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और नूंह हिंसा की आग अब मेवात, सोहना और गुरुग्राम तक पहुंच गई

Haryana Violence Latest News: मणिपुर जल रहा है। उधर कल तड़के ही मुंबई जयपुर रेल में एक सिपाही ने चार लोगों की यह कहते हुए हत्या कर दी कि अगर इस देश में रहना है तो मोदी और योगी का नाम जपना होगा। मरने वालों में तीन मुस्लिम समुदाय के लोग थे जबकि एक पुलिस अधिकारी था जो उसी सिपाही का सीनियर था। यह घटना तो कल्पना से भी परे है। कोई सोच भी नहीं सकता है कि एक सिपाही के मन भी इस तरह की बात बैठ गई है। मौजूदा राजनीति किस तरफ जा रही है यह यूं कहिये कि कहां जा चुकी है यह घटना उसकी बानगी भर है। इसके आगे की कोई कहानी बचती नहीं है और फिर हरियाणा में नूंह की घटना। नूहं में हिंसा (Nuh violence) फैली और देखते-देखते इस हिंसा ने मेवात को भी अपनी चपेट में ले लिया और सोहना होते हुए गुरुग्राम तक आग की लपट पहुंच गई। मौजूदा समय का सच यही है। समाज का यह रूप एक दशक पहले नहीं देखा गया था। राजनीति इतनी बदरंग होगी और नेता इतने स्वार्थी और समाजविरोधी, कभी किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी।

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फिर भी बड़ा सच यही है कि हम भीड़ के साथ नेताओं का जयकारे लगाते हैं। भीड़ के साथ वोट डालने बूथ तक जाते हैं। जिसको वोट देना है वह भले ही हमें नहीं जनता हो। कभी मुलाकात भी नहीं होगी लेकिन उसके लिए हम अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार रहते हैं और जान की बाजी लगाते भी हैं। चुनावी हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से कभी मिल आइये तो पता चलेगा कि जिन नेताओं के चलते लोगों ने जान दे दी वह नेता आज भी माल कमा रहा है लेकिन वह नेता कभी उस परिवार से मिलता तक नहीं। लेकिन राजनीति ने हमें कितना जहर से भर दिया है इसका हिसाब कौन लेने वाला है ?

खैर हम चर्चा कर रहे हैं हरियाणा में फैले दंगे की। यह दंगा ही तो है। जब एक समुदाय दूसरे पर हमला करें और जान लेने पर उतारू हो तो इसे दंगा ही तो कहेंगे। धर्म के नाम पर दंगा और फिर अल्लाह और राम के नाम पर दंगा ! समाज के इन दोनों दंगाइयों को ऊपर से खुदा और प्रभु राम भी देख रहे हैं और शायद ठहाका भी लग रहे होंगे। इनकी बेवकूफी पर। इनकी अंधभक्ति पर। लेकिन यह सब तो सदियों से चला आ रहा है। अगर ऐसा नहीं होता तो इतने धर्म कहां से आते !

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नूहं (Nuh violence) में दोनों पक्षों की हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई है। खबर के मुताबिक दर्जन भर से ज्यादा लोग घायल भी है और इनमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इंटरनेट सेवाएं तीन दिनों के लिए रोक दी गई है। धारा 144 लगा दी गई है। मृतक के घर में मातम है लेकिन सड़काें पर बवाल। देश का सच अभी यही है। जिनके घर के लोगों की जान गई है वे अब दूसरों की जान लेने के फ़िराक में हैं और कही-कही गोदी मीडिया वाले खेल को और भी भड़का रहे है। नूंह में रैफ की 20 कंपनियां तैनात की गई है। लेकिन भीड़ के सामने रैफ की क्या विसात !

बता दें कि नूंह में हिन्दू संगठनों की तरफ से ब्रजमंडल यात्रा निकाली जा रही थी। नूंह के नलहड़ में शिव मंदिर के सामने से इस यात्रा की शुरुआत हुई। कहते हैं कि उसी समय इस यात्रा पर पथराव होने लगे। इस यात्रा में बजरंग दल के लोग भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी कर इस शोभा यात्रा में काफी लोगों के पहुंचने की अपील की थी। उसने यह भी कहा था कि वह खुद भी इस यात्रा में शामिल होगा। फिर नूंह में हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा करना शुरू किया और जो हुआ वह सब सामने है। बता दें कि मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड में वांटेड है। इसके बाद ही यह आदमी चर्चा में है।

अब नूंह (Nuh violence) की आग मेवात, सोहना और गुरुग्राम तक पहुंच गई है। अब इन इलाकों में भारी तनाव है। बड़ी संख्या में सेना को तैनात किया जा रहा है। इंटरनेट बंद कर दिए गए हैं। धारा 144 लागू कर दिए गए हैं। सोहना और गुरुग्राम के अधिकतर दफ्तर बंद कर दिए गए हैं। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। और इधर मणिपुर को लेकर संसद में बवाल मचा हुआ है। कहीं यह सब एक सोंची समझी राजनीतिक चाल तो नहीं।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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