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फिर आई छठ, फिर ध्वस्त हुई रेलवे…आखिर तमाम ऐलानों के बाद भी क्यों नहीं सुधर रही रेलवे की तस्वीर और तकदीर!

Chhath 2023:भारतीय रेल बदल रही है, रेलवे की सूरत बदल रही है लेकिन छठ का महापर्व जैसे ही आता है, रेलवे स्टेशन पर हालत जस की तस नजर आने लगती है। हजारों लाखों लोग जब छठ पर अपने घर जाने के लिए पूर्वी यूपी से बिहार तक का सफर करने लगते हैं तब हलात इस कदर हो जाते है की आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे…की क्या सच में रेलवे की सुधर गई है।

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एक बार फिर महापर्व छठ का त्योहार आ रहा है, लोग बिहार और उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे हैं। अपने अपने घरों पर जा रहे हैं। सिर पर सामान है और लोगों की हथेली पर जान है। लोग छठ पर घर जाने के लिए लाख मुश्किलें उठाए रहे हैं। तस्वीरें डरावनी सामने आ रही है। लोग ट्रेनों में मौत का सफर कर रहे हैं। बसों की छतों पर खड़े होकर अपने घरों की ओर जा रहे हैं, तस्वीरों को देखकर तो यही सवाल खड़े होते है कि आखिर रेलवे की इतनी खस्ता हालत कैसे और क्यों है।

एक फिर छठ का त्योहार है, दिल्ली-मुंबई-सूरत जैसे तमाम शहरों में बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले लोगों का बैग पैक है। लेकिन उनकी नजरें अभी भी मोबाइल की स्क्रीन पर टिकी हुई हैं। क्योंकि साहब अभी तक टिकट का जुगाड़ नहीं हो पाया है। ट्रेनें पूरी तरीके से फुल हैं, वेटिंग के कन्फर्म होने का कोई चांस ही नहीं है। अब रही बात स्पेशल ट्रेन की तो उनमें टिकट ह मिल जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। स्टेशन पहुंच गए तो प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह नहीं है ट्रेन आ गई तो टिकट जेब में रखकर भी अपनी बोगी में घुस पाएंगे- इसकी कोई गारंटी नहीं है। हर स्टेशन पर एक जैसा हाल है। तस्वीरों को देखकर तो हर कोई कह रहा होगा वाह भारतीय रेलवे सलाम है औऱ सलाम है उन लोगों को जो छठ पर जाने के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं कर रहे हैं। लोग ट्रेन में घुसने के लिए एक तरह की जंग लड़ रहे है और अगर जैसे तैसे लड़ झगड़ कर वो ट्रेन में घुस भी जाते हैं तो ट्रेन में रिजर्वेशन के बावजूद कोई रिजर्व सीट नहीं है। एक सीट पर दस लोग बैठने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। यानी की एक सीट और 10 गुना पैसेंजर हैं। अब जनाव आप सीट का हाल छोड़िए, सीट के अलावा ट्रेन में खड़े होने की जगह भी नहीं है। एक सीट पर जितने सट-सटकर बैठ सकते हैं उतने लोग बैठे हुए हैं, यानी की अगर किसी सीट पर चार लोग बैठ सकते हैं तो उस पर पहले से ही 6 लोग बैठे हुए हैं।

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सिर पर सामान…ट्रेन में घुसने के लिए घमासान

वैसे तो छठ के त्योहार पर घर जाने के लिए ये मारामारी हर साल दिखती है और हर साल सरकार की ओर से तमाम नई ट्रेनों का ऐलान किया जाता है, लेकिन ऐलान के बाद भी घर जाने की जंग लगातार बनी रहती है। हाल ये है कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर ट्रेनों के दरवाजे पर लटक कर यात्रा कर रहे हैं।  भीड़ का नजारा ये है कि जो लोग ट्रेन के अंदर कड़ी मशक्कत करने का बाद बैठ गए हैं, तो वो अपने हाथ पैर भी नहीं हिला पा रहे हैं। हालांकि यात्रियों की सुविधा के नाम पर भारतीय रेलवे हर साल त्यौहारी सीजन में पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन करता है।इस साल भी दिवाली और छठ के मौके पर भारतीय रेल ने बड़ी की तादाद में पूजा स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है।लेकिन यात्रियों की भीड़ के सामने इन ट्रेनों की संख्या नाकाफी साबित हो रही है और यात्री अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर नजर आ रहे हैं।

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