हरियाणा के 7 जिलों में शुरू हुई इंटरनेट सेवा, किसान आंदोलन के चलते 13 फरवरी से बंद था इंटरनेट
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Latest Update News farmers protest in Hariyana: किसान आंदोलन (Latest Update News farmers protest in Hariyana) अब धीरे-धीरे ठंडा होता जा रहा है। एक बार फिर से किसान अपने घरों को लौट रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ किसान अभी भी अपनी जगह पर टिके हुए हैं। बताया जा रहा है कि आंदोलन को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया है। जिसका फायदा आम लोगों को भी होने लगा है। क्योंकि हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा एक बार फिर से सेवा शुरू हो गई है। जी हां 13 फरवरी से इंटरनेट बंद था, लेकिन अब किसान आंदोलन(Farmer Protest) धीरे पड़ा है तो फिर धीरे-धीरे अब आम जीवन सामान्य होता हुआ नजर आ रहा है।
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ट्रैफिक में हुआ सुधार
देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में कल किसानों का महासंग्राम जारी था, किसान सरकार से लगातार अपनी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे थे, केंद्र सरकार की ओर से भी लगातार ये दावा किया जा रहा था कि सरकार बातचीत करने के लिए तैयार है। लेकिन फिर भी किसान सरकार के दावों को नकारते हुए नजर आते थे।
हालांकि राहत की ख़बर ये है कि किसान आंदोलन (Latest Update News farmers protest in Hariyana)अभी रूका हुआ है, जिससे की दिल्ली के सभी बॉर्डर पर वाहनों की लंबी लंबी कतारें देखने को नहीं मिल रही हैं। सभी बॉर्डर से लोग आसानी से निकल पा रहीं हैं। हालांकि आपको बता दें कि किसान आंदोलन अभी पूरी तरीके से थमा नहीं है। सरकार और किसानों के बीच लगातार बातचीत का दौर जारी है। सरकार की ओर से किसानों के सामने कई बार बातचीत का प्रस्ताव रखा गया है। लेकिन किसान अपनी हठ पर उतरे हुए हैं और बातचीत करने के लिए तैयार नहीं है।
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दरअसल आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने और किसानों के बीच में जब बातचीत हुई थी तो कोई हल नहीं निकला था। बैठक ने साफ कह दिया था कि कि वो पांच फसलों पर एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के लिए तैयार है। ये पांच फसलें है अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल मक्का और पांचवी फसल है कपास । इन पांच फसलों को सरकार की दो प्रमुख एजेंसियां उनकी खरीद की ये पांच फसलें हैं।ये दोनों एजेंसियां हैं, NCCF यानि भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता महासंघ और दूसरी NAFED यानि भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ। ये दोनों एजेंसियां सरकार की बताई पांच फसलों पर किसानों के(Latest Update News farmers protest in Hariyana) साथ 5 साल का कॉन्ट्रैक्ट करेंगी और उन्हें MSP पर खदीदेंगी। लेकिन सरकार ने इसके लिए शर्त भी रखी है..कहा है इसके लिए किसानों को अपनी फसल को डाइवर्सिफाई करना होगा। यानि जिन जगहों पर अभी तक वो गेहूं और चावल जैसी फसलें बो रहे हैं। उन जगहों पर अगर वो सरकार की बताई गई पांच फसलों में से कोई फसल बोते हैं तभी उन्हें एमएसपी का लाभ मिलेगा और इस दौरान खरीद की कोई लिमिट नहीं होगी। किसान जितना चाहे उतना उत्पाद सरकार के बताई एजेंसियों को बेच सकते हैं। बहरहाल अब देखने वाली बात ये होगी की ये आंदोलन (Farmer Protest) कब तक थमा रहता है।