Army Day 2024: सेना के जवानों के साथ हर भारतवासी के लिए आज का दिन गर्व करने का है। हर साल की तरह आज के दिन को भारतीय सेना आर्मी डे के रूप में मनाएगी। आज का Army Day कार्यक्रम यूपी की राजधानी लखनऊ में होने जा रहा है। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीफ गेस्ट होंगे।
नई दिल्ली: दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आएगी। इंडियन आर्मी यानी हमारी भारतीय सेना, जिनके वीरता की जितनी तारीफ की जाए कम है। इतिहास के पन्नों (Army Day 2024) को पलटने पर हमें इन जवानों के शौर्य और वीरता की अनगिनत (Army Day 2024) कहानियां सुनने को मिलती हैं। हर साल 15 जनवरी का यह दिन विशेष तौर पर हमारे भारतीय रणबांकुरों के लिए ही मनाया जाता है। नाम दिया गया है ‘Army Day’। लेकिन 15 जनवरी ही सेना के लिए खास तारीख के रूप में क्यों चुनी गई, इसके बारे में आगे बताएंगे। उससे पहले बता दें कि देश आज 76वां Army Day मनाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि होंगे। यह आयोजन यूपी की राजधानी लखनऊ में होगा। तो आइए आपको बताते हैं कि 15 जनवरी भारतीय सेना के लिए क्यों खास है। क्या है इसका महत्व
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इस बार कहां मनाया जाएगा सेना दिवस?
आजका 76वां Army Day उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मनाया जाएगा। यह लगातार दूसरी बार होगा जब Army Day का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली से बाहर हो रहा है। इससे पहले 2023 में बेंगलुरु के गोविंदस्वामी परेड ग्राउंड में आयोजित हुआ था। आर्मी चीफ मनोज पांडे ने कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे। आज लखनऊ में मनाए जा रहे Army Day के दौरान सूर्य खेल परिसर में परेड के बाद शौर्य संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य guest के रूप में शामिल होंगे। इस आयोजन में marshal art के विभिन्न रूपों सुखोई और किरण विमानों द्वारा flying past के साथ-साथ कई सैन्य प्रदर्शन होंगे।
indian army यानी हमारी भारतीय सेना जब देश गुलाम था तब ही बन गई थी। भारतीय सेना की शुरुआता 1 अप्रैल 1895 में हुई थी। लेकिन तब हम अंग्रेजों के गुलाम थे। भारतीय सेना की शुरुआत east india company की सेना से हुई थी, जिसे बाद में ‘ब्रिटिश भारतीय सेना’ के नाम से जाना गया। आखिरकार, स्वतंत्रता के बाद, इसे राष्ट्रीय सेना के रूप में जाना जाने लगा। हमारे पास खुद का सेना प्रमुख नहीं था। वह भी अंग्रेज को ही बनाया गया था। तब सेना प्रमुख ब्रिटिश कमांडर जनरल फ्रांसिस बुचर थे। आजादी के दो साल बाद 15 जनवरी 1949 को हमें पहला भारतीय सेना प्रमुख मिला। नाम था फील्ड मार्शल k. m. करिअप्पा।
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हमारी सेना 15 जनवरी के दिन ही हर साल Army Day क्यों मनाती है। यह सवाल हर किसी के मन में होगा चलिए आपको इसका जवाब भी दिए देते हैं। दरअसल, जैसा पहले बताया गया, भारत ने लगभग 200 साल के ब्रिटिश शासन के बाद 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त की थी। उस समय देश सांप्रदायिक दंगों से गुजर रहा था, शरणार्थी पाकिस्तान से आ रहे थे और कुछ लोग पाकिस्तान की ओर पलायन कर रहे थे। इस तरह के अराजकतापूर्ण माहौल के कारण कई प्रशासनिक समस्याएं उभरने लगीं। तब सेना को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आगे आना पड़ा ताकि विभाजन के दौरान शांति सुनिश्चित की जा सके। इसके बाद एक तारीख चुनी गई 15 जनवरी। चूंकि बाद में इसी रोज फील्ड मार्शल करिअप्पा पहले सेना प्रमुख बने थे इसलिए यह तरीख बाद के दिनों में और भी खास हो गई।
आजादी के बाद स्वतंत्र भारत का निर्माण करते वक्त, यह बेहद जरूरी था कि देश की रक्षा का दायित्व उसी के वीर सपूतों को सौंपा जाए। यही वजह थी कि 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल K.M. करिअप्पा भारत के पहले स्वतंत्र सेना प्रमुख बने। उस समय तक Indian army की कमान british general सर फ्रांसिस बुचर के हाथों में थी। मगर स्वतंत्रता के साथ ही यह जरूरी हो गया था कि सेना का नेतृत्व अपने ही वीर हथिया लें। इसलिए इस ऐतिहासिक क्षण को सम्मानित करने और भारतीय सेना के जज्बे को सलाम करने के लिए हर साल 15 जनवरी को Army day मनाया जाता है।
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इस खास दिन देशभर के सभी सेना मुख्यालयों और राष्ट्रीय राजधानी में सेना परेड का आयोजन किया जाता है। ये परेड सैनिकों के अनुशासन, शौर्य और देशभक्ति का शानदार प्रदर्शन होता है। सेना दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में होती है…