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राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम रोक, क्या बदल जाएगी राजनीति ?

Rahul Gandhi Latest News: कांग्रेस के लिए आज हर्ष का दिन है। कांग्रेसी झूम रहे हैं। उधर इंडिया वाले भी लगे हाथ झूम रहे हैं। कांग्रेस के वोटर भी उत्साह में हैं। जरा कांग्रेस दफ्तर का हाल तो देखिये। ढोल नगाड़े और न जाने क्या-क्या! खुशियों की बौछार है। फूलों की बारिश हो रही है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जिंदाबाद के नारे लग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले ने पूरे देश को झूमा दिया है। बीजेपी के भीतर भी बहुत कुछ बातें हो रही है। बीजेपी के लोग यह कह रहे हैं कि यह सब होना ही था। इस तरह का माहौल नहीं बनाना चाहिए था। चुनावी भाषण में बहुत सी बातें की जाती हैं। किसी पर कोई कार्रवाई तो नहीं हुई? कार्रवाई होने लगे तो कई नेता जेल जायेंगे। हमारे पार्टी के लोग भी तो बहुत कुछ बोलते हैं। वगैरह-वगैरह….

सुप्रीम कोर्ट ने आज बड़ा फैसला दिया। अदालत ने गुजरात कोर्ट के फैसले पर ही रोक लगा दी है। इसके साथ ही ऐसी कई बातें कही जिसे जानकार आंखे फटी रह जाएगी। कोर्ट ने एक बात यह भी कही कि मानहानि के मामले में अधिकतम दो साल की सजा है। इसके साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। और फिर दोनों का भी प्रावधान है। आखिर गुजरात कोर्ट ने अधिकतम दो साल की सजा को ही क्यों चुना? कोई बात तो होगी। कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा कि किसी भी व्यक्ति के बारे में टीका टिप्पणी ठीक नहीं लेकिन अदालत को सबको एक नजरिये से देखना चाहिए। चूंकि अदालत को पता था कि राहुल गांधी को दो साल की सजा देकर उसकी सांसदी को ख़त्म किया जा सकता है इसलिए यह रास्ता अपनाया गया। यह कहां का न्याय है ? इसके बाद अदालत ने राहुल गांधी को भी हिदायत दी है। कोर्ट ने कहा कि बोलते समय संयम बरतना जरुरी है। जो लोग जनता की सेवा में लगे हुए हैं उनको अपने बयानों पर गौर करना चाहिए।

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उधर पूर्णेश मोदी की आज बड़ी हार हुई है। उनकी हर दलील बेकार गई। उनके हर गुना गणित ख़राब हो गए। उनकी हर रणनीति असफल हो गई। कई लोग कह रहे थे कि पूर्णेश अब बड़े नेता हो गए हैं। गुजरात में उन्हें कोई बड़ा पद भी मिल सकता है। लेकिन सब बेकार चला गया। अंत में जो हुआ वह सब पूर्णेश के खिलाफ चला गया।

अब बीजेपी की बात। बीजेपी के शीर्ष नेता अभी मौन हैं। कई सवाल उनके उनके ऊपर आ खड़े हुए हैं। अडानी कांड को लेकर रोल को दण्डित करने का प्रयास किया गया था। मानहानि के जरिये। अब मणिपुर का मामला सामने है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर भी चर्चा होनी है। संसद में राहुल और पीएम मोदी का भी सामना होना है। बड़ा ही अद्भुत दृश्य होगा जब राहुल संसद में जायेंगे और फिर पीएम मोदी से टकराएंगे।

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राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सांसदी जल्द बहाल हो इसको लेकर कांग्रेस नेता आज ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मिल आये और राहुल की सदस्यता जल्द बहाल करने का अनुरोध किया। अधीर रंजन चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि हमेशा सत्य की ही जीत होती है। वे चाहते हैं की राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सदस्यता जल्द बहाल हो और वे अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में हिस्सा लें। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है सांसदी बहाल करने में कुछ देरी भी हो लेकिन स्पीकर ने कहा है कि कोर्ट का आदेश मिल जाए तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

अब देश की राजनीति पर भी चर्चा हो जाए। 1975 में इंदिरा गांधी के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला आया था और इंदिरा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इसके बाद देश की राजनीति में भूचाल आया और फिर इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोप दिया। वह आपातकाल देश को आज भी याद है। लोग उस समय को आज भी याद करते हैं और डर से जाते हैं। लेकिन उसके बाद देश में बड़ा बदलाव हुआ। राजनीति एकदम बदल सी गई। कई दल एक साथ आये और जनता पार्टी का निर्माण हुआ। जब आपातकाल हटा तो 1977 में लोकसभा चुनाव हुए और इंदिरा गांधी की हार हुई। कांग्रेस बुरी तरह से पराजित हुई। हालांकि यह बहुत दिनों तक नहीं चला और मात्र ढाई साल के भीतर ही फिर चुनाव हुए और इस चुनाव में कांग्रेस बड़ी बहुमत के साथ सरकार में लौट गई।

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आज देश फिर से उसी मुहाने पर है। आज देश के भीतर बीजेपी सरकार के समर्थन में देश का वह मिजाज नहीं है जो 2014 में था। बीजेपी की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस का खात्मा ही लगता था। लेकिन अब फिर से कांग्रेस जागती नजर आ रही है। राहुल गांधी के इर्द गिर्द कांग्रेस फिर से ताकतवर होती जा रही है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पार्टी के भीतर एक बड़े नेता के रूप में उभर रहे हैं। इसका असर होगा और यह सब कोर्ट के फैसले का ही प्रतिफल हो सकता है और राहुल गांधी ने अपनी राजनीति को साध लिया तो संभव है कि देश का राजनीतिक मिजाज बदले।

Akhilesh Akhil

Political Editor

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