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कोरोना से भी तेज फैल रहा ये वेरियंट, बचाव के लिए ये है 4 साधारण टिप्स

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने जहां एक तरफ देश में तबाही मचा रखी है, वहीं अब दूसरी तरफ तीन बीमारियों ने दस्तक दे दी है. इन तीन बीमारियों में मंकीपॉक्स, टोमैटो फ्लू, हेपेटाइटिस शामिल है. इन बीमारियों को कोरोना से भी खतरनाक बताया जा रहा है.  

कोरोना वायरस चीन से ही देखते ही देखते पूरी दुनिया में फैल गया है, अब तो वायरस ने इतना आंतक मचा दिया है कि कई देश आर्थिक तंगी का सामना कर रहे है. हालांकि वैक्सीन के बाद से कोरोना की रफ्तार में थोड़ा नरमी आई है लेकिन वायरस पूरी तरह खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. अब इसी बीच तीन बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है जिससे लोग और भी ज्यादा डर गए है.

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यह एक दुर्लभ बीमारी है. मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है. मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है. इन तीन बीमारी मंकीपॉक्स, टोमैटो फ्लू, हेपेटाइटिस अब दुनिया के कई देशों में फैल गई है.

टोमैटो फ्लू

टोमैटो फ्लू को टोमैटो फीवर के नाम से जाना जाता है. यह एक वायरल बुखार है जो 5 साल के कम उम्र के बच्चों को होता है. बच्चे जब इस बीमारी से संक्रमित होते है तो उनके शरीर पर टमाटर जैसे लाल रंग के दाने उभर आते है. और इन दाने से खुजली होती है जिसको खुजलाने के बाद जलन होती है. बच्चे के शरीर में दर्द की शिकायत भी होती है. ये वायरस बच्चो की पाचन शक्ति खराब कर देता है जिससे बच्चे डीहाइड्रेशन का शिकार हो जाते है.

मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था. मंकीपॉक्स का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था. यह रोग मुख्यत: मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रों में होता है. डॉक्टरों के अनुसार, यह एक दुर्लभ जूनोसिस (Zoonosis) बीमारी है. ये बीमारी जानवरों से मनुष्यों में फैलती है. मंकीपॉक्स पॉक्सविरिडे परिवार से सम्बन्धित है.

हेपेटाइटिस

दुनियाभर के बच्चों में अनएक्सप्लेंड एक्यूट हेपेटाइटिस के मामले दिखाई दे रहे है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया है. बच्चों को एक्यूट हेपेटाइटिस तभी होता है जब उनके लिवर में सूजन होती है. और सूजन की वजह से खून में लिवर एंजाइम की मात्रा बढ़ जाती है. इसके लक्षण में पेट दर्द, दस्त, उल्टी के बाद पीलिया थकान भूख न लगना,जोड़ों में दर्द, आंखों का सफेद भाग पीला हो जाना, गहरे रंग का पेशाब और हल्के रंग मल आदि शामिल है.

मंकीपॉक्स से बचने के उपाय-

जानवरों से दूर रहें

उन जानवरों के संपर्क से बचें, जिनसे वायरस हो सकता है, इसका मतलब है कि आपको उन जानवरों और लोगों के संपर्क में आने से बचना है, जो बीमार हैं या जो उन क्षेत्रों में मरे हुए पाए गए हैं जहां मंकीपॉक्स होता है.

साफ-सफाई का ध्यान रखें

संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं. उदाहरण के लिए, अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करना बेहतर है.

संक्रमित रोगियों को अलग रखें

यह वायरस संक्रमित के और उसकी द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों के जरिए भी फैलता है, इसलिए आपको किसी बीमार जानवर के संपर्क में आने वाली किसी भी सामग्री, जैसे बिस्तर, के संपर्क में आने से बचना चाहिए.

PPE किट का इस्तेमाल करें

मरीजों की देखभाल करते समय व्यक्तिगत सुरक्षा की चीजों जैसे PPE किट का इस्तेमाल करें. बीमारी के कोई भी लक्षण दिखने पर डाक्टरों से सम्पर्क करें.

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