ट्रेंडिंगदिल्लीन्यूज़बड़ी खबर

Aam Aadmi Party: बजट की घोषणाओं को भूली दिल्ली सरकार, 20 लाख युवाओं को नौकरी पर कौन देगा जवाब?

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार (Aam Aadmi Party) के वित्त मंत्री ने मनीष सिसोदिया ने अपने 2022-23 के बजट में दिल्ली के युवाओं को 20 लाख नौकरियां देने की घोषणा की थी। हालांकि अभी तक दिल्ली के युवाओं ये नौकरियां मिली नहीं है।

नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की सरकार ने वर्ष 2022-23 सत्र के लिए अपना वार्षिक बजट इसी वर्ष बीते 26 मार्च 2022 को दिल्ली विधानसभा में पेश किया था। इस दौरान विधानसभा में आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुल 75,800 करोड़ रूपए का वार्षिक बजट पेश किया था। इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अपने द्वारा पेश किए बजट में शिक्षा, स्वास्थ्यय, जल आपूर्ति, उर्जा, परिवहन, आवास एवं शहरी विकास, समाज कल्याण विभाग कई नई योजनाओं और घोषणाओं का एलान किया था। इस दौरान बजट पेश करते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री ने दिल्ली के बेरोजगार युवाओं को 20 लाख नौकरियां देने की घोषणा भी की थी।

20 लाख नौकरियां कब देगी दिल्ली सरकार

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार (Aam Aadmi Party) के वित्त मंत्री ने मनीष सिसोदिया ने अपने 2022-23 के बजट में दिल्ली के युवाओं को 20 लाख नौकरियां देने की घोषणा की थी। हालांकि अभी तक दिल्ली के युवाओं ये नौकरियां मिली नहीं है। अब सबसे बड़ा सवाल है कि जब दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने इसकी बकायदा बजट में घोषणा कर दी है इसके बाजजूद आखिकार दिल्ली की सरकार ने अब तक युवाओं को नौकरियां देनी शुरू क्यों नहीं किया। यहां अवगत करा दें कि दिल्ली सरकार का अब तक तकरीबन दो साल से ज्यादा का कार्यकाल बीत चुका है।

रोजगार बजट में 800 करोड़ का प्रावधान

दरअसल दिल्ली के इस साल के बजट में रोजगार बजट के नाम से 800 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। दिल्ली के बजट में वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 800 करोड़ रूपए केवल 20 लाख नौकरियां देने के लिए किया है। लेेकिन नौकरियों देने की घोषणा करने के बाद अभी तक दिल्ली सरकार ने कितने युवाओं को कितनी नौकरियां दी इसका कोई आंकड़ा सरकार के द्वारा जारी नहीं किया गया है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने इसके लिए बकायदा 800 करोड़ रूपए की धनराशी भी रोजगार बजट के नाम से जारी कर दी गई है। हालांकि आप की दिल्ली सरकार ने इन 20 लाख नौकरियों को आगामी पांच साल के कार्यकाल में देने की घोषणा की है। लेकिन जिस तरह से दिल्ली में आप सरकार का दो साल का कार्यकाल बीत जाने के बावजूद भी 20 हजार युवाओं को भी नौकरियां नहीं मिल पाना दिल्ली सरकार की बहुत बड़ी लापरवाही मानी जाएगी।

शिक्षा बजट पर सबसे ज्यादा खर्च, नतीजा सिफर

दिल्ली की सरकार ने साल 2022-23 के वार्षिक बजट सबस ज्यादा पैसा शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए दिया है। दरअसल वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने बजट में शिक्षा के मद में कुल 16676 करोड़ रूपए की धनराशी जारी की गई है। इसके अलावा शिक्षा बजट को विधानसभा में पेश करते हुए दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के सभी स्कूलों के क्लासरूम को डिजिटल बनाने की भी घोषणा की थी। इसके साथ ही हानहार बच्चों को पढ़ने के साथ साथ उनके रिहायश की भी व्यवस्था किए जाने की भी बात बजट में कही गई थी। जबकि विज्ञान में जिन बच्चों की रूचि है उनके लिए दिल्ली में साइंस म्यूजियम बनाए जाने की बात भी कही गई हैै। इसके अलावा वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा बजट के बारे में बोलते हुए कहा कि छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए 100 मांटेसरी लैब खोली जाएंगी। हालांकि इनमें से अभी तक ज्यादा घोषणाओं पर काम नहीं शुरू हो सका है नतीजतन वह शिक्षा बजट की ज्यादा घोषणाएं अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई हैं।

यह भी पढ़ें: Delhi Airport पर बढ़ती भीड़ ने बढ़ाई लोगों और सरकार की टेंशन, होगी हाई लेवल मीटिंग, आ सकते हैं बड़े फैसले

नदियों की सफाई की घोषणा हुई हवा हवाई

दिल्ली के नजफगढ़ इलाकें में राजस्थान से बहकर आने वाली साहिबी नदी मौजूदा समय में नाले में तब्दील हो चुकी है। इस नदी को पुनर्जिवित करने के लिए मनीष सिसोदिया ने बजट में बकायदा घोषणा की थी। इसके अलावा बजट में मनीष सिसोदिया साहिबी नदी के साथ साथ दिल्ली के 600 झील और जलाशयों को भी साफ सुथरा करके उनको पुनर्जिवित करने की षोषणा की थी। इस दौरान दिल्ली के वित्त मंत्री ने बकायदा इस कार्य के लिए बजट में 750 करोड़ रूपए की धनराशी भी जारी की थी। लेकिन बजट की घोषणा के लगभग एक साल बीतने जा रहें है बावजूद इसके न तो अभी तक साहिबी नदी को पुनर्जिवित करने का कार्य शुरू हो पाया है और न ही दिल्ली के अन्य झीलों व जलाशयों की साफ सफाई ही की गई। ऐसे में अब नदियों व जलाशयों के पुनर्जिवित करने के काम में दिल्ली सरकार की ओर से हो रहीं लेट लतीफी बजट की घोषणाओं को हवा हवाई साबित करती दिख रही है।

अनधिकृत काॅलोनियों में शत प्रतिशत सीवर कनेक्शन का काम अधूरा

दिल्ली सरकार के बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने घोषणा की थी इस वर्ष के अंत तक दिल्ली की सभी अनधिकृत काॅलोनियों में शत प्रतिशत सीवर कनेक्शन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन वित्त मंत्री की घोषणा के लगभग नौ माह बीतने के बाद अभी भी दिल्ली में ज्यादातर अनधिकृत काॅलोनियों में स्थाई सीवर कनेक्शन मुहैया कराने का काम शत प्रतिशत तो दूर अभी 10 प्रतिशत भी नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने अनधिकृत काॅलोनियों में शत प्रतिशत सीवर कनेक्शन देने के लिए जो खुद डेडलाईन तय की थी वह डेडलाईन आगामी दो महीने में समाप्त हो रही है। लेकिन इसके बावजूद अभी तक दिल्ली प्रदेश की ज्यादातर अनधिकृत काॅलोनियों में सीवर लाईन बिछाने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है जिसकी वजह से इन काॅलोनियों में रहने वाली आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पब्लिक को चार अस्पतालों और 16000 बेड का इंतजार

दिल्ली की सरकार ने साल 2022-23 के बजट में दिल्ली वालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली में चार नए अस्पतालों के निर्माण की घोषणा की थी। इसके अलावा 15 मौजूदा नए अस्पतालों का रिमाॅडलिंग कराए जाने की भी घोषणा बजट में की गई थी। इस दौरान इन घोषणाओं को करते हुए मनीष सिसोदिया ने कुल 9769 करोड़ रूपए का प्रावधान किया था। विधानसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने यह कहा था कि इस कार्य के बाद दिल्ली के अस्पतालों में कुल 16000 बेड की बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा दिल्ली में एक हजार मोहल्ला क्लीनिकों बढ़ाए जाएंगें ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले। लेकिन अभी तक न तो दिल्ली में एक हजार मोहल्ला क्लीनिक बने और न ही चार नए अस्पतालों का निर्माण शुरू हो पाया है। ऐसे में सरकार की लेटलतीफी के चलते अब दिल्ली की जनता को चार नए अस्पताल और 16000 बेड का इंतजार हर करना पड़ रहा है।

नहीं हुआ औद्यौगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास

दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में 25 अधिसूचित गैर अनुरूप औद्यौगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास करने का लक्ष्य तय किया था। यहा बता दें कि इसके लिए बकायदा बजट में कुल 1000 करोड़ रूपए भी आवंटित भी किए गए है। लेकिन अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से प्रदेश में 25 औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास के दिशा में कोई भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इस लिहाज से यह यह कहना कोई अनिश्योक्ति नहीं होगी कि दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री की ओर से बजट में की गई ज्यादातर घोषणाएं मौजूदा समय में अभी भी शुरू नहीं हो पाई है नतीजतन जनता को इन परियोजनाओं के लागू होना का इंतजार ही करना पड़ रहा है।

ये लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं।

CA.MANISH KUMAR GUPTA
(लेखक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

editorial

editor

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button