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मजदूरों के बाहर निकलते ही सबसे पहले किया जाएगा ये काम…!

Uttarkashi Tunnel Rescue:उत्तरकाशी पर इस समय पूरे हिंदुस्तान की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि टनल में 41 मजदूर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक हर कोई नजरें टिकाए बैठा है। हर हिंदुस्तानी दुआ कर रहा है और मजदूरों की सलामती के लिए कई मंदिरों में तो पूजा भी की गई है। 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, 13 दिन बीत चुके हैं, तमाम तरह की मशीनों को लगा दिया गया है, लेकिन फिर भी मजदूर बाहर नहीं निकल पा रहे इसके अलावा चट्टानों भी ड्रिलिंग में बड़ी रूकावट बन रही हैं। सुरंग में पानी का रिसाव को एक्सपर्ट बड़ा खतरा बढ़ा रहे। तो साथ ही बचाव दल के लिए सुरंग की धूल और मिट्टी मुसीबत बन रही है। अंदर फंसे मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी मुंह बाए खड़ी है। जबकि ड्रिलिंग के दौरान कंपकपी से सुरंग के कुछ हिस्से धंसने का खतरा भी हल पल मंडरा रहा है।तो टनल में ऑक्सीजन की कमी और घुप्प अंधेरा भी लगातार मुसीबतें खड़ी कर रहा है।

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एक बार फिर ऑगर मशीन के प्लेटफॉर्म में दिक्कतें आने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा था। लेकिन मौके पर मौजूद एक्सपर्ट जल्दी इस परेशानी को दूर करने में जुटे हुए थे और उम्मीद जताई जा रही थी कि जल्दी ही दोबारा बचाव का काम शुरु हो जाएगा, लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद दोबारा से रेस्क्यू शुरू हो सका।

जानकारों के मुताबिक मिशन जिंदगी के रास्ते में अभी कई तरह की मुश्किलें है।एक तरफ जहां अभी ड्रिलिंग और पाइप डालने का काम कुछ मीटर बाकी है।तो दूसरी तरफ इसके पूरा होने के बाद भी रेस्क्यू में थोड़ा वक्त लग सकता है। क्योंकि पाइप डालने का काम पूरा होने के बाद मजदूरों को ट्रॉली की मदद से बाहर निकाला जाएगा। सबसे पहले NDRF के जवान टनल के अंदर जाएंगे और वो मजदूरों को बाहर निकलाने में मदद करेंगे। ट्रॉली की मदद से 60 मीटर का रास्ता तय किया जाएगा।क्योंकि इतने दिन से अंदर फंसे मजदूरों के लिए अपने आप बाहर निकलना मुश्किल होगा। उन्हें बाहर निकालने में 2 से तीन घंटे का वक्त लगेगा।टनल के अंदर गर्म और बाहर ठंड की वजह से तापमान में अंतर होगा। जिससे मजदूरों के लिए मुश्किलें हो सकती हैं। लिहाजा 41 बिस्तरों वाला अस्थाई अस्पताल भी तैयार किया गया है। जहां मजदूरों का इलाज किया जाएगा।किसी मजदूर की सेहत बिगड़ने पर उन्हें एयरलिफ्ट करने की भी पूरी तैयारी है।ऐसे में माना जा रहा है कि ये ऑपरेशन जल्द ही पूरा हो सकता है।

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दरअसल आपको बता दें कि मजदूरों को बचाने के लिए 20 भारतीय एक्सपर्ट, 10 विदेशी एक्सपर्ट समेत तमाम फॉर्सस कर रही हैं। ये अभियान बेशक मुश्किल हो,चुनौतियां बेशक कड़ी हो, लेकिन इन देवदूतों ने कड़ी मेहनत और सूझबूझ से कामयाबी के बेहद करीब पहुंच चुके हैं। उम्मीदें जताई जा रही हैं कि कुछ ही घंटों में ये देवदूत मजदूरों को बाहर निकाल लेंगे।

बताया जा रहा है कि सुरंग धंसने से करीब 60 मीटर तक मलबा भर गया है। अंदर फंसे मजदूरों को बचाने के लिए लगभग 57 मीटर ड्रिलिंग की जरूरत है।रेस्क्यू टीम करीब 47 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी कर चुकी है। जबकि अभी भी करीब 11 मीटर ड्रिलिंग बाकी है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी में मौजूद हैं। सीएम धामी रेस्क्यू ऑपरेश पर खुद नजर रखे हुए हैं। सीएम धामी ने देर रात मजदूरों से बातचीत भी की थी, माना जा रहा है कि टनल से निकाले जाने के बाद वो अस्पताल में मजदूरों से मुलाकात भी कर सकते हैं।

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