Maternity Leave: अक्सर यह चर्चा का विषय रहता है कि महिला कर्मचारियों को कितने दिन का मैटरनिटी लीव मिलनी चाहिए . 15 मई सोमवार को इस विषय को लेकर एक बयान आया है यह बयान नीति आयोग के सदस्य पीके पॉल की तरफ से आया है फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (FLO) ने पॉल के हवाले से एक बयान में कहा, ‘प्राइवेट और पब्लिक दोनों क्षेत्रों की महिला कर्मचारियों को लिए मैटरनिटी अवकाश अवधि 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने करने के बारे मे विचार करने की जरूरत है।”
बता दें कि मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 को 2017 में संसद की ओर से पारित किया गया था, इसके तहत पहले 12 सप्ताह का ही मातृत्व अवकाश मिलता था। जिसमें बाद बढाकर 26 सप्ताह का कर दिया था
फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (FLO) ने पॉल के हवाले से एक बयान में कहा, ”निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को माताओं के मातृत्व अवकाश को मौजूदा 6 महीने से बढ़ाकर 9 महीने करने के बारे में विचार करने के लिए एक साथ बैठने की जरूरत है।” बयान में पॉल ने कहा कि निजी क्षेत्र को बेहतर परवरिश के साथ-साथ बुजुर्गों की देखभाल के लिए आवश्यक कदम संबंधी डिजाइन ( design)बनाने में नीति आयोग की मदद करनी चाहिए।
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फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (FLO) की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार ने कहा कि ग्लोबल केयर इकोनॉमी एक अहम क्षेत्र है जिनमें बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल और घरेलू कामों जैसे देखभाल शामिल हैं उन्होने कहा कि यह क्षेत्र फाइनेंशियल डेवलपमेंट, आर्थिक विकास , लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण को बढावा देता हैं। उन्होने आगे कहा देखभाल का काम आर्थिक रूप से मूल्यवान है लेकिन global-level. पर इसे कम आंका गया है. भारत में बडी खामी है कि हमारे पास care economy से जुडे श्रमिकों की ठीक से पहचान करने का कोई सिस्टम नही है. और देशो की तुलना में care economy पर भारत का सार्वजनिक खर्च (public spending)बहुत कम है.