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सभी राजनीतिक दल भ्रष्टाचार ख़त्म करने की बात करते हैं लेकिन चुनाव आते ही अपनी बातें भूल जाते हैं।

UP NEWS: कुशीनगर में समाजवादी पार्टी ने ऐसा ही किया है। समाजवादी पार्टी ने फ़ाज़िलनगर नगर पंचायत से ऐसे व्यक्ति को अपना प्रत्याशी जिस पर 8 मदरसा खोलकर करोड़ों रूपये की छात्रवृत्ति और मदरसों में फ़र्ज़ी नियुक्ति करने का गंभीर आरोप है।अल्पसंख्यक विभाग और विजलेंस की टीम इसकी गंभीरता से जाँच कर रही है। फ़ाज़िलनगर के लोग हैरान हैं की कभी दर्ज़ी का काम करने वाले रहमत अली ऐसी कौन सी लाटरी लग गई की वह अरबपति बन गया। एक एक कर 8 मदरसा और स्कूल कैसे खुल गया। लोगों की मानें तो फ़ाज़िलनगर के अलहादपुर गांव के रहने वाले रहमत ने फ़र्ज़ी तरीके से मदरसों को खोला और फिर छात्रवृति और नियुक्ति करके करोड़ों रुपया कमाया। इतना ही नहीं इस घोटालेबाज ने अपनी पत्नी की गलत जन्मतिथि दिखाकर एक बार छात्रवृत्ति लिया और दूसरी बार उसकी मदरसे में अध्यापक के पद पर नियुक्ति भी कर दिया। जन्मतिथि के हर फेर में रहमत की पत्नी अजमेरुनेशा की उम्र उसकी बेटियों से कम हो गई है।इसी गांव के रहने वाले यासीन मोहम्मद ने शिकायत की जिसके बाद जाँच तो शुरू हुई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।

फाजिलनगर ब्लॉक के अहलादपुर निवासी रहमत अली पुत्र मुस्तफा कभी फ़ाज़िलनगर बाजार में दर्ज़ी की दुकान चलाकर लोगों के कपड़े सिलने का काम करता था। पूर्व बसपा सरकार में अचानक से उसके दिन बदल गए उसने फ़र्ज़ी तरीके से मदरसा खोला और फिर उसका प्रबंधक बन गया। इसके बाद तो रहमत ने एक एक करके 8 मदरसा खोल लिया। लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था की ये चमत्कार कैसे हुआ। इस गांव के रहने वाले यासीन मोहम्मद ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में शिकायत की तो रहमत का कच्चा चिठ्ठा सबके सामने आया।

पैसा कमाने की चाहत में रहमत अली ने सारे नियमों को दरकिनार करते हुए मदरसा इस्लामिया मकतब अहलादपुर में प्रबंधक रहने के दौरान खुद की नियुक्ति 7 – 5 – 2012 को कर लिया और प्रधानाचार्य बन गया जबकि नियम है की प्रबंधक अपनी या अपने किसी रिश्तेदार का नियुक्ति नहीं कर सकता है। लोगों से जब इस नियुक्ति पर सवाल उठाया तो उसने 16 – 3 – 13 को कमेटी से त्याग पत्र देकर मदरसे के टीचर का फोटो लगाकर बिहार के एक व्यक्ति को प्रबंधक बना दिया इतना ही नहीं प्रबंध कमेटी में कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है।मामला उलझता देख रहमत ने एक और चाल चलते हुए मदरसे में चपरासी का काम करने वाले अपने ससुर उस्मान अंसारी को प्रबंधक बना दिया। प्रबंधक बनने के बाद रहमत के ससुर उस्मान ने अपनी बेटी और रहमत की पत्नी की अजमेरूनेशा को अध्यापक के रूप में नियुक्त कर दिया।

मदरसा इस्लामिया मकतब अहलादपुर में रहमत की पत्नी अजमेरुनेशा की नियुक्ति के बाद तो फ़र्ज़ीवाड़ा खुलकर सामने आ गया। मदरसे में नियुक्ति के वक्त अजमेरुनेशा की जन्मतिथि 5 – 4 – 2005 है जबकि परिवार रजिस्टर और बोर्ड ऑफ़ अरबिक और परसियन से प्राप्त मार्कसीट और परिवार रजिस्टर की नकल में अजमेरुनेशा की उम्र 9 – 12 – 1977 दर्ज़ है। इतना ही नहीं अजमेरुनेशा ने 2015 – 16 में मदरसे से प्री मैट्रिक छात्रवृति भी प्राप्त किया है। छात्रवृति और अध्यापक की नौकरी चाह में ऐसा गड़बड़झाला किया की अजमेरुनेशा की उम्र उसकी बेटियों से भी कम हो गई। रहमत और अजमेरुनेशा की तीन बेटियां हैं जिनमे से नुसरत जहाँ की जन्मतिथि 22 – 9 -2002 दूसरी बेटी की जन्मतिथि 2 – 5 – 2003 और तीसरी बेटी इशरत जहां की उम्र 23 – 9 – 2004 है। अब सवाल यह है की जब अजमेरुनेशा का जन्म ही 2005 में हुआ तो 2002, 2003 और 2004 में उसके जन्म से पहले तीन तीन बेटियों का जन्म कैसे हो गया।

रहमत अली द्वारा किये गए इस फ़र्ज़ीवाड़े की शिकायत करने वाले यासीन मोहम्मद का कहना है की फ़र्ज़ी मदरसा, उसमें नियुक्ति और करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की शिकायत अल्पसंख्यक विभाग में किया लेकिन विभागीय मिली भगत के कारण केवल जाँच करने का आश्वासन मिला।इस गांव का रहने अन्य लोग कहते हैं की इसके इतना फ्रॉड करने वाला कोई इंसान नहीं हैं और तो और जिस प्रबंध कमेटी को बनकर उसने फ़र्ज़ीवाड़ा किया उस कमेटी के मेंबर भी नहीं जानते हैं की उनका नाम उस कमेटी में है।

बातचीत में तो रहमत ने अपनी खूब तारीफ की और कहा की उसे पैसों की कोई कमी नहीं है लेकिन एक टेलर का इस तरह से करोड़ों रूपये का मालिक बना जाना कई सवाल खड़ा कर रहा है। सही जाँच हो तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।

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