लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में अटल मिशन फार रिजूवेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमृत) योजना के अन्तर्गत गठित राज्य स्तरीय उच्चाधिकार समिति की द्वितीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होने अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत लोगों को जल्द से जल्द स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु कनेक्शन उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया।
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि अमृत 2.0 परियोजनाओं के निर्धारित लक्ष्य के अनुसार समानुपातिक वित्तीय एवं भौतिक प्रगति सुनिश्चित की जाए। इस योजना के माध्यम से लोगों को बुनियादी सुविधाएं जैसे जलापूर्ति, सीवरेज आदि जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जायें। उन्होंने कहा कि अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत लोगों को जल्द से जल्द स्वच्छ जल उपलब्ध कराने हेतु कनेक्शन उपलब्ध कराने के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने कहा कि यह कार्य तभी पूर्ण हो सकता है जब कम खर्च के साथ बेहतर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए।
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बैठक में अमृत 2.0 की राज्य स्तरीय तकनीकी समिति (एस.एल.टी.सी.) द्वारा अनुमोदित 31 परियोजनाओं का जल निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अमृत 2.0 परियोजना के तहत सीवर एवं पेयजल की 31 परियोजनाएं संचालित हैं।
इसके अलावा गोरखपुर में राप्ती नदी में गिरने वाले कटनिया-महेवा नाले के इंटरसेप्शन, डायवर्जन एवं ट्रीटमेंट के कार्यों की योजना तथा अमरोहा, औरैया, बदायूं, बहराइच, बिजनौर, एटा, इटावा, गाजियाबाद, हापुड़, हाथरस, कानपुर, लखनऊ, मऊ, मुरादाबाद, वाराणसी, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर में पेयजल योजना का कार्य तेजी से चल रहा है। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारीगण आदि मौजूद रहे।