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कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को लगी लताड़, सऊदी प्रिंस ने दिखाई औकात!

Saudi Arabia on Kashmir: कश्मीर के मुद्दे पर सऊदी प्रिंस के सामने गिड़गिड़ाने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को करारा झटका लगा। शहबाज शरीफ बड़ी उम्मीद और हसरत लेकर गए थे लेकिन सऊदी ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को आईना दिखा दिया। शहबाज शरीफ ने सऊदी क्राउन प्रिंस से कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की भीख मांगी थी मगर उनका कटोरा खाली रह गया।


सऊदी अरब ने ये भी कहा कि भारत और पाकिस्तान अपने रिश्ते खुद ही सुलझाएं। इसका मतलब उन्होंने (सऊदी अरब) भारत को फैसला करने की छूट दी है। इसमें सऊदी अरब कुछ नहीं कर सकता है। सऊदी को अच्छे से पता है कि भारत की क्या स्थिति है।सऊदी अरब की यात्रा पर शहबाज शरीफ को उस वक्त असहज होना पड़ा जब वो क्राउन प्रिंस के सामने कश्मीर का राग अलाप रहे थे लेकिन प्रिंस ने कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा बताया। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा है कि इस मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को बातचीत के जरिए सुलझाना होगा। सऊदी के इस रूख से साफ हो चुका है कि मुस्लिम देशों के बीच अब पाकिस्तान की हैसियत क्या रह गई है।
कश्मीर को लेकर बेतुके और झूठे दावे करने वाला पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने पहले ही बेनकाब हो चुका है। पाकिस्तान जो करना चाहता है उसमें उसे ना तो सफलता मिल रही है और ना ही किसी का साथ मिल रहा है।
कश्मीर मुद्दे पर मुंह की खाने वाले शहबाज शरीफ की सऊदी यात्रा को लेकर पाकिस्तानी ही मजाक उड़ाने लगे हैं। क्य़ोंकि शहबाज शरीफ भले ही उमरा के बहाने सऊदी गए हों लेकिन उनका असल मकसद तो पाकिस्तान के लिए रुपये मांगना ही था।भिखारियों का इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि वो पैसा लेने गए हैं, कर्जा मांगने गए हैं। वैसे तो बताया तो नहीं है लेकिन कर्जा मांगने जो जाता है उसे भिखारी कहा पाकिस्तान की कंगाली दूर होने का नाम नहीं ले रही। कर्ज के बढ़ते बोझ के बीच शहबाज ने सऊदी प्रिंस के सामने झोली फैलाई लेकिन उम्मीद के मुताबिक पैसे नहीं मिले।जब पाकिस्तान के केयर टेकर पीएम UAE और सऊदी अरब गए तब हमें बताया गया था कि 50 अरब डॉलर का निवेश होगा। अभी वजीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ सऊदी से लौट आए हैं। उनकी मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात भी हुई है तो पता चला है कि डील अब 5 अरब डॉलर की हो गई है। 50 से 0 हटा दिया अब सिर्फ 5 रह गया।


सऊदी अरब से शहबाज को बड़ी उम्मीदें थीं लेकिन पाकिस्तान की बिगड़ी हालत की वजह से अब उसे कोई नहीं पूछ रहा। कर्ज का आलम ये है कि नौबत दिवालिया होने की आ चुकी है। पाकिस्तान थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर कुल 103.38 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान ने चीन से 12.27 लाख करोड़ रुपये कर्ज लिया हुआ है। जबकि सऊदी अरब पहले ही पाकिस्तान को 1.49 लाख करोड़ रुपये कर्ज दे चुका है। जापान से भी 3.48 लाख करोड़ रुपए का कर्ज पाकिस्तान ले चुका है। वहीं जर्मनी से 91 हजार करोड़ रुपए पाकिस्तान के कर्ज के तौर पर लिए हैं। फ्रांस का 1.24 लाख करोड़ रुपये पाकिस्तान पर कर्ज है। जबकि पाकिस्तान अब तक अमेरिका से भी 83 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुका है।
पाकिस्तान अपनी करनी का खामियाजा खुद ही भुगत रहा है। कर्ज के बिना देश कैसे चलेगा ये सवाल तो है ही अब जिस तरह मुस्लिम देश भी पाकिस्तान को नजरअंदाज कर रहे हैं उससे साफ है कि चुनौतियां आगे और भी बढ़ेंगी।

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