Sliderट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरराज्य-शहर

कश्मीर में भारत सरकार का आतंक पर शिकंजा, मसरत आलम के खिलाफ बड़ा एक्शन

Jammu Kashmir: भारत सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर-मसरत आलम गुट को प्रतिबंधि कर दिया है। भारत सरकार ने गैर-कानूनी गतिविधियां के रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत मुस्लीम लीग जम्मू कश्मीर मसर्रत आलम गुट को गैर-कानूनी संगठन करार दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने यह जानकारी एक्स पर पोस्ट कर दी है। अमित शाह ने एक्स के जरिए बताया कि ‘यह संगठन और इसके सद्स्य जम्मू कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं’। इसके अलावा गृह मंत्री ने लिखा कि ‘यह आतंकवादियों का समर्थन करते हैं और आम लोगों को जम्मू कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं’।

Also Read: Latest Hindi News Jammu Kashmir । News Today in Hindi

गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री के शब्दों को याद दिलाते हुए एक्स पर लिखा कि ‘पीएम मोदी सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी शख्स को बख्सा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा’

मसरत आलम कौन है?

2010 में कश्मीर घाटी में प्रो-आज़ादी प्रोटेस्ट हुआ। इस प्रोटेस्ट को आयोजित करने वाले कई मुख्य आयोजकों में मसरत आलम था। उस दौरान विरोध प्रदर्शन के बाद कई अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया। पांच साल जेल की सजा काटने का बाद मसरत आलम साल 2015 में रिहा हो गया। माना जाता है कि इसी के बात पीडीपी और बीजेपी में दरार आई थी। वर्तमान की बात करें तो मसरत आलम 2019 से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। मसरत आलम एपीएचसी का 2021 में अध्यक्ष बनाया गया था। वह 50 आतंकी फंडिंग मामले में मामला दर्ज होने के बाद से तिहाड़ जेल में है। स्थानीय मीडिया की माने तो मसरत आलम के खिलाफ 27 FIR दर्ज हैं और तकरीबन 26 बार पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Read More News: Latest Political News Today in Hindi | Political Samachar in Hindi

संगठन को क्यों किया गया बैन?

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह संगठन गैर कानूनी कामों में शामिल था और आम जनता को जम्मू कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाता था।

क्या है संगठन , संगठन का मकसद क्या है?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संगठन का मुख्य मकसद जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करना चाहता है, जिससे जम्मू कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बन जाए। संगठन की सोच हमेशा ही राज्य में इस्लामी स्वतंत्र करना चाहता है, ताकि जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान में विलय हो सके। बता दें कि इस संगठन के सदस्य जम्मू कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों में सम्मिलित रहते हैं।

Rohit Mishra

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button