Patanjali Product News Update Today: उत्तराखंड के औषधि नियामक (Drug Regulator) ने सोमवार को भ्रामक विज्ञापनों (Misleading Advertisements) पर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस (Manufacturing License) तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे (Affidavit) में लाइसेंसिंग संस्था ने कहा कि उसने भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि की दिव्य फार्मेसी (Divya Pharmacy) द्वारा निर्मित 14 उत्पादों के लाइसेंस निलंबित (License Suspended) कर दिए हैं।
24 अप्रैल को जारी एक अधिसूचना में लाइसेंस के निलंबन का विवरण दिया गया था। हालांकि, सरकार का आदेश अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने बाबा रामदेव और पतंजलि को कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की आलोचना और उनके पारंपरिक औषधीय उत्पादों (Medicinal Products) के भ्रामक विज्ञापनों के लिए कड़ी फटकार लगाई है।
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित उत्पादों में दिव्य फार्मेसी की दृष्टि आई ड्रॉप (Eye Drop), स्वासारि गोल्ड (Swasari Gold), स्वासारि वटी (Swasari Vati), ब्रोंकोम (Bronchom), स्वासारि प्रवाही (Swasari Pravahi), स्वासारि अवलेह (Swasari Awaleh), मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर (Mukta Vati Extra Power), लिपिडोम (Lipidome), बीपी ग्रिट (BP Grit), मधुग्रिट (Madhugrit), मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर (Madhunashini Vati Extra Power), लिवामृत एडवांस (Livamrit Advance), लिवोग्रिट (Livogrit) और आईग्रिट गोल्ड (Eyegrit gold) शामिल हैं।
सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि, दवाओं की प्रभावशीलता (Effectiveness of Drugs) के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए विनिर्माण परमिट (Manufacturing Permit) के लाइसेंस को “तत्काल प्रभाव से निलंबित” कर दिया गया है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) द्वारा प्रकाशित माफीनामे (Published Apology) से संबंधित मामले पर 30 अप्रैल को सुनवाई करेगा ताकि यह तय किया जा सके कि रामदेव के खिलाफ अवमानना का आरोप (Charge of Contempt) लगाया जाए या नहीं। योग गुरु रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण, दोनों मंगलवार 30 अप्रैल को कोर्ट में पेश होंगे।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की 2022 याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान (Covid Vaccination Campaign) और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों (Modern Systems of Medicine) के खिलाफ एक बदनामी अभियान (Defamation Campaign) का आरोप लगाया गया है।
अदालत ने पिछले महीने रामदेव, और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्णन और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से भ्रामक विज्ञापनों पर उसके आदेशों का पालन नहीं करने के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था।
इस बीच एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, रामदेव की पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) को भी जीएसटी खुफिया विभाग (GST Intelligence Department) द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजा गया है, जिसमें कंपनी से यह बताने के लिए कहा गया है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए।
कंपनी द्वारा की गई एक नियामक फाइलिंग (Regulatory Filing) के अनुसार, रामदेव के नेतृत्व वाली आयुर्वेद समूह की कंपनी, जो मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय (Edible Oil Business) में है, उसको जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (Directorate General of GST Intelligence), चंडीगढ़ जोनल यूनिट से नोटिस मिला है।
कंपनी ने कहा, “कंपनी की ओर से कारण बताओ नोटिस मिला है… कंपनी ने उसके अधिकारियों और अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं (Authorized Signatories) को कारण बताने के लिए कहा है कि 27,46,14,343 रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट राशि (ब्याज सहित) क्यों नहीं वसूली जानी चाहिए, और जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए।”