नई दिल्ली। केन्द्र सरकार पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही इसके सहयोगी SDFI सहित आठ संगठनों को भी बैन कर दिया है।
पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया लंबे समय से देश विरोधी व आंतकविरोधी गतिविधियों में लिप्त था। इस संबंध में एनआईए को PIF के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। इसके बाद ही इसके खिलाफ पर बड़ी कार्रवाई की गयी है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछले एक सप्ताह में दो बार PFI के ठिकानों पर छापेमारी की। इसमें एक बार में देश भर से 106 लोगों को पकड़ा गया। इसके पांच दिन बाद 8 राज्यों में छापेमारी करके 250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। एनआईए, यूपी एटीएस, एसटीएफ, ईडी आदि की छापेमारी में PFI को करोड़ों रुपये की विदेश से फंडिंग के सबूत मिले।
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बता दें कि पीएफआई से जुड़े सैंकड़ों लोग भारत की एकता व अखंडता को खतरा पैदा कर रहे थे। इस संगठन का उद्देश्य 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना था। इस कारण इससे जुड़े लोग देश विरोधी गतिविधियों व आंतकवादी वारदातों को अंजाम देने में लगे थे। इसके लिए उन्हें विदेश से चंदे के रुप में मोटी रकम मिलती थी।
NIA को जांच में पीएफआई को खतरनाक इरादों का पता चला। इस पर पूरे देश में फैले इसके नेटवर्क का पता लगाया गया। फिर सभी जांच एजेंसियों ने मिलकर देश के खिलाफ साजिश करने वालों पर शिकंजा कसा।
देश के कई राज्यों से गिरफ्तार करीब चार सौ लोगों से गहन पूछताछ की गयी। इसके बाद NIA द्वारा केन्द्र सरकार को भेजी रिपोर्ट के आधार पर पीएफआई को तत्काल बैन करने का निर्णय लिया गया।