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Govt may decide to close companies: इन तीन सरकारी कंपनियों मे लगेंगा ताला! आज होगा फैसला, देखें कौन-कौन है लिस्ट में

Govt May Decide to Close Companies: सरकार ने गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (undertaking) के लिए नई एंटरप्राइज पॉलिसी (new enterprise policy) बनाई है। इसके तहत जिन कंपनियों का निजीकरण संभव नहीं है, उन्हें बंद किया जा सकता है। आज इस बारे में अहम फैसला किया जा सकता है।

आपको बता दें सरकार 3 कंपनियों के बेचे जाने को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है. इसको लेकर 23 अक्टूबर यानि आज सोमवार को सरकार की तरफ से हाई लेवल मीटिंग ( high level meeting) की जाएगी. आइए जानते हैं कि ये 3 कंपनियां कौन सी हैं और क्या कारोबार करती हैं?

कौन कौन सी कंपनियां शामिल हैं
3 सरकारी कंपनियों के ऊपर संकट के काले बादल लहरा रहे हैं। सरकार की आज एक बैठक हो रही है जिसमें इन कंपनियों को करने का फैसला किया जा सकता है। इनमें मेटल्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (MMTC), स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (STC) और प्रोजेक्ट एंड इक्विपमेंट कॉरपोरेशन (PEC) शामिल हैं। सरकार ने गैर-रणनीतिक क्षेत्रों (non-strategic areas) में पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSUs) के लिए नई एंटरप्राइज पॉलिसी (new enterprise policy) के तहत ऐसा कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने पब्लिक सेक्टर कंपनियों के लिए नई एंटरप्राइज पॉलिसी (new enterprise policy) बनाई है। इसके मुताबिक अगर नॉन-स्ट्रैटजिक सेक्टर (Non-Strategic Sector) में निजीकरण का विकल्प व्यावहारिक नहीं है, तो पीएसयू ( PSU) को बंद कर दिया जाएगा। सितंबर 2022 में इन तीनों कंपनियों ने मध्यस्थ एजेंसी (intermediary agency) का अपना दर्जा गंवा दिया था।

एमएमटीसी के भविष्य के बारे में ऑल्टरनेटिव मैकेनिज्म करेंगी फैसला
अगस्त 2023 में मार्केट रेगुलेटर सेबी (market regulator sebi) ने एमएमटीसी (MMTC) का स्टॉकब्रोकर लाइसेंस (stock broker license) खत्म कर दिया था। नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेज (National Spot Exchange Limited) के साथ अवैध पेयर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के कारण ऐसा किया गया था। सेबी का कहना था कि एमएमटीसी ने जरूरी रेगुलेटरी अप्रूवल (regulatory approval) के बिना पेयर्स कॉन्ट्रैक्ट्स किए थे। एमएमटीसी के भविष्य के बारे में ऑल्टरनेटिव मैकेनिज्म (Alternative Mechanism) आज कोई फैसला करेगी। इसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रोड मिनिस्टर नितिन गडकरी और कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल शामिल है। एमएमटीसी कॉमर्स मिनिस्ट्री (MMTC Commerce ministry) के तहत काम करती है। अभी इसमें सरकार की 99.33 फीसदी हिस्सेदारी है।


क्या करती हैं ये कंपनियां
पहले एमएमटीसी हाई ग्रेड आयरन (MMTC High Grade Iron), मैगनीज, क्रोम अयस्क (chrome ore), कोपरा और दूसरे वैल्यूएबल मेटल्स (valuable metals) के आयात-निर्यात (Import-Export) के लिए मध्यस्थ एजेंसी के रूप में काम करती थी। एक समय यह देश की सबसे बड़ी नॉन-ऑयल इम्पोर्टर (Non-Oil Importer) थी। फाइनेंशियल ईयर (Financial year) 2022-23 में इसका प्रॉफिट 1076.07 करोड़ रुपये था जबकि 2021-22 में कंपनी को 241.93 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। माना जा रहा है कि बैठक में एसटीसी (STC) और पीईसी (PEC) के बारे में भी चर्चा हो सकती है। एसटीसी (STC) में सरकार की 90 परसेंट हिस्सेदारी है जबकि पीईसी (PEC) पूरी तरह सरकारी कंपनी है।

तीनों कंपनियां कॉमर्स मिनिस्ट्री के अंडर आती

एसटीसी खाद्य तेल, दलहन, चीन और गेहूं जैसी जरूरी चीजों के आयात में अहम भूमिका निभाती है जबकि पीईसी मशीनरी और रेलवे इक्विपमेंट्स (Railway Equipments) के आयात-निर्यात के लिए मध्यस्थ एजेंसी की भूमिका निभाती है। ये तीनों कंपनियां कॉमर्स मिनिस्ट्री (companies commerce ministry) के अंडर आती हैं। एमएमटीसी की स्थापना 1963 में हुई थी। इसी तरह एसटीसी (MTC) को 1956 में स्थापित किया गया था। पीईसी ( PEC) को 1971-72 में एसटीसी (MTC) से अलग किया गया था। पिछले सत्र में एमएमटीसी (MMTC) का शेयर 10 परसेंट की गिरावट के साथ 63.50 रुपये पर बंद हुआ था। इसी तरह एसटीसी (MTC) का शेयर भी 4.33 परसेंट की गिरावट के साथ 129.30 रुपये पर बंद हुआ था।

Prachi Chaudhary

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