पाकिस्तान (PAKISTAN) को लेकर दुनियाभर में एकबार फिर चर्चा शुरू हो गई है कि, पाकिस्तान (PAKISTAN) आने वाले कुछ महीनों में विदेशी कर्ज के चलते डिफाल्ट हो सकता है.
PAK ECONOMIC CRISES:पाकिस्तान (PAKISTAN) में पिछले 8 महीने से जारी राजनीतिक अस्थिरता और इस साल आई बाढ़ ने देश को आर्थिक तौर पर बहुत नुकसान पहुंचाया है.नतीजतन, एक बार फिर पाकिस्तानके डिफाल्ट होने की अटकले तेज हो गईं हैं.पाकिस्तान समेत दुनिया में इस बात को लेकर लोगों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है.पाकिस्तान में लगातार जारी अनिश्चितता की वजह से न सिर्फ़ पूंजी निवेश प्रभावित हुआ है बल्कि आर्थिक घाटा भी बढ़ा है…नतीजतन, डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपया जमीन पर आ गिरा है.मौजूदा समय में 1 डॉलर पाकिस्तानी रूपए की तुलना में करीब 220 से ऊपर की दर पर आसमान छू रहा है.
शहबाज शरीफ सरकार की विरोधी इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी (PTI) यानि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ देश में जगह-जगह बयानबाजी कर रही है. क्योकि, पाकिस्तान में आने वाले कुछ महीनों में चुनाव भी होने हैं.
चर्चाओँ को पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने किया खारिज
हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ऐसी चर्चाओं और दावों को सिरे से खारिज करती है.
मामले पर बीते बुधवार को पाकिस्तानी केंद्रीय वित्त मंत्री इसाक़ डार (Ishaq Dar) ने एक कार्यक्रम के संबोधन में कहा कि, ताजा हालातों को देखते हुए मुश्किल परिस्थितियां जरूर हैं मगर, डिफाल्ट होने की कोई संभावना नहीं बनती, ‘हमे सुनने को मिलता हैं, पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट हो जाएगा? कैसे हो जाएगा? आप लोग पूंजी का निवेश करते रहें, ऐसा कहने वालों की बातों पर ध्यान न दें.’
‘कुछ लोग अपनी राजनीति के लिए लोगों को गुमराह करके देश का नुकसान कर रहे हैं…लेकिन, राजनीतिक उद्देश्यों के लिए देश के डिफ़ॉल्ट होने की बातें न फैलाई जाएं.’
30 अरब $ कर्ज, महज 6 अरब $ फॉरेन एक्सचेंज
पाकिस्तान को आने वाले कुछ महीनों में विदेशी कर्ज (Foriegn Dept) के रूप में करीब 30 अरब डॉलर की अदायगी करनी है.लेकिन, पाकिस्तान के फॉरेन एक्सचेंज कोष में मात्र 6 अरब डॉलर (Doller) के क़रीब हैं. जिसमें अधिककर, चीन, यूएई (UAE) और सऊदी अरब जैसे मित्र देशों का है और वह भी इस शर्त पर कि, वह इसका प्रयोग अपनी जरूरतो में खर्च नहीं कर सकता. वह इसका प्रयोग बस डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रूपए को स्थिर रखने के लिए ही कर सकता है.
हकीकत में ऐसा हो पाना मुश्किल
पाकिस्तान के ताजा हालातों से डिफ़ॉल्ट होने की आशंकाएं बढ़ तो रही हैं. लेकिन, हकीकत में ऐसा हो पाना मुश्किल ही लगता है. क्योंकि, पाकिस्तान के अबतक के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. पाकिस्तान कहीं न कहीं से दूसरा कर्ज लेकर पहले कर्ज की अदायगी कर देगा. क्योंकि, पाकिस्तान कर्ज लेकर घी पीने का आदी है और उसके इतिहास में ऐसा होता भी आया है.
शहबाज शरीफ (Shehbaz Sarif) के आने से पाकिस्तान के अमेरिका के साथ रिश्तों में काफी सुधार आया है औऱ पाकिस्तान की चीन के साथ नजदीकियां भी कम हुई हैं. अमेरिका ने बीते दिनों पाकिस्तान को F-16 विमानों के रख-रखाव के नाम पर करोड़ो की सहायता दी है और कुछ ही दिन पूर्व अमेरिका ने पाकिस्तान में जेंडर इक्वालिटी बढ़ाने को लेकर 200 मिलियन डालर देने की भी बात कही है.
By:अतुल कुमार वरिष्ठ पत्रकार