Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र में एनसीपी (NCP) के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है। शरद पवार (Sharad Pawar) के भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) के मन में क्या कुछ चल रहा है वह तो कोई नही जानता लेकिन एक बात तो समझ में आतीं है कि वे मौजूदा राजनीति में मुख्यमंत्री बनने के लिए उत्साहित हैं। अजीत को लग रहा है कि इस मौके पर भी वी अगर सीएम नही बन पाए तो फिर कभी इनको मौका नहीं मिलेगा। सीएम बनने के लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी कर ली थी। खबर के मुताबिक एनसीपी के 40 विधायकों का इन्होंने समर्थन भी हासिल कर लिया था। लेकिन इसी बीच इस खेल का पर्दाफाश हो गया और फिर शरद पवार (Sharad Pawar) ने अजीत के खेल पर पानी डाल दिया।
बता दें कि इस खेल को बीजेपी आगे बढ़ा रही थी। बीजेपी (BJP) नेताओं के साथ अजीत काफी समय से इस प्लान को अंजाम भी दे रहे थे ।बीजेपी ने इन्हे कहा था कि शिंदे गुट के 16 विधायको की सदस्यता अगर खत्म हो जाती है जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के रुख से लग रहा है तो शिंदे की सरकार तो गिर जायेगी। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी (BJP) के सामने होगी ।ऐसे में बीजेपी अजीत को सीएम बनाने को भी तैयार हो गई। शर्त बस यही थी कि एनसीपी के 40 विधायको को सोने साथ लाएं ।अजीत पवार ने सब तैयारी भी कर ली थी । लेकिन पूरा खेल लीक हो गया और अजीत पवार बदनाम भी हो गए ।
अब अजित पवार (Ajit Pawar) अपने चाचा के निशाने पर हैं ।शुक्रवार को पार्टी की को बैठक हुई है उसमे भी उन्हें नही बुलाया गया है।इसके साथ ही कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) में भी एनसीपी ने अजीत पवार को स्टार प्रचारक नही बनाया है। ऐसे में अजीत पवार आगे क्या करेंगे यह देखना होगा। अपने चाचा शरद पवार के दबाव में भले अजित पवार (Ajit Pawar) ने यह कह दिया है कि वे पार्टी नही छोड़ने वाले हैं और वे अंत तक एनसीपी को सेवा ही करेंगे लेकिन अजीत पवार का उस बयान मन से आया बयान नहीं है। उनके में में बहुत कुछ चल रहा है। दरअसल ,अजीत पवार पर भी बीजेपी ने कई तरह के आरोप लगा रखे हैं। कई मामलों की जांच दायरे में भी अजीत पवार हैं। इसके साथ ही जिन 40 विधायको को अजीत सोने साथ ला रहे थे उनमें से भी अधिकतर विधायक सीबीआई और ईडी के की नजर है। कई विधायक तो इतने परेशान है कि उन्हें रात में नींद नहीं आ रही है। इन विधायको के दवाब में ही अजीत पवार ने बीजेपी (BJP) का साथ देने का फैसला किया था। लेकिन बिगड़ गया।
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इधर अजित पवार (Ajit Pawar) के खेल से एमवीए के बीच भी की तरह को कहानी तैर रही है। उद्धव शिवसेना को लग रहा है कि एनसीपी कभी भी धोखा दे सकती है। अब तो और भी शक एनसीपी पर बढ़ गया है। जब से शरद पवार सर अडानी की मुलाकात हुई है तब से शिवसेना और कांग्रेस भी परेशान है। हालांकि शरद पवार बार बार कह रहे हैं कि एमवीए एक है और बीजेपी को सब मिलकर हराएंगे लेकिन अब पवार की बातो पर यकीन नहीं रह गया है। अब देखना होगा कि अजीत पवार आज क्या कुछ करते हैं और यह भी देखना होगा कि शरद पवार एमवीए को कितना आगे बढ़ाते हैं।