क्या जयंत चौधरी के समरसता अभियान से वेस्टर्न यूपी में बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किलें ?
Political News U.P: यह तो हर कोई जनता है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की राजनीति वेस्टर्न यूपी में ही फलती फूलती है। यह कोई आज से नहीं। चौधरी चरण सिंह के जमाने से ही वेस्टर्न यूपी चौधरी परिवार के साथ खड़ा रहा। अजीत चौधरी जब तक राजनीति करते रहे ,वे भी इसी बेल्ट से हार और जीत का स्वाद चकते रहे। अब जयंत चौधरी की जमीन बिहि यही इलाका है। यहाँ के किसान उनके साथ है। यहाँ का समाज हमेशा चौधरी परिवार के साथ खड़ा रहा है। अब आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जायँ चौधरी वेस्टर्न यूपी को नापने निकले हैं। इस यात्रा का नाम दिया है समरसता अभियान। यानी समाज में प्रेम भाव को बढ़ाना।
जानकारी के मुताब जयंत चौधरी का यह अभियान 1500 गावों तक जाएगा।
यहाँ बैठके होगी ,मुलाकात और बात होगी और फिर राजनीति की बात भी की जाएगी। खापों और किसानों के साथ बैठकर आगे की रणनीति भी बनेगी और चुनाव में अपनी जीत कैसे हो इसको लेकर बहुत सी बातें होनी की सम्भावना जताई जा रही है।
पहले कहा जा रहा था कि जयंत चौधरी का यह समरसता अभियान सपा के साथ ही होगा लेकिन अब यह अभियान अकेले जयंत ही चलाएंगे। कहा जा रहा यही कि लोकसभा चुनाव में वेस्टर्न यूपी से ज्यादा सीटें जीतने के लिए यह अभियान चलाया जा जायेगा। लेकिन जयंत के इस अभियान को लेकर बीजेपी की परेशानी बढ़ गई है। बीजेपी सवाल भी उठा रही है।
जयंत चौधरी का यह अभियान अभी तक 140 गांव तक गुजर चुका है।
इन गावों में जयंत लोगों के मिजाज को पढ़ रहे हैं और आगामी चुनाव में अपनी स्थिति भी कर रहे हैं। जयंत को लगता है कि अगर लोगों का सपोर्ट मिल गया तो आगामी चुनाव में सपा के साथ बैठकर सीटों का बेहतर तालमेल किया जा सकता है। जयंत चौधरी के मन में दो बाते चल रही है। एक बात तो यह है कि यहाँ से बीजेपी को पटखनी देनी है और दूसरी बात यह है कि जरूरत पड़ी तो वे अकेले भी स्थानीय दलों के साथ मिलकर कोई बड़ा मोर्चा तैयार कर सकते है और इस इलाके की राजनीति को साध सकते हैं।
वैसे जयंत चौधरी का यह अभियान सभी समाज के लोगों को एक मंच पर लाने की है।
लेकिन उनका फोकस सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटरों पर है। जयंत को लग रहा है कि मुस्लिम वोट को साधकर एक बड़ा खेल किया जा सकता है। जानकार कह रहे हैं कि जहां चौधरी चरण सिंह और अजित सिंह नहीं पहुंचे हैं वहां भी जयंत पहुँच रहे हैं। यह बड़ी बात है। यह बदलाव की नयी कहानी है।
जयंत चौधरी को यह अभियान 1500 गाँव तक चलाना है।
जानकार मान रहे हैं कि इससे सियासी हवा तो बदलेगी लेकिन बीजेपी को इससे काफी नुकसान होने की संभावना है। यही वजह है कि बीजेपी इस अभियान पर सवाल उठा रही है। बीजेपी कह रही है कि इस इलाके में कई बड़े कांड हुए थे तब जयंत ने कोई अभियान नहीं चलाया। बीजेपी को लग रहा है कि जाट और मुस्लिम एक हो गए तो बीजेपी की परेशानी बढ़ेगी।