ट्रेंडिंगन्यूज़सेहतनामा

मत करें लापरवाही नहीं तो हो सकते है इस गंभीर बीमारी के शिकार

नई दिल्ली: आजकल लोग सही खान-पान न करने के कारण से कई तरह के बीमारियों से ग्रसित हो जाते है. इन बीमारियों को दूर करने के लिए पौष्टिक आहार लेना बहुत जरूरी है. आजकल की खराब लाइफस्टाइल की वजह से कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आम हो गई हैं.

इन समस्याओं में एक आम व गंभीर समस्या माइग्रेन है. आजकल माइग्रेन की समस्या से कई लोग पीड़ित हैं. दरअसल, माइग्रेन एक अलग तरह का सिरदर्द होता है, जो सिर के आधे हिस्से में होता है. जिसके बाद हालत मरीज की हालत खराब हो जाती है. इससे पीड़ित व्यक्ति को जी मिचलाना, उल्टी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. माइग्रेन के दर्द और सिर के दर्द में अंतर होता है। माइग्रेन का दर्द सिर के दाएं हिस्से में या बाएं हिस्से में होता है.

माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जो आसानी से ठीक नहीं होती है. इसके बावजूद भी लोग इसे हल्के में ले लेते हैं. खानपान पर सही ध्यान न देना माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है. खानपान को लेकर सही जानकारी न होने के कारण हम कुछ भी खा लेते हैं. इसके बाद माइग्रेन की समस्या होने लगती है.

ये भी पढे़ं- अगर आपको भी है डायबिटीज तो जान लीजिए तरबूज खाने के नुकसान

पनीर, शराब, चॉकलेट, नट्स, प्रोसेस्ड फूड्स, खास प्रकार के गंध, तेज रोशनी, नींद की गड़बड़ी, पीरियड्स, मेनोपॉज, यात्रा करना, मौसम में बदलाव और तनाव, ये सभी माइग्रेन के दर्द को ट्रिगर कर सकते है.

माइग्रेन चार चरणों का होता है. पहला चरण जिसे Prodrome Phase कहा जाता है, सिरदर्द शुरू होने के कुछ घंटे पहले शुरू होता है. इस दौरान व्यक्ति चिड़चिड़ा और उदास हो जाएगा. वो बार-बार जम्हाई लेगा और खाने-पीने की इच्छा भी बढ़ेगी.

दूसरा चरण Aura Phase होता है जिसमें व्यक्ति को अपनी आंखों के सामने प्रकाश की आड़ी-तिरछी रेखाएं दिखती हैं. इसे आंखें चौंधियाना कहा जाता है. इस दौरान व्यक्ति को लगता है कि जैसे उसका शरीर सुन्न पड़ गया है.

तीसरा चरण सिरदर्द का चरण है जो 4-72 घंटे तक चलता है और चौथा चरण माइग्रेन हैंगआउट फेज है जिसमें व्यक्ति आमतौर पर अस्वस्थ, चिड़चिड़ा और भ्रमित महसूस करता है.

महिलाओं में पीरियड्स के दौरान माइग्रेन हो सकता है क्योंकि इस दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन में गिरावट आती है. दो तिहाई मामलों में, मेनोपॉज के बाद माइग्रेन कम हो जाता है.

माइग्रेन की समस्या कम उम्र के बच्चों में भी हो सकती है. बच्चों में माइग्रेन सिरदर्द के साथ नहीं होता बल्कि या तो उन्हें उल्टी होती है या उनका पेटदर्द होता है.

माइग्रेन की समस्या कोई बड़ी समस्या नहीं है, इसे कुछ उपायों से ठीक किया जा सकता है. इसमें धूम्रपान छोड़ना, शराब से परहेज करना, अत्यधिक कैफीन को कम करना और माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं का गर्भनिरोधक गोलियों से परहेज करना शामिल है.

news watch india
Team News Watch India

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button