Current political news Hindi UP: आज CBI के सामने होगी सपा के ‘सुल्तान’ अखिलेश यादव की पेशी!
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Current political news Hindi UP,: लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) नजदीक है, सियासी दलों में हलचल तेज है…नेता एक दूसरे पर सियासी तीर भी छोड़ रहे हैं, कोई किसी पर मुंह से सियासी प्रहार करता है तो कोई किसी के नेताओं को ही अपने पाले में ले लेता है। इलेक्शन में जीता जाए इसके लिए विपक्ष के नेता भी पुरजोर कोशिश में है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के नेता भी ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अब नेता जी एक्शन में आ चुके हैं तो फिर CBI और ED भी तैयार है। बता दें कि चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर CBI का शिकंजा कस चुका है। अखिलेश यादव (Current political news Hindi UP) को सीबीआई ने नोटिस भेजा है और कहा है कि वहआज पेश हो जाएं। दरअसल आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) को अवैध खनन के मामले में नोटिस भेजा गया है।
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बता दें कि यह मामला एक दो साल पुराना नहीं है, ये मामला 5 साल पुराना है। इस मामले में पांच साल पहले केस हुआ था। अखिलेश यादव भी (Current political news Hindi UP) इस मामले में एक गवाह हैं। अब सीबीआई की टीम इस मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया (Akhilesh Yadav)से पूछताछ करना चाहती है।CBI के मुताबिक अखिलेश यादव को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया गया है, और उनसे आज पूछताछ होनी है।
इस मामले में आरोप है कि साल 2012 और 2016 के दौरान समाजवादी पार्टी के मुखिया यानी की अखिलेश यादव ही (Current political news Hindi UP) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। तो फिर लोकसेवकों ने अवैध खनन की अनुमति दे दी थी और खनन पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा लगाए गए प्रतिबन्ध के बावजूद अवैध रूप से लइसेंस का नवीनीकरण किया गया। यह भी आरोप है कि अधिकारियों ने खनन की चोरी होने दी और पट्टाधारकों और चालकों से पैसे वसूल किये गए।
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खनिजों के इस अवैध खनन मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने 2016 में सात प्रारंभिक मामले दर्ज किये थे। अधिकारियों के मुताबिक एजेंसी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के (Current political news Hindi UP) कार्यालय ने एक ही दिन में 13 परियोजनाओं की मंजूरी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यादव जिनके पास कुछ समय तक खनन विभाग भी था ,ने ई -निविदा प्रक्रिया का उलंघन करते हुए 14 पत्तों की मंजूरी दी थी।
सीबीआई का दावा है कि 17 फरवरी 2013 को 2012 की ई -निविदा नीति का उलंघन करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद हमीरपुर की जिला अधिकारी बी चन्द्रकला द्वारा पत्ते दिए गए थे। इस मामले में अखिलेश यादव (Current political news Hindi UP) को संदेह के घेरे में रखा गया है क्योंकि उस दौरान वे प्रदेश के सीएम थे और 2012 -13 में खनन विभाग उनके पास ही था। फिर 2013 में गायत्री प्रजापति को खनन विभाग दिया गया था।
लेकिन अब जानकार यह मान रहे हैं कि पांच साल पुराने इस मामले को अब केंद्र सरकार सीबीआई के जरिये अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) को फंसाने के फेर में है। बहरहाल, अब देखना ये होगा कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) सीबीआई के सामने आज पेश होंगे या नहीं।