Today political Headlines news in hindi: आज से पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया था कि बीजेपी में (Today political News headlines) काम करने वाले नेता पार्टी को छोड़कर सन्यास की बात करने लगे हों। एक तरफ बीजेपी के लोग कह रहे हैं कि मौजूदा समय अमृत काल के समान है लेकिन सच यही है कि बीजेपी के भीतर अमृतकाल है या नहीं यह कौन जानता है? किसी भी बीजेपी नेताओं से बात कीजिये तो जो उत्तर मिलते हैं वे चौंकाते भी है और भ्रमित भी करते हैं। लेकिन इसके बाद भी बड़ा सच यही है कि मौजूदा समय में बीजेपी तेजी से आगे बढ़ती जा रही है। कह सकते हैं कि यह पार्टी दौर रही है और देश के तमाम राज्यों में सत्ता सरकार बनाती जा रही है।
बीजेपी के (Today political News headlines) बारे में बहुत सी बाते हो सकती है लेकिन पिछले सप्ताह भर से जो होता दिख रहा है उस पर चर्चा करने की जरूरत है। दिल्ली के सांसद रहे गौतम गंभीर अब राजनीति नहीं करेंगे। पांच साल तक गंभीर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के सांसद रहे लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि टिकट पाने से पहले ही उन्होंने टिकट से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अब वे राजनीति नहीं करेंगे और अपने पेशे क्रिकेट से ही जुड़ेंगे। उन्होंने बाते तो और भी की है और बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी ने उसका इस्तेमाल तक किया।
गौतम गंभीर के बाद जयंत सिन्हा ने जो कहा वह अद्भुत है। अब तक वे झारखंड के हजारीबाग से राजनीति करते रहे हैं। दो बार चुनाव भी जीते। पहले इसी सीट से उनके पिता यशवंत सिन्हा राजनीति (Today political News headlines) करते थे। बीजेपी के बड़े नेताओं में शुमार थे। बीजेपी से मोह भांग हु तो वे राजनीति से ही बिलग हो गए। अब जयंत ने भी राजनीति छोड़ने की बात कही है। अब वे राजनीति को छोड़कर जलवायु परिवर्तन पर काम करेंगे। बीजेपी के लोगों के साथ ही विपक्ष वाले भी जयंत के इस बयान पर ठहाके लगा रहे हैं।
बीजेपी के एक और बड़े नेता है हर्षवर्धन। दिल्ली के नामचीन नेता है और फिलहाल चांदनीचौक से सांसद भी हैं। लेकिन इस बार बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया है। उनकी जगह उनके मातहत काम करने वाले को टिकट दिया गया है। हर्षवर्धन आगे क्या करेंगे यह तो कोई नहीं जानता लेकिन कि अब वे राजनीति से (Today political News headlines) सन्यास ले रहे हैं और अपना क्लिनिक ही चलाएंगे। जाहिर भीतर और पार्टियों की तरह भले ही विद्रोह की चिंगारी नहीं निकल रही है लेकिन पार्टी में हुए बदलाव से बहुत से नेता काफी दुखी है। लेकिन मौजूदा राजनीति का सच यही है जो जीता वही सिकंदर। बीजेपी आज तेजी से बढ़ती सत्तारूढ़ पार्टी के उसे अब ऐसे थके नेताओं की कोई जरूरत नहीं है जिनका जनाधार कमतर होते जा रहा हो।
उधार एक और बड़ी घटना सामने आयी। शनिवार को बीजेपी ने 195 उम्मीदवारों की सूची जारी की। इसी सूची में बंगाल के आसनसोल से पवन सिंह को उम्मीदवार बनाया गया था। शनिवार को बीजेपी ने जब यह फैसला लिया तो पवन सिंह ने बीजेपी नेतृत्व की प्रशंसा की लेकिन दूसरे दिन ही उन्होंने आसनसोल से चुनाव लड़ने की मनाही कर दी। पवन सिंह के इस (Today political News headlines) मनाही के बाद बीजेपी के भीतर कई सवाल उठने लगे हैं। लोग कहने लगे कि क्या बीजेपी की हालत इस बार ठीक नहीं है या फिर यह कि बीजेपी नेताओं के प्रति जनता का विश्वास दरकता जा रहा है ?कई और भी सवाल हो सकते हैं।
बीजेपी के भीतर चल रहे इस खेल पर सपा नेता अखिलेश यादव ने बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक दल के रूप में इतनी कमजोर कभी नहीं थी जितनी अभी है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के बहुत से कद्दावर नेता चुनाव लड़ने से पीछे हैट रहे हैं और सन्यास की घोषणा भी कर रहे हैं। यह तो गजब की बात है। गुजरात के पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी राजनीति से (Today political News headlines) सन्यास लेने की बात कही है। यह कोई मामूली बात नहीं है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है कि किसने सोंचा था कि बीजेपी के ऐसे दिन भी आएंगे कि कुछ उम्मीदवार टिकट मिलने से पहले ही बहाने बनाकर दावेदारी छोड़ देंगे।