Jharkhand Ranchi News: 7वें राष्ट्रीय पोषण माह (7th National Nutrition Month) 2024 का समापन समारोह आज यानी 30 सितंबर, 2024 को झारखंड के रांची (Ranchi of Jharkhand) में संतोष कुमार गंगवार, राज्यपाल, झारखंड, अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों (Senior Officials) की गरिमामयी उपस्थिति में आयोजित किया गया।
पोषण माह (Nutrition Month) पर एक फिल्म भी दर्शकों को दिखाई गई, जिसमें महीने भर चलने वाले समारोहों के दौरान देश भर में किए गए विभिन्न जन-संवेदनशीलता (Public Sensitization) पहलों को दर्शाया गया है। इसके बाद बच्चों का अन्नप्राशन समारोह (Annaprashan Ceremony) और गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) की गोदभराई (Baby Shower) का आयोजन किया गया।
इसके बाद एक प्रेरक लघु फिल्म (Motivational Short Film) “आओ तोड़ें: कुपोषण चक्र” दिखाई गई, जिसमें बच्चों, किशोरियों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच पोषण की स्थिति में सुधार के लिए झारखंड के जीवन चक्र दृष्टिकोण (Life Cycle Approach) पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण आज देश के 20 राज्यों में 11 हजार से अधिक सक्षम आंगनवाड़ी (Saksham Anganwadi) का वर्चुअल उद्घाटन था। सक्षम आंगनवाड़ियों से कैसे बेहतर पोषण और प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा वितरण (ECCE) की अवधारणा को दर्शाया गया है, यह दिखाने वाली एक लघु फिल्म (Short Film) भी दिखाई गई।
इसके बाद, झारखंड के राज्यपाल (Governor of Jharkhand) श्री संतोष कुमार गंगवार (Mr. Santosh Kumar Gangwar), भारत सरकार (Government of India) की महिला एवं बाल विकास मंत्री (Minister of Women and Child Development) श्रीमती अन्नपूर्णा देवी (Smt Annapurna Devi) और बिहार के जमुई जिले (Jamui District of Bihar) और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले (Rajnandgaon District of Chhattisgarh) के सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र (Saksham Anganwadi Centre) की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (Anganwadi Workers) के बीच ऑनलाइन बातचीत हुई।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने अपने विशेष संबोधन में कहा, “पोषण माह के दौरान सभी हितधारकों ने जो व्यापक भागीदारी (Widening Participation) और उत्साह दिखाया है, उससे मैं अभिभूत हूं। पोषण माह के दौरान 13.95 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण से संबंधित विभिन्न विषयों पर कुल 12.86 करोड़ जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस पोषण केंद्रित जन आंदोलन के अलावा, जिसने पूरे देश को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, एक पेड़ माँ के नाम के माध्यम से पर्यावरणीय स्थिरता (Environmental Sustainability) पर विशेष अभियान चलाए गए। पोषण माह के दौरान एक पेड़ माँ के नाम से संबंधित कुल 86 लाख गतिविधियाँ आयोजित की गईं”। उन्होंने यह भी कहा, “कुछ राज्यों ने लाभार्थियों और समुदाय को संवेदनशील बनाने के लिए माह के दौरान अनूठी गतिविधियों (Unique Activities) का आयोजन किया है। असम (Assam) में, बेहतर हीमोग्लोबिन स्तर (Hemoglobin Level) वाली किशोरियों को ‘हीमोग्लोबिन क्वीन’ के रूप में मान्यता दी गई अपने विशेष संबोधन का समापन करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सक्षम आंगनवाड़ियों के माध्यम से बढ़ी हुई गति के साथ बहुमुखी विकास (Versatile Development) की भविष्यवाणी कर सकती हूं, जो समुदायों को भारत को एक सुपोषित राष्ट्र (Well-Nourished Nation) बनाने के मिशन के साथ पोषण 2.0 की पहल में भाग लेने, जुड़ने और उसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।”
झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार ने अपने मुख्य भाषण में कुपोषण मुक्त (Malnutrition Free) भारत की दिशा में एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र (Holistic Ecosystem) बनाने के लिए सभी विभागों और अन्य हितधारकों के बीच अभिसरण और भागीदारी के महत्व पर श्रोताओं का ध्यान आकर्षित किया। इसके अलावा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि इन फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण भी पढ़ाई भी जैसी अवधारणाओं की मदद से हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर देश की ओर बढ़ रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि हम सभी को अपने दैनिक भोजन (Daily Meals) में हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और बाजरा को बढ़ावा देना चाहिए।
कार्यक्रम स्थल पर पोषण भी पढाई भी, ईसीसीई, पालना गृह, टेक होम राशन/खाद्य एवं पोषण, स्वास्थ्य शिविर एवं एनीमिया जांच, बाल संरक्षण, स्वयं सहायता समूह, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और सीएमएएम प्रोटोकॉल जैसे विभिन्न विषयों पर केंद्रित विभिन्न स्टॉलों वाली एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान पोषण धारा पत्रिका (Nutrition Section Magazine) के तीसरे संस्करण (Third Edition) का भी विमोचन किया गया, जिसमें झारखंड को कुपोषण मुक्त राज्य (Malnutrition Free State) बनाने की प्रमुख रणनीतियों (Key Strategies) पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पोषण माह के दौरान पूरे महीने चलने वाले कार्यक्रमों के दौरान सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पोषण के बारे में 12.86 करोड़ से अधिक जागरूकता गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं। अलग-अलग थीम के संदर्भ में, एनीमिया (Anemia) और विकास निगरानी (Growth Monitoring) पर क्रमशः 2.4 करोड़ गतिविधियाँ और 2 करोड़ गतिविधियाँ आयोजित की गई हैं।
पोषण माह 2024 एक स्वस्थ और पोषित भारत के लिए विभिन्न हितधारकों के सामूहिक प्रयासों का जश्न मनाता है। यह न केवल सभी भाग लेने वाले राज्यों के समर्पण को मान्यता देता है, बल्कि सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से हितधारकों के लिए बेहतर प्रदर्शन सुनिश्चित करते हुए निरंतर जन आंदोलनों के माध्यम से जमीनी स्तर के आंदोलनों को मजबूत करने की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।