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CS of UP: उ0प्र0 सरकार और यूएनडीपी के बीच सतत् विकास लक्ष्य अनुश्रवण प्रकोष्ठ की स्थापना का एमओयू

मुख्य सचिवने सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में त्वरित प्रगति का संकल्प दोहराया। उनका कहना था कि इस भागीदारी का उद्देश्य, कार्यवाही योग्य उपाय तय करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अनुश्रवण प्रयासों का समृद्ध एवं सशक्त करना है। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में राष्ट्रीय स्तर पर 2030 एजेंडा का अनुमोदन किया था। तब से उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय संकेतक तंत्र (एसआईएफ) और ज़िला स्तरीय संकेतक तंत्र (डीआईएफ) की स्थापना के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य निगरानी को संस्थागत रूप दिया है।

लखनऊ। उ0प्र0 सरकार और यूएनडीपी के मध्य सतत् विकास लक्ष्य अनुश्रवण प्रकोष्ठ की स्थापना सम्बन्धी समझौता हुआ है। इस समझौते पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार और यूएनडीपी इंडिया की रेज़िडेन्ट रिप्रेज़ेन्टेटिव सुश्री शोको नोदा ने एमओए पर हस्ताक्षर किये।


इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि प्रदेश में प्रभावी अनुश्रवण हेतु अनुश्रवण प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है, जिसमें प्रत्येक विभाग में एसडीजी नोडल अधिकारी की नियुक्ति, सतत् विकास गोलवार अंतर विभागीय अनुश्रवण समिति की स्थापना, विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के साथ डैशबोर्ड भी विकसित किया गया है।


मुख्य सचिवने सतत् विकास लक्ष्यों की दिशा में त्वरित प्रगति का संकल्प दोहराया। उनका कहना था कि इस भागीदारी का उद्देश्य, कार्यवाही योग्य उपाय तय करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के अनुश्रवण प्रयासों का समृद्ध एवं सशक्त करना है। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में राष्ट्रीय स्तर पर 2030 एजेंडा का अनुमोदन किया था। तब से उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य स्तरीय संकेतक तंत्र (एसआईएफ) और ज़िला स्तरीय संकेतक तंत्र (डीआईएफ) की स्थापना के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्य निगरानी को संस्थागत रूप दिया है।

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उत्तर प्रदेश सरकार और यूएनडीपी की भागीदारी का मुख्य उद्देश्य एसडीजी की दिशा में प्रगति को तेज़ करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों में वृद्धि हेतु तीन प्रमुख क्षेत्रों में कार्य करना है। पहला मुख्य क्षेत्र राज्य एवं ज़िला स्तर पर अनुश्रवण को प्रभावी बनाने और प्रमाण आधारित अनुश्रवण के लिए संस्थाओं को सशक्त करने में सहयोग किया जाना है।


दूसरा मुख्य क्षेत्र निचली इकाई पर क्षमताओं को सशक्त करने और तीसरा मुख्य क्षेत्र संचार एवं सम्पर्क को बेहतर करने का है। इन तीनों क्षेत्रों में प्रयासों के आंकड़ों पर आधारित कार्यवाही योग्य सूक्ष्म दृष्टि प्राप्त करने के उद्देश्य से मजबूत नींव तैयार करना है।
बता दें कि यूएनडीपी इंडिया, इससे पहले हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, कर्नाटक, नागालैंड और तमिलनाडु में एसडीजी समन्वय केन्द्र व प्रकोष्ठ स्थापित कर चुका है। वह वैश्विक लक्ष्यों के बारे में नीति आयोग और साँख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के साथ मिल कर काम करता है।

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