AIIMS Rare Surgery: मेडिकल इतिहास की दुनिया में एक ऐसा पहला मामला सामने आया है. जिसको देखकर और सुनकर हर कोई हैरान है. एक छोटी सी बच्ची को बिना बेहोश किए 4 घंटे सर्जरी की गई है. 7 डॉक्टरों की टीम ने लगभग 4 घंटे सर्जरी की है. हाथों के इशारों पर बच्ची कभी हंसती रही, तो कभी खेलती रही. सर्जरी के दौरान टेबल पर पांच वर्ष दस महीने की बच्ची के 4 घंटे कब निकल गए बच्ची को कुछ पता ही नही चला. इस 4 घंटे के दौरान डॉक्टरों ने बच्ची को बिना बेहोश किए सर्जरी कर सिर से ट्यूमर निकाला है. यह मामला अपने आप में अनोखा है. अभी तक जितने बच्चों की सर्जरी की गई है सबको बेहोश करके की गई है. यह पहली बार हुआ है जब एम्स में एक बच्ची को बिना बेहोश किए सर्जरी की गई है.
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विशेषज्ञों ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरी दुनिया के मेडिकल हिस्ट्री में ये पहला मामला है कि इतनी कम उम्र के बच्ची का बिना बेहोश किए सर्जरी की गई है. अक्सर बच्चों की सर्जरी बहुत चुनौतीपूर्ण होती है. इनमें बहुत ही विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. दरअसल आपको बता दें कि यूपी के प्रयागराज से एम्स में जनवरी के पहले सप्ताह में एक पांच वर्ष दस महीने की बच्ची आई थी. इस बच्ची के सिर में दर्द, उल्टी सहित बहुत सारी अन्य परेशानी थी. बच्ची को समय-समय पर दौरे भी आ रहे थे. जांच के दौरान एम्स में पता चला कि बच्ची के सिर में ट्यूमर है. इस ट्यूमर को खत्म करने के लिए लगभग 2 वर्ष पहले भी एक सर्जरी हो चुकी है.
ट्यूमर को निकालने के लिए बनाई गई एक टीम
पिछले सर्जरी के बाद ट्यूमर का कुछ हिस्सा सिर में छूट गया था. जिसे निकालना बहुत जरूरी था. पीड़ित बच्ची की हालत को देखते हुए एम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर मिहिर पांड्या समेत 7 डॉक्टरों की 1 टीम बनी. पूरे मामले को लेकर टीम ने एक रणनीति तैयार की और राणनीति में फैसला लिया गया कि बच्ची को बिना बेहोश किए सर्जरी की जाएगी. यह सबसे बड़ा चुनौती भरा निर्णय था।
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डॉक्टर मिहिर पांड्या ने बताया कि 4 जनवरी को 7 डॉक्टरों के साथ अन्य स्टाफ को भी इस सर्जरी में शामिल किया गया था. टीम के कुछ सदस्यों ने पीड़ित बच्ची की निगरानी की. इसके बाद अन्य सदस्यों से बच्ची की सर्जरी शुरू किया. सबसे पहले पीड़ित बच्ची की खोपड़ी में 16 इंजेक्शन लगाए गए. उसके बाद डॉक्टकरों ने निरीक्षण किया. जब पीड़ित बच्ची का सिर पूरी तरह से सुन हो गया तो डॉक्टरों ने सर्जरी शुरू की. लगभग 4 चार घंटे तक चली सर्जरी के बाद पीड़ित बच्ची के सिर से पूरी तरह से ट्यूमर को निकाल दिया गया. बच्ची के पूरी सर्जरी करने के दौरान बच्ची मुस्कुरा रही थी. कई बार बच्ची को फोन में वीडियो और फोटो भी दिखाए गए. डॉक्टरों के कहने पर बच्ची ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है. सर्जरी होने के बाद पीड़ित बच्ची पूरी तरह से ठीक है और बहुत जल्द ही उसे छुट्टी दी जा सकती है.
पीड़ित बच्ची के खोपड़ी में लेफ्ट पेरिसिल्वियन इंट्राक्सियल ब्रेन ट्यूमर था डॉक्टरों ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर किसी को भी हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर होने से सिर में अधिक दर्द होता है, उल्टी होती है, चलने, हाथ उठाने में बहुत दिक्कत होती है. इसके साथ ही दौरा पड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं. अगर किसी में ऐसा होता है तो तत्काल डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए. इस बच्ची में यह सभी लक्षण दिखे थे. लक्षण दिखने के बाद डॉक्टरों ने जब जांच करवाई तो लगभग 2 वर्ष पहले ट्यूमर को हटाने के लिए एक सर्जरी भी की गई थी.
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डॉक्टरों ने बताया कि बहुत कम उम्र की बच्ची के सिर की सर्जरी काफी चुनौती भरा मामला था. इस पूरे मामले में एक छोटी सी गलती बच्ची की जान ले सकती थी. यहीं वजह है कि सर्जरी के के समय डॉक्टरों की टीम ने 1 मिनट तक निगरानी की. सर्जरी के हर पल पर बच्ची के शरीर में होने वाले बदलाव और हरकत पर नजर बनाकर रखी थी. इस सर्जरी में सबसे अच्छा ये रहा कि बच्ची को कोई दिक्कत नही हुआ. कभी भी ऐसा नहीं हुआ कि बच्ची के व्यवहार में कोई बदलाव दिखा हो.