INS Vikrant: अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो मोदी सरकार फ्रांस से फिर 26 राफेल (Rafale) लड़ाकू विमानों का सौदा कर सकती है। जानकारी के मुताबिक ये लड़ाकू विमान आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर खड़े किये जायेंगे ताकि चीन और पाकिस्तान से समुद्री सीमा को मजबूत किया जा सके। कहा जा रहा है कि इस राफेल विमान से भारत की समुद्री ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। मीडिया खबर के मुताबिक यह अरबों रुपये का सौदा है और बहुत जल्द ही इस मामले में रक्षा अधिग्रहण परिषद् की बैठक हो सकती है। खबर ये भी है कि प्रधानमंत्री मोदी 13-14 जुलाई को फ्रांस के दौरे पर जा रहे हैं और इस दौरे में ही राफेल पर चर्चा हो सकती है।
खबर तो ये भी है कि फ्रांस दौरे में पीएम मोदी तीन पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर भी बातचीत कर सकते हैं। इन पनडुब्बियों को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत में ही बनाने की बात हो रही है। अगर फ्रांस इस पर सहमत हो गया तो भारत सुरक्षा तंत्र और भी मजबूत हो जायेगा। हालांकि अभी इस मामले में न तो फ्रांस और न ही भारत की तरफ से कोई वक्तव्य जारी हुए हैं। कुछ दिनों में इस बारे में जानकारी मिलने की संभावना है।
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हालांकि राफेल सौदों को लेकर भी फ्रांस की तरफ से अभी चुप्पी है लेकिन कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के फ्रांस दौरे पर इस पर चर्चा हो सकती है। भारत चाहता है कि इन रक्षा सौदों का इंजन (INS Vikrant) भारत में ही फ्रांस के सहयोग से बने लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। कहा जा रहा कि चीन की तरफ से भारत की सीमा पर काफी दवाब है ऐसे में अगर यह सौदा होता है तो भारत की समुद्री ताकत बढ़ जाएगी और सीमा भी मजबूत होगी।
सूत्रों के मुताबिक इस मसले को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में 13 जुलाई को एक बैठक बुलाई गई है। कहा जा रहा है कि इसी बैठक में फ्रांस से 26 राफेल विमान खरीदने के प्रस्ताव की मंजूरी मिल सकती है।