Corona Case in India : देश में एक बार फिर कोरोना का खौफ छाने लगा है। देश में कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 का पहला केस केरल में सामने आ चुका है।। इसके बाद केंद्र सरकार अलर्ट मोड़ पर आ गई है। सभी राज्यों को पत्र लिखकर एडवाइजरी जारी करने के साथ ही बुधवार को सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक भी हो रही है।
केरल में कोरोना वायरस (Corona virus) का नया सब-वेरिएंट JN.1 का पहला केस आने और कोरोना मामले में बढ़ोतरी के बाद यह सवाल लोगों के मन में आ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र ने एडवाइजरी जारी कर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा है। इसके बाद केंद्र सरकार ने आज (20 दिसंबर) राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक भी करने वाली है। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम (covid-19 ) मामलों की संख्या कम करने में सक्षम हुए। वहीं, पिछले तीन दिन के भीतर 15 और 17 दिसंबर को covid–19 के 300-300 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
क्रिसमस (christmas) और नए साल (new year) से पहले देश में covid-19 के मामलों में हालिया बढ़ोतरी के बीच दिल्ली में डॉक्टरों ने लोगों को mask पहनने, भीड़भाड़ से बचने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी है। christmas और नए साल के करीब आने के साथ, शहर के कुछ अस्पतालों के डॉक्टरों ने देश में corona virus के नए वैरिएंट (new variants) JN.1 के पहले मामले का पता चलने का भी हवाला दिया और लोगों से अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा। सरकार के सूत्रों के अनुसार, कुछ राज्यों में covid सहित श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री (health minister) मनसुख मांडविया 20 दिसंबर को स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
भारत में JN.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को केरल निवासी 79 वर्षीय एक महिला से लिए गए नमूने में पाया गया था जिसे हल्के लक्षण थे। पूर्व में, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का एक यात्री सिंगापुर में JN.1 वैरिएंट से संक्रमित पाया गया था। सीके बिरला अस्पताल में क्रिटिकल केयर और पल्मोनोलॉजी विभाग के प्रमुख कुलदीप कुमार ग्रोवर ने कहा कि प्रदूषण से उत्पन्न श्वसन समस्याओं से पीड़ित कई मरीजों में लक्षण COVID जैसे ही होते हैं जिनमें गले में खराश, नाक से पानी बहना और नाक बंद होना जैसे लक्षण शामिल हैं।
Covid के नए वैरिएंट को देखते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निगरानी बढ़ाने को केंद्र-सरकार ने दिए निर्देश। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों को लिखे एक पत्र में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार सहयोग से देश covid के मामलों को नियंत्रित रखने में सक्षम रहा है। हालांकि, कोविड के वायरस का प्रसार जारी है। इसलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि राज्य , जिला स्तर तक covid की स्थिति पर निरंतर निगरानी बनाए रखें।उन्होंने कहा कि हाल ही में केरल जैसे कुछ राज्यों में covid मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। श्री पंत ने कहा कि आगामी त्यौहार के मौसम को ध्यान में रखते हुए राज्यों को बीमारी के प्रसार के खतरे को कम करने के लिए अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए.
क्या है JN.1 वेरिएंट
केरल में एक महिला में कोरोना वायरस के जेएन.1 नामक नए सब-वेरिएंट की पहचान की गई है। इसके बाद से चिंता बढ़ गई है। केंद्र ने 16 दिसंबर को केरल के एक मरीज में Covid-19 के जेएन.1 सबवेरिएंट की उपस्थिति की पुष्टि की। यह भारत में इस तरह का पहला मामला था। JN.1, BA.2.86 वैरिएंट से निकटता से संबंधित है। इसे पिरोला भी कहा जाता है, जो कि हाल ही में अमेरिका और चीन में इसका पता चला है। कोविड-19 के उप-स्वरूप JN.1 की पहचान पहली बार लक्जमबर्ग में की गई थी। कई देशों फैला यह संक्रमण पिरोलो स्वरूप (BA.2.86) से संबंधित है.
नए वेरिएंट से कितना खतरा?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने रविवार को कहा कि राज्य में मिला कोविड-19 का नया सब-वेरिएंट ‘JN.1’ चिंता का कारण नहीं है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSCOG) की नियमित निगरानी गतिविधि के तहत नया मामला मिला है। वैश्विक स्तर पर, BA.2.86 और इसके सब-वेरिएंट के 3,608 मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर यूरोप और उत्तरी अमेरिका से हैं। हालांकि, US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि अपडेट COVID-19 वैक्सीन JN.1 सब-वेरिएंट से बचाव में कारगर हैं। शुरुआती आंकड़ों से सामने आया है कि अपडेट वैक्सीन और इलाज अभी भी JN.1 सब-वेरिएंट के खिलाफ सेफ है।