BJP News: चुनाव लड़ना और चुनाव जीतना दोनों अलग-अलग बातें हैं। चुनाव तो कोई भी लड़ जाता है लेकिन चुनाव जीतने के लिए संगठन, पैसे, कार्यकर्ता और चेहरा जरुरी है। मौजूदा समय में बीजेपी (BJP) के पास सब कुछ है। लेकिन उसके पास सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस (Congress) की है। बीजेपी ने पूरी कोशिश तो की थी कि कांग्रेस जमींदोज हो जाए लेकिन वक्त के साथ कांग्रेस फिर से जीवित हो गई। यही बीजेपी (BJP) की सबसे बड़ी चुनौती है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं और बीजेपी को लग रहा है कि इस बार यहां चूके गए तो खेल ख़राब होगा। न सिर्फ लोकसभा चुनाव (loksabha election) पर इसका असर पड़ेगा बल्कि पार्टी के अस्तित्व पर भी यह प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में बीजेपी की पूरी कोशिश राजस्थान में सत्ता पाने की है जबकि मध्यप्रदेश (MP) में सत्ता बरकरार रखने की है। छत्तीसगढ़ में भी सत्ता पाने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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आगामी विधान सभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने जो प्लान तैयार किया है अगर वह सध गया तो बीजेपी को लाभ हो सकता है। हालिया तैयारी के मुताबिक बीजेपी ने तय कर कि मध्यप्रदेश में वह शिवराज सिंह (MP CM Shivraj Singh) के काम पर ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी द्वारा कराये गए सर्वे से इस बात की जानकारी मिली है कि एमपी में शिवराज के अलावा कोई भी दूर नेता ऐसा नहीं है जिसकी पहुंच राज्यभर में हो और जो जनता से सीधे संवाद करते हों। शिवराज की पहचान पार्टी संगठन के साथ ही जनता के बीच भी है और पिछले दो दशक में उन्होंने जो काम किया है उसका लाभ अभी भी पार्टी को मिल सकता है। इसलिए पार्टी ने तय कर लिया है कि एमपी का चुनाव शिवराज सिंह के काम पर ही लड़ा जायेगा। सभी पोस्टर और बैनर पर पीएम मोदी और शिवराज की तस्वीर ही लगाईं जाएगी। पार्टी को उम्मीद है लाख एंटी इंकम्बेंसी के बाद भी पार्टी की जीत हो सकती है।
उधर राजस्थान के लिए सबसे बड़ी नेता के रूप में वसुंधरा राजे (Vasundra raje) ही सामने उभरी है। हालांकि पार्टी का हाई नेतृत्व वसुंधरा को आगे बढ़ाने को तैयार नहीं है लेकिन यह भी सच है कि वसुंधरा के अलावा अगर किसी और नाम को आगे बढ़ाया जाता है तो पार्टी की हार हो सकती है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी अब वसुंधरा के नाम के सहारे ही राजस्थान का चुनाव लड़ने को तैयार है। बता दें कि वसुंधरा के खेमे में करीब दो दर्जन विधायक है जो पार्टी के लिए काफी लाभदयक है। पार्टी को लग रह है कि वसुंधरा को नकारने का मतलब है कि पार्टी की हार। ऐसे में अब बीजेपी वसुंधरा के नाम के सहारे ही अगला चुनाव लड़ने की योजना बना रही है।
उधर, छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर ली गई है। प्लान भी तैयार है। छत्तीसगढ़ में अभी बीजेपी का कोई बड़ा चेहरा नहीं है ऐसे में पार्टी का प्लान है कि प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे के सहारे ही छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ा जायेगा। पार्टी को लग रहा है कि अगर आदिवासी वोट को साध लिया गया तो छत्तीसगढ़ में बीजेपी की वापसी हो सकती है।