children’s day 2023: देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आज जयंती मनाई जा रही है। नेहरू के परिवार से लेकर उनके राजनीतिक जीवन के बारे में सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाए जाते हैं। जानते हैं नेहरू को लेकर फैलाए झूठ और उनसे जुड़ी सच्चाई के बारे में।
हर साल 14 नवंबर को देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की जयंती बनाई जाती है। इस दिन को बाल दिवस (children’s day) के रूप में भी जाना जाता है। देश के पहले PM Jawaharlal nehru को लेकर सोशल मीडिया (social media) पर कई तरह के अफवाहें फैलाई जाती है। नेहरू के दादा मुसलमान थे
सोशल मीडिया पर अक्सर इस तरह की खबरें मिल जाएंगी कि नेहरू के दादा मुस्लिम थे। उनका नाम गियासुद्दीन गाजी था। गाजी मुगलों के कोतवाल थे। बाद में उन्होंने अपना नाम बदलकर गंगाधर नेहरू रख लिया था। जबकि बीआर नन्दा की किताब ‘द नेहरूज’ में जवाहर लाल नेहरू की वंशावली का जिक्र गया है। इसमें जवाहर लाल के पूर्वजों का मूल उपनाम ‘कौल’ था। मोतीलाल नेहरू के पूर्वज कश्मीर से आकर दिल्ली में बस गए थे। नेहरू के दादा गंगाधर 1857 विद्रोह के समय दिल्ली में पुलिस ऑफिसर थे। कौल उपनाम की जगह नेहरू उपनाम अपनाने को लेकर कई बातें कही जाती हैं। शशि थरूर की किताब ‘नेहरू’ के मुताबिक जवाहरलाल के पुरखे एक नहर के बगल में रहते थे इसलिए उनके नाम के आगे नेहरू जुड़ गया।
सबसे अय्याश थे नेहरू
सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो और तस्वीरें मिल जाएंगी जिसमें नेहरू को सबसे अय्याश आदमी बताने का प्रयास किया गया है। सोशल मीडिया पर नेहरू के साथ कई स्त्रियों के प्रेम संबंध की बात कही जाती है। अमेरिका के राष्ट्रपति कैनेडी की पत्नी और मृणालिनी साराभाई के साथ उनकी तस्वीरों का उपयोग देश के प्रथम प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए किया जाता है। हवाईअड्डे पर एक महिला को गले लगाते नेहरू की तस्वीर हो या फिर एक महिला के सिगरेट को जलाने में सहायता करते नेहरू की तस्वीर। उस तस्वीर में नेहरू तत्कालीन डेप्युटी ब्रिटिश हाई कमिश्नर की पत्नी का सिगरेट जला रहे हैं। इस तस्वीर का गलत इस्तेमाल कर उन्हें अय्याश साबित करने की कोशिश की जाती है। नेहरू को चूमने वाली महिला की जो तस्वीर सोशल मीडिया पर अक्सर दिखती है। उस तस्वीर में महिला कोई विदेशी नहीं बल्कि नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित की दूसरी बेटी नयनतारा सहगल है।
नेहरू ने गांधी को मारा था
RSS के पूर्व सरसंघचालक केएस सुदर्शन ने दावा किया था कि नेहरू ने गांधी की हत्या की थी। सीनियर बीजेपी लीडर सुब्रमण्यम स्वामी ने भी गांधी की मौत को लेकर सवाल खड़े थे। स्वामी का कहना था कि गांधी की मौत के बाद उनके शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। हालांकि, सामने आया था कि गांधी जी का परिवार नहीं चाहता था कि उनके शव का पोस्टमार्टम हो। यहीं कारण था कि उनकी मौत के बाद गांधी जी के शव को बिड़ला हाउस में रखवा दिया गया था। वहीं, गांधीजी के सबसे छोटे बेटे देवदास गांधी से मुलाकात में गोड़से ने कहा था कि मेरे कारण आपने अपने पिता को खो दिया।
नेहरू और पटेल में दुश्मनी थी?
सोशल मीडिया पर RSS और BJP की तरफ से इस संबंध में बातें कही जाती हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते समय, PM मोदी ने दावा किया था कि जवाहरलाल नेहरू 1950 में मुंबई में सरदार वल्लभभाई पटेल के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए थे। नेहरू के उस बयान का उल्लेख किया है जो उन्होंने संसद में दिया था। नेहरू ने कहा था कि वे (पटेल को) स्वतंत्रता के संघर्ष में हमारी सेनाओं के एक महान कप्तान के रूप में, मुसीबत के वक्त और जीत के क्षणों में हमें अच्छी सलाह देने वाले, एक दोस्त और सहकर्मी के रूप में, जिस पर कोई हमेशा भरोसा कर सकता है, एक मीनार के रूप में याद किया जाएगा। यहां एक वीडियो है जो सरदार पटेल के अंतिम संस्कार में नेहरू जी की उपस्थिति को दर्शाता है।