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नीतीश मोदी की PM मोदी से मुलाकात क्यों है खास, जानिए?

CM Nitish Kumar Meet PM Modi: बिहार में सियासी खेला करने के बाद कल नीतीश कुमार दिल्ली दौरे पर पहुंचे, जहां पर उन्होंने बीजेपी आलाकमान से मुलाकात की। जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात 151 दिन बाद हुई। इससे पहले दोनों नेता 9 सितंबर 2023 को दिल्ली में G20 के डिनर में मिले थे।और आज नीतीश कुमार बिहार में सत्ता बदलने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री के सामने आए।पीएम मोदी के साथ नीतीश कुमार की मुलाकात कई मायनों में अहम है। क्योंकि बिहार में 12 फरवरी को बहुमत परीक्षण होना है।इसी महीने के आखिर में बिहार की 6 राज्यसभा सीटों पर चुनाव है।इसके बाद लोकसभा चुनाव भी होने हैं और मोदी ने 400 पार का लक्ष्य तय किया है जिसमें बिहार की 40 सीटें काफी अहम रहने वाली हैं।

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नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से अपने मन की बात की और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। बिहार में सरकार के नए स्वरूप के साथ ही बिहार के विकास को कैसे रफ्तार मिले इस पर भी बात हुई।प्रधानमंत्री के साथ नीतीश कुमार की मुलाकात दिल्ली में हुई और 5 दिन बाद उन्हें पटना में बहुमत साबित करना है। जिसे लेकर हलचल तेज है।जीतन राम मांझी अपनी पार्टी के लिए दो मंत्री पद मांग रहे हैं और लगातार दबाव बना रहे हैं।इस हलचल के बीच ही RJD ने JDU के कुछ विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया है।वहीं उपेंद्र कुशवाह ने दावा किया है कि RJD के कुछ विधायक NDA के संपर्क में हैं।जबकि टूट की आशंका से कांग्रेस ने अपने विधायक हैदराबाद भेजे हैं।

इस सियासी उठापटक के बीच ही जुबानी जंग भी हावी है।कहीं कोई जेडीयू, बीजेपी के लोग संपर्क में नहीं हैं। संपर्क में आरजेडी के लोग इधर हैं ये बात जरूर है।NDA गठबंधन का कोई विधायक इधर उधर है ऐसा कहना मूर्खता है।जेडीयू की नजर यदि कांग्रेस पर है तो कांग्रेस की नजर भी जदयू पर है यदि कोई किसी को तोड़ने की कोशिश करेगा तो सामने वाला खामोश नहीं बैठेगा। फ्लोर टेस्ट में पता चल जाएगा कि असल में कौन विधायक किस पार्टी के संपर्क में था अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस में टूट कतई नहीं होगी अलबता कांग्रेस में नए लोग जरूर आएंगे।

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बिहार में 28 जनवरी को आए सियासी तूफान आया और उसका असर अभी भी देखने को मिल रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार की मोदी के साथ मुलाकात की ये तस्वीर सबसे ज्यादा विपक्षी खेमे को भी चुभने वाली है। । क्योंकि जिन नीतीश ने NDA के खिलाफ विपक्ष को एकजुट किया वही नीतीश अब NDA के साथ हैं। अब नौबत यहां तक आ गई है विपक्षी गठबंधन का अस्तिव ही खतरे में है।24 जनवरी को ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया।28 जनवरी को नीतीश कुमार NDA के साथ चले गए।31 जनवरी को हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई।4 फरवरी को उद्धव ठाकरे के रुख में मोदी को लेकर नरमी दिखी। 6 फरवरी को अजित पवार गुट को असली NCP का अधिकार मिला।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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