Delhi News ED summons Kejriwal: AAP की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुख्यमंत्री अरविंद को दिल्ली जल बोर्ड (DJB) से संबंधित एक ‘फर्जी’ मामले में अपनी जांच में शामिल होने के लिए कहा है। केजरीवाल को नया समन भेजा गया है। उधर, बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ED स्वतंत्र रूप से काम कर रही है। उन्होंने Kajriwal पर बार-बार कानून का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया।
दिल्ली के CM arvind kajriwal की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शराब नीति के साथ-साथ जल बोर्ड में वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में भी ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजा है। जल बोर्ड से जुड़े मामले में जारी समन का जवाब देते हुए दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा, ‘कोई नहीं जानता कि डीजेबी का यह मामला किस बारे में है। इस तरह केजरीवाल (arvind kajriwal) को अरेस्ट करने और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने की एक सोची समझी योजना लगती है।
एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के 55 वर्षीय राष्ट्रीय संयोजक को तलब किया गया है। दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए उन्हें पहले ही समन जारी किया जा चुका है। इस मामले में आठ समन को अवैध बताते हुए केजरीवाल अभी तक एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं। इस मामले में केजरीवाल को नौवां समन जारी किया गया है और 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
क्या है जल बोर्ड घोटाला?
डीजेबी मामले में ईडी ने आरोप लगाया है कि, दिल्ली सरकार के इस विभाग के एक अनुबंध के बदले ली गई ‘रिश्वत की रकम’ आम आदमी पार्टी (AAP) को चुनाव फंड के रूप में दी गई थी। ED ने मामले की जांच के तहत फरवरी में केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार, AAP के राज्यसभा सदस्य ND गुप्ता, पूर्व DJB सदस्य शलभ कुमार, CA पंकज मंगल और कुछ अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।
38 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट
CBI की FIR में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक कंपनी को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था और यह ठेका इस तथ्य के बावजूद दिया गया था कि कंपनी तकनीकी रूप से योग्य नहीं थी। ‘मानदंडों पर खरा नहीं उतरता’ यही ED केस का आधार है। ED ने इस केस में अरोड़ा और anil kumar agarwal नाम के ठेकेदार को 31 जनवरी को अरेस्ट किया था।
‘फर्जी दस्तावेज जमा कर टेंडर हासिल किया’
एजेंसी ने दावा किया कि NKG इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने ‘जाली’ दस्तावेज जमा करके टेंडर जीता और अरोड़ा को ‘इस तथ्य की जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता को पूरा नहीं करती है।’ED ने एक बयान में आरोप लगाया है कि NKG Infrastructure Limited को ठेका देने के बाद अरोड़ा ने नकदी और बैंक खातों में रिश्वत ली और यह पैसा DJB में मामलों का प्रबंधन करने वाले विभिन्न व्यक्तियों को दिया, जिनमें आप से जुड़े लोग भी शामिल थे। दावा किया गया है, ‘रिश्वत की रकम ‘आप’ के चुनाव कोष में भी जमा की गई थी।’ यह दूसरा मामला है जिसमें जांच एजेंसी ने आप पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। एजेंसी ने कहा कि डीजेबी का ठेका ‘बेहद बढ़ी हुई दरों’ पर दिया गया ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ईडी ने कहा कि अनुबंध का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर केवल 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे और शेष राशि विभिन्न फर्जी खर्चों की आड़ में गबन की गई थी। ईडी ने दावा किया, ”इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वतखोरी और चुनावी फंड के लिए किए गए।”