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कर्मचारियों को केंद्र का बड़ा तोहफा, अब से मिलेगा y-ब्रेक, इसे जानकर हो जाएंगे गदगद

Yoga break for government employees: कर्माचारियों के हित  मे केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ा फरनमान जारी किया गया है। जिसमें कर्माचारियों के स्ट्रेस को कम करने के लिए और माइंड रिफ्रेश रखने के लिए  y- ब्रेक  का तोहफा दिया है। अमूमन लोग अपने बिजी शडूयल का हवाला देते हुए योग करने से इनकार कर देते है ऐसे में हमारे स्वास्थ को देखते हुऐ सरकार भी सक्रिय हो गई है। तो वही अब केंद्र सरकार ने स्वास्थ पर चिंता जताते हुए एक नया फरमान जारी किया है। खाशकर उन अधिकारियों के लिए जो सारा दिन एक ऑफिस में एक ही सीट पर जमें रहते हुए काम करते रहते हैं। तो उनके निए केंद्र सरकार ने सलाह दी है कि सभी अधिकारियों को एक छोटा सा ब्रेक लेना होगा। और यथा स्थान यानी की सीट पर ही बीच बीच में योग किया करें। इतना ही सरकार ने ये भी कहा कि ऐसे योग जो आपके दिन भर काम करने से जो तनाव, झुलझुलाहट जैसी स्थितियां पैदा कर देती हैं उनसे बचने के लिए बेहद ही कारगार साबित होगा।

आपको बता दें कि आदेश आयुष मंत्रालय के तहत मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग के वाई ब्रेक प्रोटोकॉल में आता है। जिसमें सरकैरी कर्मचारियों के काम को लेकर होने होने वाले प्रेशर, तनाव, से मुक्त करने के लिए उन्हें तरोताजगी बनाए रखने और काम में ध्यान केंद्रित करने के लिए ऐसा  निर्देश दिया है।  बतादे कि इसके तहत आने वाले कुछ हल्के योगासन का भी जिक्र किया है। जैसे आसन, प्राणायम और ध्यान, अनुलोमविलोम, हाथों को मुवमेंट कराना, पौरो को चेयर पर बैठे बैठे ऊपर नीचे करना, जारी किए गए प्रोटोकॉल में आंख पर विशेष ध्यान दिया गया जिसमें सरकार ने इस कहा गया है कि सिकी भी व्यक्ति को लंबे समय तक  कम्प्यूटर पर नजरे गडाए रखने से आखों में बहुत ज्याद प्रभाव पड़ता है ऐसे में आप बीच बीच में आखें को बंद करे और खोल ऐसे कम से कम तीन चार बार जरूर करे इससे आखों पर जोर कम पड़ेगा और आखोंके दर्द से भी आप छुटकारा पा सकेंगे.

इतना ही नही सरकार ने ये भी कहा कि वाई ब्रेक प्रोटोकॉल अभ्यास आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर चार अलग अलग वीडियो में उपलब्ध है।  बता दें कि पूरे प्रॉसेज को योगा इन चेयर नाम दिया गया है। जो विशेष रूप से  वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बनाया गया है। ये  अधिकारी लंबी मीटिंग और एक ही दिन में कई फाइलों  के बोझ को संभालने के बोझ के कारण अपनी शारीरिक या मानसिक तंदुरूस्ती पर ध्यान देने के लिए  समय नही निकाल पाते हैं।  

Priyanshi Srivastava

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