UP Lok Sabha Election 2024 Live Update: पहले चरण का चुनाव 19 अप्रैल को होने जा रहा है और इसके लिए अब चुनाव प्रचार थम गया है। यूपी में पहले चरण के चुनाव में आठ सीटों पर मतदान होने हैं। जिन सीटों पर चुनाव होने हैं उनमे शामिल हैं सहारनपुर ,नगीना ,मुरादाबाद ,रामपुर ,पीलीभीत ,बिजनौर और कैराना। इस चुनाव में सभी पार्टियां जीत का दावा तो कर रही है लेकिन अंतिम फैसला तो जनता को ही लेना है। इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी समेत तमाम पार्टियां खूब मेहनत भी कर रही है। आज प्रचार ख़त्म होने के बाद अब उम्मीदवार घर -घर जाकर जनता को रिझाने में जुट गये हैं।
बीजेपी क दावा है कि इस बार के चुनाव में एनडीए सभी 80 सीटों पर जीत हासिल करेगी। तरह का दावा कांग्रेस और सपा के साथ बसपा भी कर रही है। जनता किसे वोट देगी और किसे संसद तक पहुंचाएगी यह तो चार जून को पता चलेगा। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इन आठ सीटों में से पांच सीटों पर हार हुई है। ऐसे में अब सवाल हो रहा है कि क्या बीजेपी इस पहले चरण के चुनाव में बीजेपी कितनी सीटें जीत पाएगी ? या फिर वह सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
बीजेपी पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। पार्टी की जीत को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी के सभी नेताओं ने खूब प्रचार किया है। इसके साथ ही पीएम मोदी भी प्रचार करने से नहीं चुके हैं। पीएम मोदी ने सभी सीटों के लिए प्रचार किया है लेकिन जनता अभी तक मौन है।
सहारनपुर सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। बीजेपी के उम्मीदवार राघव लखनपाल मैदान में हैं उन्होंने 2014 में भी जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के चुनाव में यह सीट बसपा के पाले में चली गई थी। तब सपा और बसपा के साथ गठबंधन था। इस बार विपक्षी गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के पास गई है। कॉंग्रेस् ने इस सीट से इमरान मसूद को मैदान में उतार रखा है। बसपा की तरफ से मजीद अली उम्मीदवार हैं। इस त्रिकोणीय मुकाबले में बीजेपी उम्मीदवार राघव को कड़ी टक्कर मिल रही है। अंजाम क्या होगा यह कोई नहीं जानता।
उधर बिजनौर सीट का हाल भी कुछ ऐसा ही है। एनडीए गठबंधन के तहत यह सीट रालोद के पास है। चन्दन चौहान रालोद के उम्मीदवार हैं। वही सपा ने यहाँ से दीपक सैनी को मैदान में उतार रखा है। बसपा के तरफ से बिजेंद्र सिंह को उतार रखा है। दीपक सैनी 2009 में चुनाव जीत चुके हैं। 2019 के चुनाव में यहाँ से बसपा की जीत हुई थी। लेकिन इस बार क्या होगा यह कोई नहीं जानता। बीजेपी का दावा है कि इस बार उसकी यहाँ से जीत होगी।
नगीना सीट की हालत तो और भी ख़राब है। यहाँ इस बार चौतरफा लड़ाई है। बीजेपी ने यहाँ से ओम कुमार को मैदान में उतार रखा है जबकि सपा की तरफ से मनोज कुमार मैदान में हैं। बसपा ने सुरेंद्र पाल सिंह को उतार रखा है। इसी सीट से भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी मैदान में हैं। इनके मैदान में उतरने से खेल कुछ अलग तरह का हो गया है। यहाँ जितने भी उम्मीदवार हैं सबकी अपनी जमीन हैं और लोगों में पहचान भी। ऐसे में इस सीट के बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।
इसी तरह मुरादाबाद सीट से सपा ने एसटी हसन को खड़ा किया लेकिन बार में सपा ने उम्मीदवार बदलकर यहाँ से रूचि वीरा को खड़ा कर दिया। इस सीट को हसन ने 2019 में बीजेपी से छिना था। बीजेपी ने इस बार सर्वेश सिंह को मैदान में उतार रखा है। सर्वेश वहां के जमीनी नेता माने जाते हैं और पांच बार के विधायक भी हैं। बसपा ने यहाँ से इरफ़ान सैफी को उतारा है। पिछले चुनाव में सपा की यहह से जीत हुई थी लेकिन इस बार क्या होगा कोई नहीं जानता। हालांकि इस बात की सम्भावना काफी बढ़ी हुई है कि इस बार यहाँ से मुस्लिम वोट में बंटवारा होगा और ऐसा होता है तो बीजेपी को लाभ मिल सकता है।
रामपुर सीट की कहानी आज भी कुछ अलग ही है। तीन दशक से यह सीट आजम फैक्टर से प्रभावित रहा है। पिछली बार आजम खान ने यहाँ से जीत हासिल की थी लेकिन सजा होने के बाद उनकी सांसदी ख़त्म हो गई। बीजेपी ने विस् बार घनश्याम लोधी को मैदान में उतारा है। लोधी उपचुनाव में जीत गए थे। सपा ने इस बार इस सीट से मौलाना नदवी को मैदान में उतार रखा है बसपा के उम्मीदवार जीशान खान है। खेल बड़ा ही रोचक होना है लेकिन जीत की गारंटी भला कौन दे सकता है।
पीलीभीत से इस बार बीजेपी ने जितिन प्रसाद को मैदान में उतार रखा है। वरुण गाँधी को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया है। सपा ने भगवतसरन गंगवार को उम्मीदवार बनाया है। बसपा के उम्मीदवार अनीस खान है। गंगवार पांच बार के विधायक हैं और इलाके में उनकी खूब चलती है। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर इस बार ठाकुरों की नाराजगी सत्ताधारी बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है। बीजेपी के डॉ. संजीव बालियान यहां पर वर्ष 2014 से सांसद है। 2019 के लोकसभा चुनाव में काफी कम अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे। इस बार फिर डॉ. संजीव बालियान चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने चुनावी मैदान में उतरे सपा कैंडिडेट हरेंद्र मलिक मुस्लिम, जाट और बालियान से नाराज वोटरों को साधने में जुटे हैं। हरेंद्र मलिक पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। बसपा ने यहां से दारा सिंह प्रजापति को चुनावी मैदान में उतार है।
इसी तरह से कैराना में मुकाबला इस बार सख्त है। सबकी अपनी बात है अपने दावे भी।
बीजेपी ने यहाँ से प्रदीप छुआधरि को उतार रखा है जबकि सपा ने इस सीट से इकरा हसन को उतारा है। युवाओं के बीच हसन की काफी पैठ बताई जा रही है। महिलाये भी इकरा हसन को खूब पसंद कर रही है। बसपा ने श्रीपाल राजन को यहाँ से मैदान में उतारा है। लड़ाई काफी रोचक हो गई है। ऐसे में देखने की बात यही है कि इस बार के चुनाव में बीजेपी कितनी सीटें जीत पाती है।