IAS Pooja Khedkar: UPSC का आईएएस पूजा खेडकर पर बड़ा एक्शन, दर्ज करवाई एफआईआर
UPSC's big action against IAS Pooja Khedkar, FIR lodged
IAS Puja Khedkar: ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर मामले में एक अहम अपडेट सामने आया है। खबर है कि संघ लोक सेवा आयोग ने आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के खिलाफ औपचारिक शिकायत (FIR) दर्ज कर ली है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या अब उनका कैंडिडेचर वापस ले ली जाएगी और क्या वे अपनी सरकारी नौकरी खो देंगी।
जानकारी के मुताबिक ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर से जुड़े विवाद में बड़ा अपडेट सामने आया है। यूपीएससी ने आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। आपको बता दें कि विवाद के बाद यूपीएससी ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार को पत् लिखकर पूजा खेडकर के सभी प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेज मांगे थे। पूजा खेडकर को पहले 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी में जाने का निर्देश दिया गया था, क्योंकि उनका प्रोबेशनरी प्रशिक्षण रद्द कर दिया गया था।
आखिरकार, काफी मशक्कत के बाद UPSC यानी संघ लोक सेवा आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। आपको बता दें कि पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी हैं। फील्ड ट्रेनिंग शुरू होते ही उनके खिलाफ कई विवाद सामने आए। उन्होंने पुणे कलेक्टर ऑफिस से कुछ सुविधाओं की मांग की थी। डीएम की शिकायत के बाद उन्हें वाशिम भेज दिया गया।
क्यों लिया गया एक्शन ?
पूजा खेडकर के खिलाफ FIR के बारे में यूपीएससी द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी की गई। 2022 में, पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की। ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ किए गए दावों की यूपीएससी द्वारा जांच की गई। उस जांच से पता चला कि पूजा ने परीक्षा के दौरान दी गई छूट का अनुचित लाभ उठाया था। अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, उनकी तस्वीर, उनका ईमेल पता, उनके हस्ताक्षर, उनका मोबाइल नंबर और उनका पता बदलकर, उन्होंने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की।
UPSC ने जारी किया नोटिस
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने आईएएस पूजा खेडकर को औपचारिक शिकायत (UPSC Show cause Notice) दर्ज करने के अलावा कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। सिविल सेवा परीक्षा के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों के आधार पर, वह कानूनी कार्रवाई का लक्ष्य हैं। उनकी सीएसई 2022 की उम्मीदवारी वापस ली जा रही है, और उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है और उन्हें कभी भी सरकारी पद के लिए आवेदन करने या फिर किसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।