Live UpdateSliderचुनावट्रेंडिंगराजनीति

Lok Sabha Election Voting Analysis 2024: वीआईपी सीटों पर कम मतदान से सभी पार्टियों की चिंता बढ़ी

Lok Sabha Election Voting Analysis 2024: पहले चरण के मतदान के बाद जब दूसरे चरण के मतदान में कम मतदान प्रतिशत सामने आया तो सभी पार्टियों की चिंता बढ़ गई। सबसे ज्यादा चिंता बीजेपी और कांग्रेस की है। वैसे कई और दल के नेता भी अब चिंता में डूबते जा रहे हैं। सपा की भी चिंता बढ़ी है और बसपा भी चिंतित हुई है। इसके साथ ही बिहार और महाराष्ट्र की पार्टियां भी काफी चिंतित है। बंगाल में ममता बनर्जी के साथ ही वाम दलों के नेता भी खासे चींटी नजर आ रहे हैं। सबकी जुबान पर बस एक ही बात है कि आखिर जनता वोट के लिए बूथ तक क्यों नहीं पहुँच रही है ?

ज्यादा से ज्यादा मतदान हो इसके लिए चुनाव आयोग की तरफ से कई तरह की बातें जनता के बीच पहुंचाई जा रही है। जनता को उत्साहित भी किया जा रहा है। इसके साथ ही सभी पार्टियां भी लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। खुद पीएम मोदी भी लोगों को कहते जा रहे हैं कि लोकतंत्र के इस पर्व में सबकी भागीदारी जरुरी है और सभी लोगों को मतदान करने की जरूरत भी है ताकि भारत का लोकतंत्र और भी मजबूत हो सके। लेकिन जिस तरह से जनता ने मतदान करने से खुद को पीछे रखा है इससे चुनावी दलों की चिंता अब बढ़ती जा रही है।

Also Read: Latest Political News | News Watch India

सबसे बड़ी बात तो यह है कि आम सीटों पर मतदान में कमी तो आ रही है मजे की बात तो यह है कि जो वीआईपी सीटें है और जहाँ से बीजेपी और कांग्रेस समेत किसी भी दल के बड़े नेता चुनाव लड़ रहे हैं वहां भी मतदान कम होते जा रहे हैं। पिछली बार के मुकाबले इस बार दोनों चरणों में काफी कम मतदान हुए हैं। जहाँ फ़िल्मी स्टार और ग्लेमर वाले लोग खड़े हैं वहां भी मतदान कम हुए हैं। लोग मतदान करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। दूसरे चरण में 88 सीटों पर मतदान हुए लेकिन जब इस मतदान की तुलना सीटों के हिसाब से पिछले चुनाव से किया जाए तो काफी कम मतदान के आंकड़े सामने आये हैं। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह एक ऐसा ट्रेंड है जो केरल से बिहार और यूपी तक सामान रूप में देखा जा रहा है।

केरल में पढ़े लिखों की आबादी सबसे ज्यादा है। केरल के तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर चुनाव लड़ रहे हैं। वे काफी हाई प्रोफाइल नेता भी हैं। चौथी बार चुनाव जीतने की तैयारी में हैं। इसी तरह बीजेपी के राजीव चनद्रशेखर यही से चुनाव लड़ रहे हैं। चंद्रशेखर कारोबारी भी हैं। 2019 के चुनाव में इस सीट पर करीब 74 फीसदी वोट पड़े थे जबकि अबकी बार 64 फीसदी वोट पड़े हैं। इसी तरह मेरठ से अरुण गोविल मैदान में हैं। वे बीजेपी के उम्मीदवार हैं। रामायण सीरियल में प्रभु राम की भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन इस बार उनकी सीट पर भी लोगों में कोई उत्साह देखने को नहीं मिला। 2019 के चुनाव में मेरठ में 64 फीसदी मतदान हुए थे लेकिन इस बार 59 फीसदी मतदान हुए हैं।

इसी तरह राहुल गाँधी के वायनाड सीट पर भी इस बार पिछले चुनाव की तुलना में कम मतदान हुए हैं। पिछले चुनाव में वायनाड में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान हुए थे लेकिन इस बार 73 फीसदी की मतदान हुए हैं। ;इसी तरह बीजेपी नेता गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर सीट से मैदान में हैं। पिछले चुनाव में जोधपुर में 69 फीसदी मतदान हुआ था जबकि इस बार 64 फीसदी ही मतदान हुए हैं। मथुरा सीट से हेमा मालिनी चुनाव लड़ रही है। पिछले चुनाव में मथुरा में 63 फीसदी मतदान हुए थे जबकि इस बार मात्र 49 फीसदी ही मतदान हुए हैं। इस तरह से जो वीआईपी सीटें है वहां भी कम मतदान का ट्रेंड चल रहा है। पहले चरण के मतदान में भी यही ट्रेंड था। अब कोशिश की जा रही है कि अगले पांच चरण के मतदान में वोट ज्यादा पड़े लेकिन जनता के मन में क्या है यह कौन जाने ?

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button