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जानिए रेसलर की जंग में क्यों ताल ठोक रहे है अयोध्या के संत और वेस्टर्न यूपी के खाप

Wrestler Protest : देश की राजनीतिक लड़ाई कितनी वीभत्स हो चुकी है इसकी बानगी रेसलर की जंग के रूप में आप देख सकते हैं। देश की नामी महिला पहलवानो ने बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया। फिर मामला भी दर्ज हुआ लेकिन अभी तक सांसद की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इस खेल में बीजेपी पूरी तरह से मौन है और सरकार के बारे में कुछ कहना ही बेकार है। लेकिन मजे की बात है कि बृजभूषण सिंह और रेसलर के बीच की यह लड़ाई संतो और खापों की लड़ाई बनती जा रही है। अयोध्या के संत बलात्कार के आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के साथ खड़े हैं तो रेसलर के साथ वेस्टर्न यूपी के खाप पंचायत। मामला काफी दिलचस्प हो गया है। दोनों एक दूसरे को ललकार रहे हैं। अयोध्या से संतो की ललकार किसके बचाव में है और किसके खिलाफ में यह आप जान लीजिये। क्या हमारे संतो की अब यही दिनचर्या रह गई है ?

संत तो समाज सुधार करते रहे हैं। संतों ने इस देश में बड़े बड़े धर्मक आंदोलन किये हैं। सभी धर्मो के संत फकीरों ने आदमी को आदमी बने रहने की शिक्षा दी है। पतित लोगों के उत्थान के लिए काम किया है। कुरीतियों को दूर करने का काम किया है। लेकिन अयोध्या के संत बृजभूषण पर लगे आरोप को हटाने की मांग कर रहे हैं। संतो की यह मांग लोकतंत्र के लिए किसी भ्रम से ज्यादा कुछ भी नहीं। राम की नगरी के संत ऐसा कुछ करते मिलेंगे ऐसी कल्पना कोई भी सनातनी कभी सोंचा भी नहीं था !
उधर खाप पंचायत का अपना इतिहास रहा है। वेस्टर्न यूपी से लेकर हरियाणा और राजस्थान में खापों की बड़ी हैशियत है। कई सामाजिक झगड़ों को यह पंचायत निपटाती है और सामाजिक बुराइयों पर फैसला भी लेती है। खेती किसानी करने वाले खाप अक्सर देश की राजनीति से मतलब नहीं रखते लेकिन जब वे खुद राजनीति की जद आते हैं तो सरकार की मुश्किलें भी बढ़ जाती है। किसान आंदोलन को देश देख चूका है। ऊपर से पहलवान महिलाये इसी वेस्टर्न यूपी और हरियाणा से ताल्लुक रखती है। खेल देखिये हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन देश की नामी बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है। आगामी चुनाव में यूपी में एक सीट भी कम न पड़े केवल इसी को ध्यान में रखकर बृजभूषण के खिलाफ सर्कार कोई एक्शन नहीं ले रही है। उसे पता है कि बृजभूषण पर कार्रवाई का मतलब है कि लोकसभा की तीन चार सीटों पर हार। और हार बीजेपी कैसे बर्दास्त कर सकती है ? बीजेपी जानती है कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार हो गई तो आजाद भारत का वह सच भी बीजेपी को भुगतना पड़ेगा जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। आज जो लोग बीजेपी के सहारे फुदकते चल रहे हैं कल उनकी क्या दशा होगी इसकी कल्पना भले ही आम लोग और भगत जन मनाही कर पाए लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेता से लेकर नेतागिरी करने वाले लोग जान रहे हैं।
वेस्टर्न यूपी का खाप खिलाडियों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। अब रेसलर की लड़ाई खाप लड़ेंगे इसकी घोषणा हो चुकी है। मेडल गंगा में प्रवाहित करने से नरेश टिकैत पहलवानों को रोका और उन्हें पांच दिनों का समय भी दिया है। बता दें कि खाप अब इस मसले को इज्जत पर ले लिया है। यह लड़ाई अब और आगे चलेगी। कह सकते हैं कि कई राज्यों में होने वाले चुनाव तक चलेगी और सरकार को हर मसले पर घेरेगी। खबर आ रह है कि वेस्टर्न यूपी और हरियाणा में नेताओं की आवाजाही पर भी रोक लगाने की भी बात हो रही है। ऐसा हुआ तो बीजेपी क मुश्किलें और भी बढ़ेगी।
उदार किसानो और खापों का मुकाबला करने के लिए बृजभूषण ने संतो का सहारा लिया है। बता दें कि अयोध्या में रह रहे अधिकतर संतो के साथ बृजभूषण के गहरे सरोकार हैं। ये दरकार अयोध्या आंदोलन के समय से ही है। यहाँ भी कई तरह के संत हैं। कुछ संत तो माया से रहित भगवान् की भक्ति में लगे हैं। दूसरे संत ऐसे हैं जो राजनीति खूब करते हैं और धन संपत्ति की लड़ाई भी लड़ते हैं और तीसरे ऐसे संत भी हैं जो भीड़ का हिस्सा बनते हैं। जो कहा जाता है उसे फॉलो करते हैं। अभी बृजभूषण के साथ बहुत से संत हैं। पांच जून को अयोध्या में बड़ी रैली बृजभूषण कर रे हैं। कहा जा रहा है कि इस दिन बड़ी संख्या में संत समाज

संत तो समाज सुधार करते रहे हैं। संतों ने इस देश में बड़े बड़े धर्मक आंदोलन किये हैं। सभी धर्मो के संत फकीरों ने आदमी को आदमी बने रहने की शिक्षा दी है। पतित लोगों के उत्थान के लिए काम किया है। कुरीतियों को दूर करने का काम किया है। लेकिन अयोध्या के संत बृजभूषण पर लगे आरोप को हटाने की मांग कर रहे हैं। संतो की यह मांग लोकतंत्र के लिए किसी भ्रम से ज्यादा कुछ भी नहीं। राम की नगरी के संत ऐसा कुछ करते मिलेंगे ऐसी कल्पना कोई भी सनातनी कभी सोंचा भी नहीं था !
उधर खाप पंचायत का अपना इतिहास रहा है। वेस्टर्न यूपी से लेकर हरियाणा और राजस्थान में खापों की बड़ी हैशियत है। कई सामाजिक झाड़गो को यह पंचायत निपटाती है और सामाजिक बुराइयों पर फैसला भी लेती है। खेती किसानी करने वाले खाप अक्सर देश की राजनीति से मतलब नहीं रखते लेकिन जब वे खुद राजनीति की जद आते हैं तो सरकार की मुश्किलें भी बढ़ जाती है। किसान आंदोलन को देश देख चूका है। ऊपर से पहलवान महिलाये इसी वेस्टर्न यूपी और हरियाणा से ताल्लुक रखती है। खेल देखिये हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन देश की नामी बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है। आगामी चुनाव में यूपी में एक सीट भी कम न पड़े केवल इसी को ध्यान में रखकर बृजभूषण के खिलाफ सर्कार कोई एक्शन नहीं ले रही है। उसे पता है कि बृजभूषण पर कार्रवाई का मतलब है कि लोकसभा की तीन चार सीटों पर हार। और हार बीजेपी कैसे बर्दास्त कर सकती है ? बीजेपी जानती है कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार हो गई तो आजाद भारत का वह सच भी बीजेपी को भुगतना पड़ेगा जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। आज जो लोग बीजेपी के सहारे फुदकते चल रहे हैं कल उनकी क्या दशा होगी इसकी कल्पना भले ही आम लोग और भगत जन मनाही कर पाए लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेता से लेकर नेतागिरी करने वाले लोग जान रहे हैं।
वेस्टर्न यूपी का खाप खिलाडियों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। अब रेसलर की लड़ाई खाप लड़ेंगे इसकी घोषणा हो चुकी है। मेडल गंगा में प्रवाहित करने से नरेश टिकैत पहलवानों को रोका और उन्हें पांच दिनों का समय भी दिया है। बता दें कि खाप अब इस मसले को इज्जत पर ले लिया है। यह लड़ाई अब और आगे चलेगी। कह सकते हैं कि कई राज्यों में होने वाले चुनाव तक चलेगी और सरकार को हर मसले पर घेरेगी। खबर आ रह है कि वेस्टर्न यूपी और हरियाणा में नेताओं की आवाजाही पर भी रोक लगाने की भी बात हो रही है। ऐसा हुआ तो बीजेपी क मुश्किलें और भी बढ़ेगी।
उदार किसानो और खापों का मुकाबला करने के लिए बृजभूषण ने संतो का सहारा लिया है। बता दें कि अयोध्या में रह रहे अधिकतर संतो के साथ बृजभूषण के गहरे सरोकार हैं। ये दरकार अयोध्या आंदोलन के समय से ही है। यहाँ भी कई तरह के संत हैं। कुछ संत तो माया से रहित भगवान् की भक्ति में लगे हैं। दूसरे संत ऐसे हैं जो राजनीति खूब करते हैं और धन संपत्ति की लड़ाई भी लड़ते हैं और तीसरे ऐसे संत भी हैं जो भीड़ का हिस्सा बनते हैं। जो कहा जाता है उसे फॉलो करते हैं। अभी बृजभूषण के साथ बहुत से संत हैं। पांच जून को अयोध्या में बड़ी रैली बृजभूषण कर रे हैं। कहा जा रहा है कि इस दिन बड़ी संख्या में संत समाज

संत तो समाज सुधार करते रहे हैं। संतों ने इस देश में बड़े बड़े धर्मक आंदोलन किये हैं। सभी धर्मो के संत फकीरों ने आदमी को आदमी बने रहने की शिक्षा दी है। पतित लोगों के उत्थान के लिए काम किया है। कुरीतियों को दूर करने का काम किया है। लेकिन अयोध्या के संत बृजभूषण पर लगे आरोप को हटाने की मांग कर रहे हैं। संतो की यह मांग लोकतंत्र के लिए किसी भ्रम से ज्यादा कुछ भी नहीं। राम की नगरी के संत ऐसा कुछ करते मिलेंगे ऐसी कल्पना कोई भी सनातनी कभी सोंचा भी नहीं था !
उधर खाप पंचायत का अपना इतिहास रहा है। वेस्टर्न यूपी से लेकर हरियाणा और राजस्थान में खापों की बड़ी हैशियत है। कई सामाजिक झाड़गो को यह पंचायत निपटाती है और सामाजिक बुराइयों पर फैसला भी लेती है। खेती किसानी करने वाले खाप अक्सर देश की राजनीति से मतलब नहीं रखते लेकिन जब वे खुद राजनीति की जद आते हैं तो सरकार की मुश्किलें भी बढ़ जाती है। किसान आंदोलन को देश देख चूका है। ऊपर से पहलवान महिलाये इसी वेस्टर्न यूपी और हरियाणा से ताल्लुक रखती है। खेल देखिये हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन देश की नामी बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है। आगामी चुनाव में यूपी में एक सीट भी कम न पड़े केवल इसी को ध्यान में रखकर बृजभूषण के खिलाफ सर्कार कोई एक्शन नहीं ले रही है। उसे पता है कि बृजभूषण पर कार्रवाई का मतलब है कि लोकसभा की तीन चार सीटों पर हार। और हार बीजेपी कैसे बर्दास्त कर सकती है ? बीजेपी जानती है कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार हो गई तो आजाद भारत का वह सच भी बीजेपी को भुगतना पड़ेगा जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। आज जो लोग बीजेपी के सहारे फुदकते चल रहे हैं कल उनकी क्या दशा होगी इसकी कल्पना भले ही आम लोग और भगत जन मनाही कर पाए लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेता से लेकर नेतागिरी करने वाले लोग जान रहे हैं।
वेस्टर्न यूपी का खाप खिलाडियों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। अब रेसलर की लड़ाई खाप लड़ेंगे इसकी घोषणा हो चुकी है। मेडल गंगा में प्रवाहित करने से नरेश टिकैत पहलवानों को रोका और उन्हें पांच दिनों का समय भी दिया है। बता दें कि खाप अब इस मसले को इज्जत पर ले लिया है। यह लड़ाई अब और आगे चलेगी। कह सकते हैं कि कई राज्यों में होने वाले चुनाव तक चलेगी और सरकार को हर मसले पर घेरेगी। खबर आ रह है कि वेस्टर्न यूपी और हरियाणा में नेताओं की आवाजाही पर भी रोक लगाने की भी बात हो रही है। ऐसा हुआ तो बीजेपी क मुश्किलें और भी बढ़ेगी।
उदार किसानो और खापों का मुकाबला करने के लिए बृजभूषण ने संतो का सहारा लिया है। बता दें कि अयोध्या में रह रहे अधिकतर संतो के साथ बृजभूषण के गहरे सरोकार हैं। ये दरकार अयोध्या आंदोलन के समय से ही है। यहाँ भी कई तरह के संत हैं। कुछ संत तो माया से रहित भगवान् की भक्ति में लगे हैं। दूसरे संत ऐसे हैं जो राजनीति खूब करते हैं और धन संपत्ति की लड़ाई भी लड़ते हैं और तीसरे ऐसे संत भी हैं जो भीड़ का हिस्सा बनते हैं। जो कहा जाता है उसे फॉलो करते हैं। अभी बृजभूषण के साथ बहुत से संत हैं। पांच जून को अयोध्या में बड़ी रैली बृजभूषण कर रे हैं। कहा जा रहा है कि इस दिन बड़ी संख्या में संत समाज

संत तो समाज सुधार करते रहे हैं। संतों ने इस देश में बड़े बड़े धर्मक आंदोलन किये हैं। सभी धर्मो के संत फकीरों ने आदमी को आदमी बने रहने की शिक्षा दी है। पतित लोगों के उत्थान के लिए काम किया है। कुरीतियों को दूर करने का काम किया है। लेकिन अयोध्या के संत बृजभूषण पर लगे आरोप को हटाने की मांग कर रहे हैं। संतो की यह मांग लोकतंत्र के लिए किसी भ्रम से ज्यादा कुछ भी नहीं। राम की नगरी के संत ऐसा कुछ करते मिलेंगे ऐसी कल्पना कोई भी सनातनी कभी सोंचा भी नहीं था !
उधर खाप पंचायत का अपना इतिहास रहा है। वेस्टर्न यूपी से लेकर हरियाणा और राजस्थान में खापों की बड़ी हैशियत है। कई सामाजिक झाड़गो को यह पंचायत निपटाती है और सामाजिक बुराइयों पर फैसला भी लेती है। खेती किसानी करने वाले खाप अक्सर देश की राजनीति से मतलब नहीं रखते लेकिन जब वे खुद राजनीति की जद आते हैं तो सरकार की मुश्किलें भी बढ़ जाती है। किसान आंदोलन को देश देख चूका है। ऊपर से पहलवान महिलाये इसी वेस्टर्न यूपी और हरियाणा से ताल्लुक रखती है। खेल देखिये हरियाणा में भी बीजेपी की सरकार है और केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन देश की नामी बेटियों को न्याय नहीं मिल रहा है। आगामी चुनाव में यूपी में एक सीट भी कम न पड़े केवल इसी को ध्यान में रखकर बृजभूषण के खिलाफ सर्कार कोई एक्शन नहीं ले रही है। उसे पता है कि बृजभूषण पर कार्रवाई का मतलब है कि लोकसभा की तीन चार सीटों पर हार। और हार बीजेपी कैसे बर्दास्त कर सकती है ? बीजेपी जानती है कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार हो गई तो आजाद भारत का वह सच भी बीजेपी को भुगतना पड़ेगा जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। आज जो लोग बीजेपी के सहारे फुदकते चल रहे हैं कल उनकी क्या दशा होगी इसकी कल्पना भले ही आम लोग और भगत जन मनाही कर पाए लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेता से लेकर नेतागिरी करने वाले लोग जान रहे हैं।
वेस्टर्न यूपी का खाप खिलाडियों के साथ पूरी तरह से खड़ा है। अब रेसलर की लड़ाई खाप लड़ेंगे इसकी घोषणा हो चुकी है। मेडल गंगा में प्रवाहित करने से नरेश टिकैत पहलवानों को रोका और उन्हें पांच दिनों का समय भी दिया है। बता दें कि खाप अब इस मसले को इज्जत पर ले लिया है। यह लड़ाई अब और आगे चलेगी। कह सकते हैं कि कई राज्यों में होने वाले चुनाव तक चलेगी और सरकार को हर मसले पर घेरेगी। खबर आ रह है कि वेस्टर्न यूपी और हरियाणा में नेताओं की आवाजाही पर भी रोक लगाने की भी बात हो रही है। ऐसा हुआ तो बीजेपी क मुश्किलें और भी बढ़ेगी।
उदार किसानो और खापों का मुकाबला करने के लिए बृजभूषण ने संतो का सहारा लिया है। बता दें कि अयोध्या में रह रहे अधिकतर संतो के साथ बृजभूषण के गहरे सरोकार हैं। ये दरकार अयोध्या आंदोलन के समय से ही है। यहाँ भी कई तरह के संत हैं। कुछ संत तो माया से रहित भगवान् की भक्ति में लगे हैं। दूसरे संत ऐसे हैं जो राजनीति खूब करते हैं और धन संपत्ति की लड़ाई भी लड़ते हैं और तीसरे ऐसे संत भी हैं जो भीड़ का हिस्सा बनते हैं। जो कहा जाता है उसे फॉलो करते हैं। अभी बृजभूषण के साथ बहुत से संत हैं। पांच जून को अयोध्या में बड़ी रैली बृजभूषण कर रे हैं। कहा जा रहा है कि इस दिन बड़ी संख्या में संत समाज हिस्सा लेंगे और सरकार पर दवाब डालेंगे कि पस्को एक्ट में संसोधन किया जाए और बृजभूषण को इससे अलग किया जाए।
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संतों ने पांच जून को अयोध्या के राम पार्क में बृजभूषण की जान चेतना रैली के लिए पूरा समर्थन देने का ऐलान किया है। रैली में अयोध्या के मणि राम दास छावनी पीठ के फॉलोवर्स भी शामिल होंगे जो वाराणसी ,हरिद्वार और म…

Akhilesh Akhil

Political Editor

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