Arvind Kejriwal In Supreme Court: दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केजरीवाल पहुंचे SC
Arvind Kejriwal In Supreme Court: घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है. इसके ठीक एक दिन बाद आज अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. केजरीवाल चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर जल्द सुनवाई करे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाला मामला आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. उनके वकील आज मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत में मामले की जल्द सुनवाई की मांग करेंगे. इस बीच दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान अपने वकीलों से मिलने के लिए अतिरिक्त समय मांगने की उनकी याचिका खारिज कर दी. केजरीवाल ने अपने वकीलों से हफ्ते में पांच बार मिलने की इजाजत मांगी थी. फिलहाल उन्हें हफ्ते में दो बार उनसे मिलने की इजाजत है.
कल दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाते हुए उन्हें राहत नहीं दी. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी सही थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी अवैध नहीं है. 6 महीने से अधिक समय तक बार-बार समन का पालन न करना उनकी गिरफ्तारी का एक कारण था. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास अरविंद केजरीवाल को जांच में शामिल करने के लिए रिमांड के जरिए उनकी हिरासत मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
अदालत ने कहा कि यह आरोप कि मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने लोगों के बयान ईडी द्वारा जबरन दिए गए थे या सरकारी गवाह निदेशालय के आदेश पर दिए गए थे, न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाते हैं, जो कानून द्वारा शासित होती है और किसी कानून से नहीं, सरकार या जांच एजेंसी द्वारा.
सीएम या किसी आम आदमी के लिए नही हैं कोई अलग कानून कथित तौर पर अरविंद केजरीवाल और अन्य आरोपियों के पक्ष में दिए गए बयानों का खुलासा नहीं करने के दावों पर कोर्ट ने कहा कि इस स्तर पर यह सवाल नहीं उठ सकता. यह तर्क कि ईडी ने केवल बाद के बयानों पर भरोसा किया है, पहले के बयानों पर नहीं, जिनमें केजरीवाल का नाम नहीं था, इस स्तर पर स्वीकार्य नहीं है.
एक मौजूदा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के सवाल पर कोर्ट ने कहा कि एजेंसी किसी आम आदमी या किसी राज्य के मुख्यमंत्री को बुलाने या पूछताछ करने के लिए कोई अलग व्यवहार या प्रोटोकॉल नहीं अपना सकती. यह न्यायालय दो भिन्न प्रकार के कानूनों का निर्धारण नहीं करेगा.
गिरफ्तारी पर जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने क्या कहा?
कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि रिश्वत की रकम मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए साल 2022 में गोवा चुनाव में खर्च की जा चुकी है, इसलिए साल 2024 में बाकी रकम की वसूली या गैर-वसूली की कोई संभावना नहीं है. .चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा. जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को कानूनी तौर पर सही मानते हुए अपने आदेश में कहा कि गिरफ्तारी अवैध थी या नहीं, गिरफ्तारी के मुद्दे पर फैसला राजनीतिक बयानबाजी से नहीं, बल्कि कानून के दायरे में रहकर होना चाहिए, कानून और कानून का उपयोग आवश्यकता है.