Andhra Pradesh News: इस बात की सम्भवना अब ज्यादा बढ़ गई है कि आंध्रा प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) चन्द्रबाबू नायडू Chandrababu Naidu) अब बीजेपी (BJP) के साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के साथ ही विधान सभा चुनाव भी लड़ने को तैयार हो सकते हैं। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी का नाम है तेलगु देशम पार्टी (TDP)। नायडू कई बार आंध्र प्रदेश के सीएम (CM) भी रहे हैं लेकिन पिछले दो चुनाव से वे हाशिये पर हैं। उनकी पार्टी टीडीपी का राज्य में जनाधार बड़ा है लेकिन मौजूदा समय में आंध्रा की पूरी राजनीति (Politic’s) जगन मोहन रेड्डी (jagan Moha Reddy) की तरफ झुकी हुई है।
अब इस बार टीडीपी और बीजेपी (TDP and BJP) साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसको लेकर बीजेपी और टीडीपी में लम्बे समय से बात भी होती रही है लेकिन कोई ऐलान अभी तक नहीं हो सका। लेकिन अब माना जा रहा है कि जल्द ही टीडीपी बीजेपी और पवन कल्याण की पार्टी जनसेना पार्टी की तिगड़ी आंध्रा के मैदान में देखने को मिल सकती है।
जानकारी के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू इन दिनों Delhi पहुंचे हुए हैं। उनकी मुलकात बीजेपी के टॉप नेताओं से होनी है। कहा जा रहा है कि सीटों को लेकर टीडीपी और बीजेपी के बीच आज गहन मंथन है। अगर बात बन जाती है तो सीटों के साथ ही गठबंधन का ऐलान भी हो सकता है।
यह भी जानकारी मिल रही है कि टीडीपी बीजेपी के साथ मिलकर राज्य का विधान सभा चुनाव भी लड़ेगी। बीजेपी भी चाहती है कि दक्षिण के राज्यों में उसकी पहुँच हो और बीजेपी यह भी जानती है कि वह बिना किसी का सहयोग लिए दक्षिण की राजनीति में प्रवेश नहीं कर सकती। बीजेपी की अपनी परेशानी और चुनौतियाँ दक्षिण भारत में रही है।
कर्नाटक (Karnataka) में बीजेपी की अच्छी पकड़ भी है लेकिन अब कर्नाटक भी उसके हाथ से निकल चूका है। इसलिए बीजेपी को दक्षिण भारत में ऐसी पार्टी की जरूरत है जो दक्षिण के राज्यों में खास पहचान रखती है और जिसकी जमीन भी मजबूत हो। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी कुछ इसी तरह की है और कहा जा रहा है कि अगर बीजेपी और टीडीपी में गठजोड़ होता है तो आंध्रा की लड़ाई रोचक हो सकती है।
आंध्रा में लोकसभा की 25 सीटें है। जानकारी के मुताबिक बीजेपी वहं दस सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन चंद्रबाबू नायडू केवल चार सीट ही देना चाहते हैं। हालांकि बीजेपी के एक नेता ने कहा है कि सीटों को लेकर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। कुछ इश्यू (issue) है जिस पर बात बन जाती है तो आँध्रप्रदेश में रोचक लड़ाई होगी।
वैसे भी चंद्रबाबू नायडू हमेशा ही कहते रहे हैं कि मौजूदा जगाम रेड्डी की सर्कार को हटाना है और आंध्रा प्रदेश के लोगों को भ्रष्टाचार से निजात दिलाना है। नायडू इसमें कितना सफल होंगे यह कोई नहीं जानता। उधर जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ कांग्रेस ने भी उनकी बहन शर्मीला को ला खड़ा किया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में है। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू ,बीजेपी और पवन कल्याण मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो आंध्रा की राजनीति कुछ अलग राह पर जाएगी और संभव है कि चुनावी परिणाम भी कुछ अलग तरीके के ही आएंगे।