प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट(Allahabad Highcourt) ने बुधवार को प्रदेश सरकार को बड़ा झटका दिया है। यूपी हाईकोर्ट ने पिछड़े वर्ग (ओबीसी) की 18 जातियों को एससी में शामिल किये जाने संबंधी प्रदेश सरकार की अधिसूचना( Notification) को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस संबंध में दो अलग-अलग अधिसूचना सपा शासन काल में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने और भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री योगी (Yogi Adityanath) आदित्यनाथ सरकार में जारी की गयी थीं। प्रदेश में अब इनके अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकेंगे।
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बता दें कि इन सरकारों ने उत्तर प्रदेश में रहने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अंतर्गत आने वाली मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ जातियों को अनुसूचित जाति(SC) में शामिल करने संबधी नोटिफिकेशन जारी किये थे।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना के विरोध में डॉ. भीमराव अम्बेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद प्रयागराज हाईकोर्ट ने इन पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने संबधी अधिसूचना को रद्द कर दिया। इससे ओबीसी समाज की इन जातियों के लोगों में निराशा है।