India Name Chnage to Bharat: क्या जिस देश में हम रह रहे हैं उसका आधिकारिक नाम अब भारत ही होगा? आज पहली बार इसकी झलक भी देखने को मिली है। आज सुबह ही भारत की प्रेसीडेंसी जी-20 ने नया हैंडल जी-20 भारत लांच किया है। यह जी-20 का अतिरिक्त अकॉउंट होगा। इसके तहत जी-20 से जुड़ी टिप्पणियां और सभी प्रकार की सूचनाएं भारत के आधिकारिक नाम से साझा की जाएंगी। याद रहे अब से पहले यानी कल तक यह सब इंडिया के नाम से साझा की जा रही थी।
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अब दूसरी झलक भी देख लेते हैं। राष्ट्रपति भवन में जी-20 के दौरान 9 सितम्बर को दीनार का आयोजन दुनिया भर के देशों के सम्मान में किया। इस दीनार का आमंत्रण भी भारत के राष्ट्रपति के नाम से भेजा गया है। पहले प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया के नाम से निमंत्रण भेजे जाते रहे हैं लेकिन आज प्रेजिडेंट ऑफ़ भारत के नाम से भेजा गया है। अब इसको लेकर कई दलों ने प्रतिक्रियाएं भी दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर हमला किया है. ममता बनर्जी ने भी बीजेपी को हाथ लिया है और सरकार को घेरा है। उधर मनीष तिवारी ने भी सरकार पर तंज कसा है। इसके साथ ही अब देशभर के लोग भी इस घटना को लेकर कई तरह की बातें करने लगे हैं।
आखिर यह सब अचानक क्यों हो रहा है? दरअसल जब से विपक्षी पार्टियों ने गठबंधंधन का नाम इंडिया रखा है तभी से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ने लगी है। अब उसे इस गठबंधन के नाम पर कोई बदनामी करने से बन नहीं रहा है। इंडिया भारत का नाम है और भारत सरकार की तमाम योजनाएं भी इंडिया के नाम से ही चल रही है। देश के तमाम संस्थान इंडिया के नाम से ही चल रहा हैं और देश का संविधान भी इंडिया दैट इज भारत के नाम से ही चल रहा है। ऐसे में बीजेपी अब काफी परेशान है। अब उसे लगता है कि इंडिया की जगह देश का नाम भारत ही रखा जाए।
दरअसल, बीजेपी शहरों, गांव, सड़कों का नाम बदलती रही है। इस नाम के बदलाव के पीछे बीजेपी के अपने तर्क हो सकते हैं। वह तो विपक्षी पार्टियां जो इस तरह के खेल के पीछे नहीं पड़ते। अगर बीजेपी की सरकार (Modi government) जो नाम बदलती है अगर विपक्षी सरकार फ़िर उसी नाम को बदलना शुरू करें तब इस देश का क्या होगा? तब तो इस देश में नाम बदलने की ही कबड्डी शुरू हो जाएगी और यह फिर कभी ख़त्म नहीं होगी। राजनीति का यह खेल देश की बर्बादी के लिए काफी हो सकता है।
पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कि अब समय आ गया है कि इस देश का नाम ही बदल दिया जाए। अचानक इस तरह के बयान से किसी काे भी धक्का लग सकता है। लेकिन इस तरह के बयान सामने आये। भागवत साहेब ने यह सब क्यों कहा इसे जानने की जरूरत है। उन्होंने एक दिन में ही ये बातें नहीं कही है। संघ को भी लगने लगा है कि विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया हो जाने से बीजेपी (Modi government) की परेशानी बढ़ रही है और इंडिया लोगों के दिमाग में चढ़ रहा है। ऐसे में भागवत ने कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो नाम एक ही रहता है। हमारे देश का नाम भारत है और हमें सभी व्यावहारिक कार्य भारत के नाम से ही करने चाहिए, इंडिया नाम को बंद कर देना चाहिए। हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी समझाना होगा।
अब सरकार द्वारा संसद का जो अचानक विशेष बैठक बुलाया गया है उसको लेकर भी कई कयास लगाए जा रहे हैं। जिस तरह से सरकार काम करती दिख रही है उससे लगने लगा है कि मोदी सरकार (Modi government) भारत के नाम को लेकर भी कोई बड़ा फैसला करने जा रही है। अगर ऐसा होता है तो यह आजाद भारत का एक अजूबा राजनीतिक खेल होगा जिसकी कल्पना भी नहीं जा सकती थी। विपक्ष को इंडिया पर गर्व है लेकिन बीजेपी को इंडिया से क्या नफरत हो रही है। क्या महादेव का नाम शिव कहने से फर्क पडेगा? महादेव के हजारों नाम है। अरबों उनके भक्त हैं हर भक्त हर रूप में उनकी पूजा करते है लेकिन हैं तो वे सदाशिव ही।