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31 अक्टूबर को ही क्यों मनाई जाती है सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस? जानें इतिहास और महत्व.

National Unity Day 2023 History: लौह पुरुष के नाम से प्रसिद्ध सरदार वल्लभ भाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) की जंयति के रूप में राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। उन्होंने कई भारतीय रियासतो को देश में मिलाने पर महत्वपूर्ण योगदान निभाया। जिसमें हैदराबाद सहित अन्य रियासत भी शामिल हैं।

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31 अक्टूबर देश में हर वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) मनाया जाता है। यह दिवस सरदार वल्लभ भाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) की जयंति के रूप में मनाया जाता है। 550 से अधिक रियासतों को भारत संघ में एकीकृत करने की उनकी स्मारकीय उपलब्धि का सम्मान करने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) या राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) के रूप में मनाया जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस मनाने के पीछे यें भी हैं कारण
भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, यहां के लोगों बीच एकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में जब कई रियासतें खंडित थीं, सरदार वल्लभभाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) ने एकजुट भारत के दृष्टिकोण का समर्थन किया। राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) देश को एकजुट करने के लिए पटेल और अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है। यह एकजुटता की पुष्टि करता है, “विविधता में एकता” की भावना को बढ़ावा देता है और राष्ट्रीय अखंडता (National Unity Day 2023) बनाए रखने के महत्व पर जोर देता है।

2014 में हुई थी राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत
सरदार वल्लभभाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) की विरासत का सम्मान करने के लिए भारत सरकार की तरफ से 2014 में आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) की शुरुआत की गई थी। पटेल एकजुट और मजबूत भारत के कट्टर समर्थक थे और उनके जीवन के कार्यों में यह समर्पण झलकता था। उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2023) के रूप में नामित करने का सरकार का निर्णय उनके योगदान के (National Unity Day) महत्व को रेखांकित करता है।

43वीं जयंती पर भव्य स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
आपको बता दें साल 2018 में सरदार वल्लभभाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) की 143 वीं जयंती पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narandra modi) ने गुजरात में नर्मदा नदी के पास स्थित भव्य स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ( statue of unity) का उद्घाटन किया था। “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” पटेल का यें प्रसिद्ध नारा आज भी देश को प्रेरित करता है।

लौह पुरुष के रूप में जाने जाते हैं पटेल
“भारत के लौह पुरुष” के रूप में प्रसिद्ध सरदार वल्लभभाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि एक दूरदर्शी नेता भी थे। 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात में जन्मे पटेल एक समर्पित वकील थे। वह न्याय, समानता और एकता के लिए हमेशा (National Unity Day) खड़े रहते थे। उनका योगदान भारतीय संविधान के निर्माण में भी था। क्योंकि उन्होंने संविधान सभा के एक प्रमुख सदस्य के रूप में काम किया और संविधान (National Unity Day) का मसौदा तैयार करने के लिए जिम्मेदार कमेटी की अध्यक्षता की।

एकता में करते विश्वास
सरदार वल्लभभाई पटेल (sardar vallabhbhai patel) भारत के विविध समुदायों की एकता में बहुत विश्वास करते थे। आजादी के बाद उन्हें रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने के चुनौतीपूर्ण कार्य का (National Unity Day) सामना करना पड़ा। उनके कूटनीतिक कौशल और राजनेता कौशल ने इन राज्यों को शामिल होने के लिए मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे देश की (National Unity Day) क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित हुई। पटेल के अटूट कोशिशों ने एकजुट और सामंजस्यपूर्ण भारत की नींव रखी।

Prachi Chaudhary

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