Political News: राहुल गाँधी(Rahul Gandhi) का सरनेम विवाद अभी तक जारी है। हालांकि निचली अदालत से उन्हें इस विवाद पर दो साल की सजा हो गई है और उनकी कानून के मुताबिक उनकी सांसदी भी ख़त्म हो गई है लेकिन हमारा संविधान किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार देता है कि अपनी बेगुनाही के लिए वह न्यायपालिका के अंतिम दरबाजे तक अपनी बात रख सकता है। राहुल गाँधी इसी का पालन कर रहे हैं। गुजरात हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई पिछले सप्ताह ही होनी थी लेकिन जिस जज की अदालत में यह मामला पहुंचा था ,उन्होंने इस मामले से खुद को अलग कर लिया था। अब नए जज न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छप की अदालत में आज राहुल के सरनेम विवाद पर सुनवाई की बारी है। सुनवाई के क्या कुछ होता है इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।
बता दें कि न्यायमूर्ति गीता गोपी की अदालत में पहले इस मामले की सुनवाई की जानी थी। उम्मीद की जा रही थी कि राहुल गाँधी को इस अदालत से राहत मिलेगी। लेकिन जज गीता गोपी ने 26 अप्रैल को इस केस से खुद को अलग कर लिया। राहुल को कोई राहत नहीं मिली। जज गीता गोपी ने ऐसा क्यों किया यह तो वहीँ बता सकती है क्योंकि कानून(Court) में प्रावधान है कि अगर कोई भी जज किसी मामले में सुनवाई करने में असहज होते हैं तो वे खुद को सुनवाई से हट सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले 23 मार्च को सूरत(Surat) के मेट्रोपोलिटन(Metropolian) मजिस्ट्रेट ने गुजरात के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की 2019 के दायर याचिका पर राहुल गाँधी को दो साल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद राहुल की सांसदी चली गई। जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक अगर किसी भी जान प्रतिनिधि को दो साल से ऊपर की सजा मिलती है उन्हें पद से हटना पड़ेगा। राहुल गाँधी इसी कानून के शिकार हुए। लेकिन सबसे बड़ी बात तो यही कि भारत के इतिहास में मानहानि के मामले में पहली बार राहुल को सजा मिली और वह भी दो साल की। कहा जा रहा है कि मानहानि मामले में दो साल की सजा अधिकतम सजा होती है और कोर्ट ने राहुल को अधिकतम सजा देकर ही इतिहास रचा। आज तक मानहानि के मामले में किसी को सजा की बात सामने नहीं आई थी।
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बता दें कि सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की इस सजा को राहुल गाँधी ने सूरत की सत्र अदालत में भी चुनौती दी थी। लेकिन कोर्ट ने राहुल को जमानत देते हुए सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। इसके बाद राहुल गाँधी गुजरात हाई कोर्ट पहुंचे।बता दें कि राहुल गाँधी के खिलाफ कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए मोदी सरनेम की चर्चा की थी। इसके बाद पूर्णेश मोदी ने उन पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया था।(News Rahul Gandhi)