुताबिक भारत जहां पहले गश्त लगा रहा था वहां भी अब चीन गश्त लगाने से मना कर रहा है। गश्ती केंद्रों 10, 11, 11 ए, 12 और 13 केंद्रों पर जाने से चीन ने भारतीय गश्ती दलों को रोक रखा है। बता दें कि ये सभी केंद्र भारत के भीतर हैं और भारतीय क्षेत्र से करीब 18 किलोमीटर भीतर भी है। खबर के मुताबिक चीन इस क्षेत्र में करीब 972 किलोमीटर का दावा कर रहा है। यह तिब्बत को शिनजियांग से जोड़ने वाले अपने महत्वपूर्ण पश्चिमी राजमार्ग जी 219 के काफी नजदीक है।

लगभग यहीं डेमचोक का भी है। इसके साथ ही पांगोंग त्सो-कैलाश रेंज, गलवान घाटी और गोगरा हॉट स्प्रिंग जैसे इलाके में आज भी चीनी सेना तैनात हैं और चीन (China) हमारे सेना को आगे बढ़ने नहीं दे रही है। पहले भारत 65 गश्ती केंद्र तक गश्त लगाती थी जबकि अब भारतीय सेना मात्र 26 केंद्रों तक ही गश्त लगा रही है। इसी इलाके से काराकोरम दर्रे से लद्दाख में दक्षिण चुमार तक जाने का रास्ता है। यही से दौलत बेग ओल्डी की तरफ भी रास्ता जाता है। बता दें कि दौलत बेग ओल्डी एक दुर्गम इलाका है और यहां दिन में भी तेज हवाएं चलती रहती है। ठंड इतनी होती है कि यहां कोई इंसान ठहर नहीं सकता। यहां भारत का सबसे ऊंचा एयर फ़ोर्स हवाई पट्टी भी है। लेकिन चीन अब यहां पर कई तरह के निर्माण को आगे बढ़ा रहा है। यही से चीन सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में भी प्रवेश करता रहता है।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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