Mission Chandrayaan-3: आज शाम को 6 बजकर 04 मिनट पर भारतीय चंद्रयान-3 का लैंडर चंदा मामा को चुम लेगा और फिर उसके गले भी लग जाएगा। चन्दा मामा कैसे हैं, वहां क्या सब है और दुनिया के सामने उसका रहस्य क्या है इसकी जानकारी चंद्रयान (Chandrayaan-3) संसार को देगा। पूरी दुनिया की निगाह इसी पर टिकी है।
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अगर भारत द्वारा भेजे गए यह चंद्रयान 3 मिशन आज सफल हो जाता है तो दुनिया के लिए बड़ी उपलब्धि होगी और भारत उन देशों में शुमार हो जायेगा जो सॉफ्ट लैंडिंग करते आये हैं। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की हैं। आज भारत की बारी है।
भारत आज इतिहास रचने जा रहा है। भारत का यह चंद्रयान 3 मिशन (Chandrayaan-3) मात्र 600 करोड़ में बनाकर इसरो ने दुनिया को चकित भी किया है जुगाड़ व्यवस्था पर टिका यह अभियान अगर आज सफल हो जाता है दुनिया के कई देश भी उस जुगाड़ को सीखने और समझने के लिए भारत का दौरा कर सकते हैं। देश का इसरो (ISRO) दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संस्थान में भी शुमार हो जायेगा। भारत के लिए गर्व की बात तो है ही। जहां एक तरफ राजनीति की वजह से देश में तबाही मची हुई है वहीं देश का इसरो और उसके वैज्ञानिक राजनीति से दूर अपने अभियान को सफल करते रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक आज शाम 05 बजकर 45 मिनट पर चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3) का लैंडर चांद की तरफ बढ़ना शुरू करेगा और शाम 6 बजकर चार मिनट पर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर लेगा। यह 19 मिनट का समय रहस्य और उत्साह से भरा हुआ है। दुनिया के कई देश भी इस रहस्य में भारत का साथ दे रहे हैं और सबकी निगाह इस बात पर टिकी है कि चाहे जैसे भी चंद्रयान लैंड कर जाएं। इसमें सबकी भलाई है। भलाई इसलिए कि दुनिया को चांद के बारे में बहुत सी सूचनाएं मिलने लगेगी। शोध को बढ़ावा मिलेगा और फिर इंसान के लिए यह चांद कितना अहम है इसके परदे भी खुलेंगे।
बता दें कि सॉफ्ट लैंडिंग एक पेचीदा मुद्दा है। सुरक्षित और खतरा मुक्त क्षेत्र खोजने के लिए लैंडिंग से पहले लैंडिंग साइट की इमेजिंग की जाएगी। इसरो ने कहा है कि लैंडर 25 किमी की ऊंचाई से चंद्र की सतह पर उतरेगा। लैंडर क्षैतिज स्थिति में चन्द्रमा की ओर लगभग 1.6 सेकंड प्रति किमी. की गति से आगे बढ़ेगा। इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांफ नेटवर्क बंगलुरु में मिशन ऑपरेशन कपम्प्लेक्स में बैठे अधिकारी रफ एंड फाइन ब्रेकिंग नामक प्रक्रिया में गति को कम करके दूर से ही लैंडर ब्रेक लगाएंगे। रफ ब्रेकिंग करीब 11 मिनट की होगी और बाकी फिर फाइन ब्रेकिंग होगी। लैंडर की स्थिति को वर्टिकल में बदल दिया जायेगा और उस स्थिति में यान चन्द्रमा पर मंडराएगा, तस्वीरें लेगा और सुरक्षित लैंडिंग स्थान पर निर्णय लेने के लिए लैंडिंग क्षेत्र का सर्वेक्षण भी करेगा।
बता दें कि लैंडर अपने भीतर रोवर को भी ले जाता है और चन्द्रमा पर सुरक्षित लैंडिंग के बाद रोवर के नीचे आने और उसे सौंपे गए वैज्ञानिक प्रयोगों को करने की उम्मीद है। हाल में ही चन्द्रमा लैंडर में चंद्रयान 2 मिशन (Chandrayaan 2 Mission) के ऑर्बिटर के साथ संचार लिंक स्थापित किया है। जो 2019 से चन्द्रमा की परिक्रमा कर रहा है और इस तरह एक बैकअप टॉकिंग चैनल है।