INDIA vs NDA: खेल तो खेल है और फिर राजनीतिक खेल के अपने मायने हैं। कभी खेल पक्ष में जाता है तो कभी वही खेल उल्टा भी पर जाता है। जरूरी नहीं कि हर खेल सफलता ही दिलाए। खेल का मजा तब है जब सामने वाला भी दांव चले। जब दांव ही नहीं तो खेल का मजा क्या?
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अब साफ है कि देश का अगला चुनाव एनडीए बनाम इंडिया (INDIA vs NDA) के बीच होना है। हालांकि देश की अभी भी सात पार्टियां किसी भी गुट में नहीं है लेकिन उनकी जमीनी पकड़ हैं। तीन राज्यों में तो इनकी सरकार भी है। ये पार्टियां कब और कहां कैसा खेल करती है इसे भी देखने की जरूरत है। यह भी तय है कि इन पार्टियों पर इंडिया और एनडीए की भी नजर है लेकिन ये दल ऐसे हैं जो चुनाव के बाद जो परिणाम आएंगे उसकी प्रतीक्षा करेंगे।
लेकिन मौजूदा कहानी तो यही है कि 2024 का महाबली कौन होगा इसको लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। जहां तक एनडीए की बात है उसे अब डर तो लग रहा है कि आगामी चुनाव में लड़ाई कोई साधारण नहीं है।बीजेपी पहली बार मुश्किल में घिर रही है। अब बीजेपी अधिक से अधिक पार्टियों को एनडीए (INDIA vs NDA) में लाकर केवल कुनबा ही नहीं बढ़ाना चाहती है। बीजेपी का जोर अब मत प्रतिशत बढ़ाने की है। बीजेपी मान रही है कि अगर आगामी चुनाव में वोट शेयर नहीं बड़े तो खेल खराब होगा।
एनडीए ने 39 पार्टियों के साथ बैठक की है। यह भी कम आश्चर्य की बात नहीं है कि इस देश में इतने मान्यता प्राप्त पार्टियां भी नहीं है। हालांकि इनमें से कई ऐसी पार्टियां है जिनका भले ही संसदीय राजनीति में कोई सदस्य नहीं है लेकिन इनकी पहुंच कुछ इलाके तक जरूर है। इनमें से अधिकतर जातिवादी पार्टियां है जाे किसी खास जाति और समुदाय की राजनीति करती हैं। बीजेपी इन दलों को साथ लाने में कामयाब होती जा रही है। इसका लाभ भी बीजेपी को मिल सकता है।
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बीजेपी अगले चुनाव में महाबली बनने तो तैयार है। लेकिन महाबली कोई कहने से तो बनेगा नहीं। बीजेपी चाह रही है कि विपक्ष के खिलाफ राजनीति तेज तो हो लेकिन एनडीए अपना वोट शेयर भी बढ़ाए। बीजेपी इसी फ़िराक में है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 31 और 37 फीसदी वोट मिले थे। बाकी वोट विपक्ष में बंट गया था। लेकिन बुरी हालत में भी कांग्रेस को 19 फीसदी वोट के साथ ही लगभग 12 करोड़ से ज्यादा वोट मिले थे। बीजेपी को यही चिंता है। यह भी बता दें कि पिछले चुनाव में बीजेपी और उसके साथ की कुछ पार्टियों को करीब 25 करोड़ वोट मिले थे। लेकिन आज के इंडिया के वोट को कांग्रेस के 12 वोट में जोड़ दिया जाए तो यह वोट भी करीब 24 करोड़ से ज्यादा का हो जाता है।
जाहिर है अगले चुनाव में मुकाबला बड़ा होना है। अब बीजेपी को चिंता यह है कि वह वोट प्रतिशत 50 तक ले जाए। बीजेपी को लग रहा है कि अगर वोट शेयरिंग एनडीए का 50 फीसदी हो जाता है तो उसकी जीत पक्की है। लेकिन इसमें चूक गए तो खेल खराब हो सकता है। बीजेपी को यह आसान भी लग रहा है उसे लगता है कि अधिक से अधिक पार्टी को एनडीए (INDIA vs NDA) के साथ लेकर वोट शेयरिंग को बढ़ाया जा सकता है। उधर यही खेल इंडिया वाले भी खेलने वाले हैं।ऐसे में देखना होगा कि 2024 का महाबली कौन होता है।