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2026 से पहले फिर स्वर्ग बनेगी घाटी, अमित शाह का प्रण हो रहा पूरा!

Jammu Encounter:धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर पर बीते तीन दशकों से आतंकवाद एक बदनुमा दाग की तरह था। मगर केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से कश्मीर में बदलाव की बयार बहने लगी और अब केंद्र सरकार इस कोशिश में लगी है कि 2026 तक दुनिया को एक नया कश्मीर देखने को मिले। जहां आतंक का नामों निशान तक नहीं दिखे।  कश्मीर को पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार ने फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है। ये वो प्लान होगा, जिसे अमली जामा पहना कर जन्नत को जख्म देने वालों को हमेशा के लिए जहन्नुम की सैर पर भेज दिया जाएगा।

दरअसल गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो नए बिलों पर चर्चा की. और चर्चा के दौरान अमित शाह ने भरी संसद में कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले 3 साल से जीरो टेरर प्लान चालू है और ये 2026 तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा। कश्मीर की आवाम अब देश के साथ तरक्की में कदम से कदम मिला कर चल रही है और आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कश्मीर से धारा 370 का हटना।

जब से कश्मीर से धारा 370 हटी, तब से आतंकियों और उनके गुर्गों की गिरफ्तारी में 5 गुना बढ़ोतरी हुई है, साथ ही लॉ एंड ऑर्डर की घटना में किसी भी नागरिक या जवान की मौत नहीं हुई और तो और आतंकी घटनाओं में आम लोगों की मौत की संख्या में भी कमी आई है। घाटी में आतंकवाद कम होने की दूसरी बड़ी वजह है पाकिस्तान में एक-एक कर आतंकियों का सफाया। पिछले कुछ महीनों की अगर बात करें तो आतंकियों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले मुल्क में ही आतंकियों का काम तमाम हो रहा है। पड़ोसी मुल्क में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी बारी-बारी से कब्र में समा रहे हैं।जिससे आतंकी सरगना और उनके रहनुमा पाकिस्तान की सरकार सहमी हुई है। ताज़ा वाकया कराची का है, जहां लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकवादी अदनान अहमद उर्फ हंजला अदनान को अज्ञात हमलावरों ने ढेर कर दिया। हंजला 2016 में पंपोर में CRPF काफिले पर हमले का मास्टरमाइंड था।इस हमले में 8 जवान शहीद हुए थे, जबकि 22 जवान जख्मी हुए थे। इतना ही नहीं, हंजला ने साल 2015 में जम्मू के उधमपुर में BSF काफिले पर हमला करवाया था। इस हमले में 2 BSF के जवान शहीद हुए थे और BSF के 13  जवान जख्मी हुए थे।

हंजला की मौत को लश्कर चीफ हाफिज सईद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।क्योंकि अदनान अहमद उर्फ हंजला अदनान, लश्कर चीफ का बेहद करीबी था। पिछले एक-दो साल की घटनाओं पर नज़र डालें तो ये पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान में इस तरह से आतंकियों को निशाना बनाया गया है।कहना गलत नहीं होगा कि जिस तरह से पाकिस्तान में एक-एक कर आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है  और साथ ही कश्मीर में घुसपैठियों का सफाया किया जा रहा है, वो दिन दूर नहीं जब धरती का ये स्वर्ग पूरी तरह दहशत मुक्त कर दिया जाए। और अमित शाह का प्रण 2026 से पहले ही पूरा हो जाए।

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