Wrestlers Protest News: देश की नामी महिला पहलवानों ने बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) पर यौन शोषण का आरोप लगाया। पहलवानों को लगा कि सरकार इस आदमी को कानून के तहत दण्डित करेंगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पहलवान सडकों की लड़ाई से हार गए। उन्होंने कई तरह के प्रयास किये थे। महीने भर जंतर-मंतर (Jatar Mantar Protest) पर धरना भी दिया था। फिर आजिज होकर अपने मेडल को गंगा में बहाने हरिद्वार भी पहुंच गए थे लेकिन सरकार ने वही कुछ किया जो सरकार करना चाहती थी। इस खेल में सरकार के सारे तंत्र मिल गए। सबने पहलवानों के साथ मजाक किया और पहलवान ठगी के शिकार हो गए हैं। यह देश का ऐसा मामला है जो आने वाली पीढ़ी को भी याद दिलाएगी कि राजनीतिक सत्ता के सामने किसी का भी कोई जोर नहीं चलता।
थके हारे पहलवान (Wrestlers Protest News) अब सड़क की लड़ाई से हार मान गए हैं। उन्हें लगने लगा है कि अगर सड़क की लड़ाई में जान भी चली जाए तो सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए जान सबसे ज्यादा जरुरी है, इज्जत भले ही तार-तार हो गई हो लेकिन जान बचे तो हमेशा इन्साफ की किरण फूटती रहेगी। ऐसे समय में पहलवान साक्षी मलिक (Sakshi Malik) का एक ट्वीट सामने आया है। इस ट्वीट में मलिक ने कहा है कि लड़ाई अब सड़क के बदले अदालत में लड़ी जाएगी। लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक इंसाफ नहीं मिल जाता।
आप इस ट्वीट की मार्मिकता को समझ सकते हैं। लेकिन कोई चारा भी तो नहीं है। साक्षी मलिक और विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने जो ट्वीट किया है वह यह है कि -‘सरकार के साथ सात जून को बातचीत हुई। सरकार ने पहलवानों (Wrestlers Protest News) के साथ किये वादे पर अमल करते हुए महिला कुश्ती खिलाडियों की ओर से महिला उत्पीड़न और यौन शोषण के सम्बन्ध में की गई शिकायतों के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली। दिल्ली पुलिस ने जांच पूरी करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है। इस केस में पहलवानो की क़ानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता।’
उन्होंने आगे भी लिखा है कि कुश्ती संघ (WFI) के सुधार के संबंध में नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गई है। चुनाव 11 जुलाई को होना है। सरकार ने जो वादे किये हैं उस पर अमल होने का इन्तजार रहेगा। इसके साथ ही एक और बात यह है कि इस ट्वीट के साथ ही महिला पहलवानों ने कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से ब्रेक लेने की बात भी कही है।
बता दें कि देश के नामी महिला पहलवान पिछले पांच महीने से बीजेपी सांसद बृजभूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप हैं। मामले भी दर्ज किये गए हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा है। लेकिन सांसद की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। एक नाबालिग पहलवान ने भी मामला दर्ज किया था जो बाद में अपने बयान को वापस ले लिया।
राजनीति का यह खेल काफी पीड़ादायक है तो मनोरंजक भी कम नहीं। देश के बड़े नेता और सत्ता सरकार बहार में जाकर बड़ी बड़ी बातें तो करते हैं लेकिन देश के भीतर की घटनाओं पर कुछ बोलने से बचते रहते हैं। पहलवानों के साथ जो कुछ भी हुआ है उस पर प्रधानमंत्री ने अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। यह लोकतंत्र का नया खेल है।