नई दिल्ली: यह सच है कि धन से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती हैं, लेकिन यह भी सच है कि धन से हमारा (Chanakya Niti) जीवन सरल और सुलझ जाता है। धन होने से जीवन के अधिकतर समस्याएं हल हो जाती हैं और कई सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है। धन की प्राप्ति के लिए व्यक्ति क्या कुछ नहीं करता है लेकिन गलत रणनीति के कारण असफलता हाथ लगती है।
धन कमाने के लिए ज़रूरी है सही रणनीति का पता होना है और आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) से बेहतर रणनीतिकार कौन हो सकता है। सदियों पहले बताई गई आचार्य चाणक्य की बातें आज के समय में भी लागू होती हैं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं धन के संबंध में आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) के विचार।
धन की बचत करें
चाणक्य का मानना है कि इंसान को को बुरे दिनों के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसके धन की बचत करना ज़रूरी है।
धन का मतलब सम्मान
धन संपत्ति ज़िन्दगी में आपको सम्मान दिलाता है। वहीं आपदाओं के दौरान धन आपको मुश्किलों से जुझना आसान बना देता है।
समृद्ध जगह पर रहें
जिस जगह पर समृद्ध व्यापारी, शिक्षित ब्राह्मण, सैनिक, नदी और चिकित्सक न हो ऐसी जगह पर नहीं रुकना चाहिए। इसके अलावा जहां रोजगार, इज्जत, शुभ चिंतक और शिक्षा न मिले, उस जगह पर भी नहीं रुकना चाहिए।
धन से अपने और पराए की परीक्षा
धन-संपत्ति खोने के बाद सच्ची जीवन साथी, सच्चे दोस्त और नौकर आपको कभी नहीं छोड़कर जाते हैं और न आपके प्रति उनका रवैय्या बदलता है।
गरीबी ज़हर सामान
गरीबी को रोग बताते हुए आचार्य चाणक्य के विचार कहते हैं कि गरीबी में जीना ज़हर खाने के बरारबर है। अनजानी जगह पर दक्षता सबसे बड़ी मित्र होती है।