Rajnath Singh’s statement on Talwan: संसद में कहा-भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को खदेड़ा
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी सेना के शौर्य का अभिनंदन करते हैं। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को बड़ी ही बहादुरी के साथ खदेड़ दिया। उन्होने कहा कि चीन का सेना ने LAC पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की। लेकिन हमारे पराक्रमी सैनिकों ने मुंह तोड़ जबाव दिया। हमारी सेना ने चीनी सैनिकों पीठ दिखाकर लौटने को मजबूर कर दिया।
नई दिल्ली। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद के दोनो सदनों में गवांग पर सरकार की ओर से बयान दिया। उन्होने संसद में अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन की LAC पर 9 दिसम्बर को झड़प होने की स्वीकार की। राजनाथ सिहं ने भारतीय सेना के जवानों व चीनी सैनिकों को बीच हाथापाई होने की बात भी बतायी ।
संसद शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री, केन्द्रीय मंत्रियों व सांसदों ने ससंद भवन परिसर में संसद भवन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। बता दें कि वर्ष 2001 में 13 दिसम्बर को आतंकवादियों ने संसद भवन पर हमला कर दिया था। इस आंतकवादी हमले में कई सुरक्षा कर्मी शहीद हो गये थे। आज संसद हमले की बरसी पर इन शहीदों को याद करके उनके चित्रों पर पुष्प चढाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी।
उधर संसद में राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अपनी सेना के शौर्य का अभिनंदन करते हैं। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को बड़ी ही बहादुरी के साथ खदेड़ दिया। उन्होने कहा कि चीन का सेना ने LAC पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की। लेकिन हमारे पराक्रमी सैनिकों ने मुंह तोड़ जबाव दिया। हमारी सेना ने चीनी सैनिकों पीठ दिखाकर लौटने को मजबूर कर दिया। इस झड़प में भारत आधा दर्जन सैनिक घायल हुए, लेकिन किसी भी हालत गंभीर नहीं है। इस घटना में कोई सैनिक शहीद नहीं हुआ।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमने इस मामले में 11 दिसम्बर को कूटनीतिक कदम उठाया। इसके तहत भारत व चीन के कमांडर स्तर के अधिकारियों के साथ कूटनीतिक बैठक की। दोनो देशों के बीच इस मामले को आगे बढने से रोकने पर सहमति हुई। इसके बाद मामले को सुलझा लिया गया। उन्होने कहा कि भारत की सेना हर हालात से निपटने को तत्पर है। किसी भी दल को इस विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। पूरे सदन को सेना का समर्थन करना चाहिए।
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इससे पहले मंगलवर को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में सीडीएस, तीनों सेना के प्रमुख, एनएसए अजीत डोभाल आदि ने भाग लिया। इस बैठक में भारत-चीन के बीच आने वाले समय में संभावित स्थितियों से निपटने के रणनीति पर विचार हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। उन्होने इन मंत्रियों के साथ गवांग मसले पर चर्चा की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल आदि मंत्रियों ने भाग लिया। उधर अमित शाह ने कहा कि चीन के कब्जे में भारत की एक इंच जमीन नहीं है। उन्होने कांग्रेस पर चीनी दूतावास से रिसर्च के नाम पर करोड़ों रुपये लेने का आरोप लगाया। उन्होने कहा कि कांग्रेस ने 2005 से 2007 के बीच चीन से 1.35 करोड़ रुपया लिया। यही कारण है कि कांग्रेस हमेशा चीन के मामले में दोहरा रवैया अपनाता रहा है।